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उल्हासनगर मनपा में कब्जा हो रही है आरक्षित जमीन! शासन प्रशासन बना है गांधी के तीन बंदर!

ऐसा सिर्फ उल्हासनगर में होता है! जहाँ विस्थापितों के लिए आरक्षित भूखण्ड, भू-माफिया हड़प ले और शासन प्रशासन गांधी के तीन बंदरों की तरह बैठा रहे!! 
आयुक्त डा.राजा दयानिधि, महापौर लीलाबाई आसान 

उल्हासनगर महानगरपालिका अंतर्गत फुटपाथ, नाला, नदी,खेल के मैदान जैसी सरकारी जगहों को कब्ज़ा कर अवैैैध निर्माण किया जाना आम बात हो गयी है। इसी तर्ज पर अब धोबीघाट में विस्थापितों के लिए आरक्षित भूखण्ड पर कब्जा कर एक भू-माफिया गैरकानूनी तरीके से दुकानों का अवैध निर्माण कार्य कर रहा है। 
    प्रभाग-1अधिकारी गणेश शिंपी 

उल्हासनगर महानगरपालिका अंतर्गत प्रभाग समिति-1 के पैनल क्रमांक-1 धोबीघाट, अग्रवाल कंपाउंड के पास विस्थापितों के लिए आरक्षित भूखण्ड है। इस भूखण्ड के पास ही जल संसोधन केंद्र होने के कारण वहां से छोड़ा गया व बरसाती पानी निकलने के लिए यह खुली जगह सहायक थी। परंतु अब वह जगह भू माफिया द्वारा हड़पी जा रही है। और प्रभाग अधिकारी गणेश शिंपी के साथ ही वसूली में PHD आयुक्त डा.राजा दयानिधि , उमनपा में शिवसेना महापौर लीलाबाई आसान, उपायुक्त मदन सोंडे व प्रभाग के नगरसेवक गांधी के तीन बंदरों की मुद्रा में बने हुए हैं। आखिर किस मोह में गांधी के तीन बंदर बने हुए हैं, यह समझने की बात है।
मनसे नेता मैनुद्दीन शेख ने बताया इस जगह के कब्जा हो जाने से वर्षा जल निकासी में बाधा होगी जिससे हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहेगी। उन्होंने प्रशासन से यह सवाल भी किया कि इस दुर्घटना का जिम्मेदार कौन होगा? सत्ता में शिवसेना के आने के बाद से अवैध निर्माणों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस अवैध बांधकाम में वार्ड मुकादम महेन्द्र कारेकर व प्रभाग अधिकारी गणेश शिंपी नियमों को नजरअंदाज कर अवैध निर्माणकर्ता, भाजपा नेता राम चार्ली पारवानी का सहयोग कर रहे हैं, इस तरह का इल्ज़ाम भी लगाया। 
         उल्हासनगर शहर में भू माफिया और प्रशासन में बैठे अधिकारीयों ने साठगांठ कर सभी खाली पड़े भूखण्ड कब्जा कर उसपर अवैध निर्माण कर बेच डाला एक भी भूखण्ड नहीं छोड़ा। शहर में ट्रक टर्मिनल नहीं है। पार्किंग का निर्माण करने के लिए जगह नहीं। यहाँ तक अगर जरूरत पड़ने पर बिजली का ट्रांसफार्मर लगाना हो तो एक इंच जगह शहर में नहीं बची है। ऐसा है हमारे शहर का शासन और प्रशासन। 'बर्बाद गुलिस्ता करने को बस एक ही उल्लू काफी है, अंजामे गुलिस्ता क्या होगा जब हर शाख पर उल्लू बैठा है'





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