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जुआ माफिया और अवैध निर्माण करने वाला उद्योगपति!

ऐसा सिर्फ उल्हासनगर में होता है, जहाँ आन लाइन जुआ चलाने वाले को उद्योगपति कहा जाता है!

उल्हासनगर संवाददाता
उल्हासनगर शहर में अवैध धंधा करने वालों को तरजीह देकर नेतृत्व में प्रमुख स्थान दिया जाता है। जैसे आन लाइन कंप्यूटर जुआ माफिया, अवैध निर्माणकर्ता, सरकारी जमीन हड़पू, संगठित गुनाहगारों की टोली चलाने वाले उल्हासनगर की सत्ता के शीर्ष पर बैठे हुए नजर आते हैं। जो अपने स्वयं के विकास और अय्याशी के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे लोगों से शहर विकास की उम्मीद कहाँ तक की जा सकती है? जनता के सामने यह एक प्रश्न है। उद्योगपति सुमित चक्ररवर्ती 

उल्हासनगर शहर ही नहीं कल्याण अंबरनाथ या फिर ठाणे जिले में जहाँ भी लाटरी सेंटर शुरू करना हो तो टीओके समर्पित युटीए अध्यक्ष सुमित चक्रवर्ती का नाम आता है। 15 मिनट में निकलने वाली आन लाइन कंप्यूटर लाटरी (जुआ) उद्योग के उद्योगपति हैं सुमित चक्रवर्ती। बताया जाता है, इनके हाथ बड़े ही लंबे हैं। उसी हाथ को थामकर कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष शंकर आहुजा भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पिछले दिनों आहुजा के आन लाइन कंप्यूटर जुआ की चर्चा समाचारों पत्रों की सुर्खियों में थी।    कांग़ेस सेवादल अध्यक्ष शंकर आहुजा 

महाराष्ट्र सरकार में गृहमंत्री रहे अनिल देशमुख ने ठाणे पुलिस आयुक्त को भी शायद 100 करोड़ वसुली का लक्ष्य दे रखा था। इसीलिए पुलिस इस तरह के अवैध लाटरी को बंद कराने की बजाय वहां से 50 हजार रुपये महीने वसूल रही है। ठाणे हफ्ता विरोधी प्रकोष्ठ के वरिष्ठ निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे को भी हर महीने हफ्ता पहुंच रहा है। इस अवैध लाटरी से सरकारी खजाने में तो कुछ नहीं जाता फिर भी दुकानों पर खुलेआम बोर्ड लगा कर यह अवैध कारोबार चलाया जा रहा है "खेलेगा तो जीतेगा इंडिया" जनता अपने पसीने की गाढ़ी कमाई गंवा रही है। इस तरह का अवैध कारोबार चलाने वाले और उसके संरक्षक कमाकर माला माल हो रहे हैं। 

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