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राष्ट्रवादी नेता और पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के घर के साथ ही और ठिकानों पर CBI की छापेमारी।

100 करोड़ वसूली मामले में, महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सीबीआई ने दर्ज की FIR घर के साथ कई ठिकानों पर छापेमारी, नजदीकियों के घर पहुंची CBI

 महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दिल्ली में सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर मुंबई नागपुर के साथ ही अन्य कई ठिकानों पर मुंबई और दिल्ली के सीबीआई अधिकारियों ने मारा छापा। देशमुख के अलावा और कई लोगों पर पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने लगाये थे आरोप, उनकी भी जांच शुरू।

इससे पहले सीबीआई ने जांच के तहत देशमुख से पूछताछ की थी और उनका बयान दर्ज किया था।सीबीआई ने उनके दो पीए का भी बयान दर्ज किया था।सीबीआई ने परमबीर सिंह का भी बयान दर्ज किया था। इसके अलावा सीबीआई ने गिरफ्तार पुुलिसकर्मी सचिन वाजे से भी पूछताछ की थी। सचिन वाजे को एनआईए ने कथित तौर पर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से लदी गाड़ी पार्क करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

अनिल देशमुख पर सीबीआई द्वारा दर्ज किये गए FIR पर संजय राउत ने कहा कि सीबीआई का एजेंडा है। हाई कोर्ट का आर्डर है, कानून से ऊपर कोई नहीं है। मुझे लगता है, सीबीआई जो कार्रवाई कर रही है उसपर अभी किसी प्रकार का मत व्यक्त करना या टिप्पणी करना किसी के लिए उचित नहीं होगा। अनिल देशमुख जी ने अपनी सफाई पहले रखी है, अब हाई कोर्ट के पास प्राइमरी रिपोर्ट जानी है। वो हम लोग देख लेंगे, लेकिन अभी मुझे लगता है सीबीआई अपना काम कर रही है। हाई कोर्ट ने अपना काम किया है और महा विकास अघाड़ी अपना काम कर रही है।

अनिल देशमुख पर दर्ज एफआईआर के मामले में नवाब मलिक ने पलटवार किया है। मलिक ने सीबीआई से सवाल पूछे है। मलिक ने पूछा कि क्या CBI ने कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी? क्या कोर्ट ने FIR दर्ज करने को कहा है ? इसकी जानकारी नहीं है। अनिल देशमुख ने हमेशा सहयोग किया है।आज जगह-जगह छापेमारी की बात सामने आ रही है। यह FIR राजनीति से प्रेरित है। एंटीलिया केस में सचिन वाज़े किसके कहने पर काम कर रहा था। यह अब तक नहीं बताया गया। अनिल देशमुख को बदनाम करने और सरकार को बदनाम करने की साजिश है। परमबीर सिंह को पुलिस आयुक्त पद से हटाने के बाद, राजनैतिक षड्यंत्र है।

इस मामले में परमबीर सिंह ने हाईकोर्ट का रुख किया था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने परमबीर के आरोपों की जांच सीबीआई से करने के लिए कहा था।कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई अगले 15 दिन की रिपोर्ट देगी जिसके बाद यह फैसला होगा कि अनिल देशमुख पर एफआईआर दर्ज की जाय या नहीं।

बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोप के बाद अनिल देशमुख को सूबे के गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। परमबीर सिंह ने एक चिट्ठी लिख कर अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली कराने का आरोप लगाया था। सीएम को लिखी चिट्ठी में सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख अपने आवास पर सचिन वाज़े से मुलाकात करते थे। साथ ही उन्होंने हर महीने मुंबई से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने की बात कही थी।

परमबीर सिंह के चिट्ठी के बाद महाराष्ट्र में सियासी संकट जोर पकड़ने लगा था।अनिल देशमुख विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। शुरुआत में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने देशमुख का बचाव किया और उनके इस्तीफे से इनकार किया था। उन्होंने देशमुख पर लगे आरोप को राजनीति से प्रेरित बताया था। मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद, कोर्ट ने मामले के गंभीरता को देखते हुए सीबीआई के हवाले कर दिया। जिसके बाद मजबूरी में अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था। 

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