ठाणे पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह
उल्हासनगर पुलिस स्टेशन की हद में कई जुए मटके के अवैध धंधे चालू हैं और उनका संरक्षण पुलिस वाले ही करते हैं। इसी तरह का एक मामला शहाड परिसर में नजर आया। आर बी कदम वरिष्ठ निरीक्षक उल्हासनगर पुलिस स्टेशन
ठाणे के नवनियुक्त पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह २८ मई २०२१ को उल्हासनगर दौरे पर थे। इसलिए शहाड स्टेशन के पास स्थित शहाड चौक पर पीएसआई सचिन शिंदे की ड्युटी लगी थी और वहीं जोया अपार्टमेंट के पीछे शुलभ शौचालय के पास गली में छोटू सावंत का मटका जुआ और अनेकों तरह के जुए चल रहे थे। मटके की चिट्ठी लेकर नंबर खुलने के इंतजार में वहां लोग खड़े थे, भीड़ लगी थी। उस भीड़ को शिंदे साहब ने हटा दिया पर मटके के अड्डे को बंद नहीं किया आखिर रोजी रोटी का सवाल जो ठहरा। मटका चलाने वाला उल्हासनगर पुलिस को हर महीने ५० हजार जो देता है। उल्हासनगर परिमंडल 4 उपायुक्त प्रशांत मोहिते
इसी तरह फक्कड़ मंडली के पास शंकर कुकरेजा दर्जनों तरह के जुए चलाता है। इस शंकर की तो किराना दुकान भी है वहाँ भी मिलावट का काला धंधा करता है। सरकारी राकेल ब्लैक करता है। पुलिस को क्या उसे तो अपने हफ्ते से मतलब है। जनता जाये भाड़ में! कैम्प नं.दो में छोटू सरदार का जुआघर है। एक नंबर पोस्ट आफिस के सामने। इस तरह के जुआघर खुलने से पुलिस स्टेशन आकर सांठ गांठ कर महिने में कितना देना पड़ेगा यह तय करने के बाद ही अड्डा शुरू करते हैं।
यही हैं वह काबिल पीएसआई सचिन शिंदे
ठाणे के नवनियुक्त पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह २८ मई २०२१ को उल्हासनगर दौरे पर थे। इसलिए शहाड स्टेशन के पास स्थित शहाड चौक पर पीएसआई सचिन शिंदे की ड्युटी लगी थी और वहीं जोया अपार्टमेंट के पीछे शुलभ शौचालय के पास गली में छोटू सावंत का मटका जुआ और अनेकों तरह के जुए चल रहे थे। मटके की चिट्ठी लेकर नंबर खुलने के इंतजार में वहां लोग खड़े थे, भीड़ लगी थी। उस भीड़ को शिंदे साहब ने हटा दिया पर मटके के अड्डे को बंद नहीं किया आखिर रोजी रोटी का सवाल जो ठहरा। मटका चलाने वाला उल्हासनगर पुलिस को हर महीने ५० हजार जो देता है। उल्हासनगर परिमंडल 4 उपायुक्त प्रशांत मोहिते
इसी तरह फक्कड़ मंडली के पास शंकर कुकरेजा दर्जनों तरह के जुए चलाता है। इस शंकर की तो किराना दुकान भी है वहाँ भी मिलावट का काला धंधा करता है। सरकारी राकेल ब्लैक करता है। पुलिस को क्या उसे तो अपने हफ्ते से मतलब है। जनता जाये भाड़ में! कैम्प नं.दो में छोटू सरदार का जुआघर है। एक नंबर पोस्ट आफिस के सामने। इस तरह के जुआघर खुलने से पुलिस स्टेशन आकर सांठ गांठ कर महिने में कितना देना पड़ेगा यह तय करने के बाद ही अड्डा शुरू करते हैं।
यही हैं वह काबिल पीएसआई सचिन शिंदे
आजकल तो पुलिस की कमाई जोरों पर है हफ्ता देने वाले बढ़ गये हैं पहले तो जुआरी शराबी व गुटखे वालों से ही हफ्ता मिलता था। अब हाथगाड़ी वाले, किराना व सब्जी वाले नाई भी हफ्ता दे रहे हैं। शायद इसीलिए पुलिस नहीं चाहती कि करोना महामारी खत्म हो। इस तरह आपदा को अवसर मे बदलना कोई पुलिस प्रशासन से सीखे।
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