पैराडाइन ग्रुप का बांधकाम
उल्हासनगर महानगरपालिका अंतर्गत फुटपाथ, नाला, नदी, खेल के मैदान आदि सरकारी जगहों पर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य किया जाना आम बात है। इस तरह की खबरें आप रोज समाचार पत्रों में और सोसल मिडिया पर देखते होंगे। उल्हासनगर में फिर इसी तरह की एक घटना प्रकाश में आयी है। जहाँ एक विकासक द्वारा 20 फुट चौड़े प्राकृतिक नाले को मिट्टी डाल कर पाट दिया और वहाँ बहुमंजिला इमारत का निर्माण कार्य शुरू है। उल्हासनगर की झूंठे प्लान पर बनी कोणार्क रेसीडेंसी रु. 50/के स्टॉप पर बना यह संकुल, विरोध में विधानसभा मेें आवाज उठी जांच शुरू हुई परंतु इमारत को कुछ नहीं हुआ।
उल्हासनगर महानगरपालिका अंतर्गत प्रभाग समिति-1 के प्रभाग क्र.3 के हरमन मोहता नामक लोहा छड़, गाटर बनाने वाली जो करीब 20 वर्षों पहले बंद हो गयी थी। उस जगह का कुछ हिस्से में अब निमार्ण कार्य शुरू है। पूर्व में यह जगह कुमार लॉन के नाम से विख्यात थी। जगह के बीच से एक २० फुट चौड़ा प्राकृतिक नाला बहता था। नाले के अस्तित्व में होने का रिकॉर्ड उमनपा के स्वच्छता विभाग में दर्ज है। हर वर्ष बरसात से पहले नाले को पोकलैन मशीन से साफ किया जाता था, परंतु इस स्थान पर महानगर पालिका की अनुमति लिए बिना पैराडाइन ग्रुप के विकासक द्वारा प्राकृतिक रुप से बहनेवाले नाले को मिट्टी डाल कर पाट दिया गया और उस जमीन पर बहुमंजिला इमारत का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। उक्त नाले की जगह में बदलाव करके एक छोटे नाले का निर्माण किया गया है। बीस फूट चौड़े नाले से आस पास के झोपड़पट्टी का गंदा पानी बहता था व वर्षा का पानी भी बह जाता था। नाले में बदलाव के कारण उक्त जगह का गंदा पानी निकल नहीं पा रहा है और झोपड़पट्टी में रह रहे लोगों के घरों में गंदे पानी का रिसाव शुरू हो गया है। बरसात शुरू होने पर क्या होगा? यह तो वक्त ही बतायेगा। इस बदलाव को देखते हुए वार्ड 3 के शिवसेना नगरसेवक राजेंद्र सिंह भुल्लर महाराज ने मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर सवाल किया है कि नाले को बंद कर उसपर निर्माण कार्य करने और नाले के मूल स्वरूप में बदलाव करने की अनुमति किसने दी ? जलापूर्ति विभाग ने नल जोड़ने की अनुमति दी है? इसी प्रकार विकासक ने उमनपा से किसी प्रकार का ना हरकत परवाना लिया है? इन सवालों के जवाब मनपा प्रशासन से लिखित रुप में मांगे हैं। क्योंकि यह अत्यंत गंभीर विषय है। बहुमंजिला इमारत बनने से यहां के गरीब नागरिकों को तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बारीश में वाल्मीक नगर शहाड सहित फूले नगर के डूबने की आशंका पैदा हो गयी है। प्रभाग 3 के नगरसेवक राजेंद्र सिंह भुल्लर महाराज
उल्हासनगर में नाला कब्जा करने का यह एक अकेला मामला नहीं है, इसके पहले भी सी ब्लाक परिसर में चंदर बाबलानी ने मरम्मत की इजाजत लेकर चहारदीवारी घेर कर नाले की घेराबंदी की और मिट्टी डाल कर नाले को पाटकर उस जगह पर अवैध निर्माण खड़ा कर दिया। जिसके चलते सी ब्लाक, इंदिरा गाँधी, राजीवगांधी नगर, बालकृष्ण नगर के साथ गोल मैदान और नेहरु चौक तक पानी भर जाता है। इसी तरह कोनार्क रेसिडेंसी के निर्माणकर्ताओं ने भी एक नाला घुमा दिया था जिसके चलते आज भी बारिश में शहाड झोपड़पट्टी में रह रहे लोगों के घरों में पानी भर जाता है। चंदर बाबलानी द्वारा पाटे गये नाले को खुलवाने के लिए तत्कालीन नगरसेवक रामसागर यादव ने बड़ी कोशिश की मोर्चा निकाला धरना दिया परंतु नाला नहीं खुला आज भी वह अवैध निर्माण खड़े होकर यहां के रहवासियों, उमनपा प्रशासन विधायक, नगरसेवक व महापौर को मुह चिढा रहे हैं। और पूछ रहे हैं तुमने मेरा क्या कर लिया।
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