सतिश पाटिल (कलेेक्टर)
उल्हासनगर संवाददाता
ठाणे परिमंडल 4 उल्हासनगर मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के हद में चोपड़ा कोर्ट के पीछे चल रहा है अवैध जुआघर। इस जुआघर की शिकायत कुछ दिनों पहले शहर के विधायक कुमार आयलानी ने परिमंडल 4 के पुलिस उपायुक्त प्रशांत मोहिते से की थी। दबाव पर पुलिस छापा मारने का दिखावा तो करती है परंतु पुलिस के जाते ही जुआ घर फिर जोर शोर से शुरू हो जाता है।
अभिजीत सोनावणे
ठाणे परिमंडल 4 उल्हासनगर मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के हद में चोपड़ा कोर्ट के पीछे चल रहा है अवैध जुआघर। इस जुआघर की शिकायत कुछ दिनों पहले शहर के विधायक कुमार आयलानी ने परिमंडल 4 के पुलिस उपायुक्त प्रशांत मोहिते से की थी। दबाव पर पुलिस छापा मारने का दिखावा तो करती है परंतु पुलिस के जाते ही जुआ घर फिर जोर शोर से शुरू हो जाता है।
अभिजीत सोनावणे
उल्हासनगर के मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के हद में पुलिस से सांठगांठ कर चोपड़ा कोर्ट के पीछे चल रहा है तीन पत्ती, आईपीएल मैच पर सट्टा और हुक्का बार। सुत्रों से मिली जानकारी अनुसार पुलिस स्टेशन में शिकायत करने पर पहले तो पुलिस कार्रवाई करती नहीं, दबाव में अड्डे पर जाना पड़े तो पहले ही अड्डे वाले को सूचना मिल जाती है। जुआरी और जुआचालक वहां से गायब हो जाते हैं। पुलिस के जाने के बाद तुरंत ही यह जुआघर जोर शोर से शुरू हो जाता है। पता चला है कि 10 दिन पहले इसी तरह का एक नकली छापा पड़ा था। मिली जानकारी अनुसार जुआघर को मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के कलेक्टर सतीश पाटिल (वसुलीबाज) का संरक्षण प्राप्त है।
नाना बागुल
नाना बागुल
राजनीतिक संरक्षण
उल्हासनगर में ज्यादातर अवैध धंधे राजनीतिक संरक्षण में चल रहे हैं। चाहे वह जुआघर हो, लाजींग बोर्डिंग में चल रही वेश्या व्यवसाय हो या फिर अवैध निर्माण या फिर मैच सट्टा, फिक्सिंग। बताया जाता है चोपड़ा कोर्ट के पीछे चल रहे जुआघर का चलाने वाला अभिजीत सोनवणे है। जो पुर्व आरपीआय अध्यक्ष नाना बागुल का भांजा है। मामा जात भाई स्वपनिल बागुल नगरसेवक है। काका ढाबा में इनका हुक्का पार्लर था जहाँ एक बार हुक्का भरकर देने की कीमत रुपये 900/था। जहाँ जुआघर चल रहा है, वह मकान पुर्व हुक्का बार चालक छोटू का है। जिसकी गाड़ी पर लिखा है बिल्लास रुल। उल्हासनगर में अवैध धंधो का राजनीतिकरण हो गया और इसका भरपूर फायदा पुलिस उठा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण है। ज्यादातर पुलिस सिपाही के पास एक विशेष तरह के विलासिता संपन्न कार, मकान और फार्म हाउस हैं। डांसबार के ज्यादातर ग्राहक इस तरह के पुलिस वाले ही हैं।
उल्हासनगर में ज्यादातर अवैध धंधे राजनीतिक संरक्षण में चल रहे हैं। चाहे वह जुआघर हो, लाजींग बोर्डिंग में चल रही वेश्या व्यवसाय हो या फिर अवैध निर्माण या फिर मैच सट्टा, फिक्सिंग। बताया जाता है चोपड़ा कोर्ट के पीछे चल रहे जुआघर का चलाने वाला अभिजीत सोनवणे है। जो पुर्व आरपीआय अध्यक्ष नाना बागुल का भांजा है। मामा जात भाई स्वपनिल बागुल नगरसेवक है। काका ढाबा में इनका हुक्का पार्लर था जहाँ एक बार हुक्का भरकर देने की कीमत रुपये 900/था। जहाँ जुआघर चल रहा है, वह मकान पुर्व हुक्का बार चालक छोटू का है। जिसकी गाड़ी पर लिखा है बिल्लास रुल। उल्हासनगर में अवैध धंधो का राजनीतिकरण हो गया और इसका भरपूर फायदा पुलिस उठा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण है। ज्यादातर पुलिस सिपाही के पास एक विशेष तरह के विलासिता संपन्न कार, मकान और फार्म हाउस हैं। डांसबार के ज्यादातर ग्राहक इस तरह के पुलिस वाले ही हैं।
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