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पुलिस के कड़े बंदोबस्त के बावजूद, पान की दुकानों पर पहुंच रहा है टोनी का गुटखा।

गुनाहों का बेताज बादशाह टोनी बेचता है गुटखा, करोड़ों की है बिक्री, कन्हैया थोराट का है आशिर्वाद!!

उल्हासनगर संवाददाता
उल्हासनगर शहर के हर गली चौराहे, पान की दुकानों पर खुलेआम बिकता है प्रतिबंधित गुटखा पान मसाला। पुलिस से शिकायत करने पर कहते हैं अन्न औषधि प्रशासन की जिम्मेदारी है। पर हर महीने पुलिस वसुलती है हफ्ता।
पता चला है कि उल्हासनगर कैम्प क्रमांक 4 के 26 सेक्सन गुरुसंगत दरबार के पास टोनी गुटखे वाले के नाम से मशहूर हर रोज ट्रकों से मंगवाता है गुटखा वहीं बंद बैरेक में बनाया है, गोदाम उल्हासनगर 1 से 5 ही नहीं कल्याण के साथ ही आस पास के शहरों को भी पहुंचाता है प्रतिबंधित गुटखा। विमल, शुद्ध प्लस, RMD के अलावा अनेकों प्रकार के गुटखे का थोक व्यापारी है टोनी। बताया जाता है सुबह 4/ 5 बजे गुजरात से गुटखे से लदा हुआ ट्रक आता है। और दिन भर तीन चक्का, चार चक्का और अक्टिवा के डिक्की में व आगे रखकर दुकानों पर पहुंचाया जाता है।विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन के कन्हैया ही नहीं पुलिस के कयी बड़े अधिकारियों को हर महीने लाखों का हफ्ता बांटता है टोनी।             टोनी गुटखे वालाा 

जब से विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन का पद भार कन्हैया थोराट ने संभाला है, तबसे विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन के सभी वसुली वाले पुलिसकर्मी परेशान हैं। क्योंकि कन्हैया सारा माल खुद ही गुड़ूप कर ले जाते हैं। बताया जाता है  निरीक्षक थोराट विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन में पदस्थ होने के लिए एक करोड़ रुपये पुलिस के उच्च अधिकारियों को देकर आये हैं। यह वही मामला हो सकता है जिस मामले को तत्कालीन आईपीएस रश्मि शुक्ला ने उजागर किया था। अब सरकार उन्हें फसाने में लगी हुई है। वही रुपये जमा करने के लिए सभी अवैध धंधों का हफ्ता डेढ़ गुना से ज्यादा कर दिया गया है। पहले जहाँ डांसबार का हफ्ता 70 हजार था, थोराट के आने के बाद 1 लाख 25 हजार हो गया है। ज्यादा हफ्ता देने के लिए डांसबार वालों ने बनवाया वीआईपी रुम इसमें क्या होता है? यह तो डांसबार वाले बता सकते हैं, इस्तेमाल करने वाले के अलावा वरिष्ठ निरीक्षक थोराट ही बता सकते हैं।

कोविड-19 की इस महामारी के दौरान जब हर चौराहे पर पुलिस का पहरा होने के बावजूद हर चाय, पान की दुकान पर प्रतिबंधित गुटखा मिलता है। इस तरह से चलता है, पुलिसिया कारोबार! ऐसे शासन प्रशासन से एक उन्नत समाज की कल्पना कैसे की जा सकती है। यह सोचने का समय अब आ गया है। 

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