कल्याण. कल्याण सत्र न्यायाधीश केडी जाधव ने सोमवार २२ मार्च २०२१को उल्हासनगर के पूर्व कांग्रेसी नगरसेवक गोदू कृष्णानी केेेे साथ, सुपुत्र प्रवीण कृष्णानी और रवी वलेचा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज़ कर दी। इन तीनों पर गैंगस्टर नरेश चढ्ढी की हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप है। गोदू कृष्णानी पर समय समय पर फर्जी सनद बनाकर सरकारी जमीन हड़पने के आरोप भी लगते रहे हैं। गोदू शराब होटल व्यवसायी होने के साथ ही कांग्रेस नेता हैं और नगरसेवक रह चुके हैं। गोदू कृष्णानी
प्रवीण कृष्णानी
उल्हासनगर के मशहूर समाज सेवक कारी माखिजा ने बताया कि उन्होंने ही नरेश चड्डी की हत्या हुई है यह राज उजागर किया था। एक दिन रवी वलेचा कारी माखिजा के उल्हासनगर १ नंबर स्थित कार्यालय में आया और कहने लगा कि मैने ही नरेश चढ्ढी की हत्या की है। इसपर कारी ने कहा मैं कैसे मान लूं की तुमने ही हत्या की है। रवी ने तुरंत गोदू के सुपुत्र प्रविण को फोन पर संपर्क किया और एक लाख रुपये की मांग रखी तुरंत ही प्रविण ने मान लिया और कहा होटल से आकर ले लो, जिस होटल से पैसे लेने की बात तंय हुई थी वह होटल गोदू कृष्णानी का प्रविण होटल था। यह सारी घटना गुप्त कैमरे में रिकार्ड हो रही थी। इस तरह यह भी पूछ लिया की हत्या कैसे की गयी। रवी ने आगे बताया कि हत्या करने के लिए उसने छह महीने तक चड्डी के यहाँ नौकरी की और विश्वास हासिल करने के बाद एक दिन सोना साफ करने वाला एक केमिकल चड्डी की चाय में मिला दिया और इस प्रकार नरेश चड्डी का अंत हो गया।
चड्डी की मौत का मामला तो आया गया हो जाता परंतु एक बांधकाम व्यवसायी को धमकाते हुए गोदू कृष्णानी ने खुद ही कबूल कर लिया था कि "मैने ही नरेश चड्डी को मारा है" और इस मामले की रिकार्डिंग सोसल मिडिया पर प्रसारित हो गयी। जिसके बाद बड़ी मसक्त के बाद कल्याण की खड़कपाड़ा पुलिस ने गोदू, प्रवीण और रवि के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया। और जांच का जिम्मा एसीपी अनिल पोवार को दिया गया। मामले की गंभीरता को दरकिनार करते हुए पोवार ने सी समरी रिपोर्ट दाखिल कर दिया। जबकि कारी माखिजा ने कत्ल के सबूत होने की जानकारी पत्र द्वारा पोवार को दिया था। फिर भी कारी का बयान लेना जरूरी नहीं समझा।
राजकुमार कोथमिरे
कल्याण के मशहूर वकील दीपक मिश्रा ने मामले में प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल किया जिसके बाद मा.न्यायाधीश ने सी समरी रिजेक्ट कर पुनः जांच का आदेश दे दिया, गिरफ्तारी से बचने के लिए तीनो आरोपियों ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करने के लिए मुंबई के नंबर एक वकील हर्षद पोंडा को मुकर्रर किया। जिनका मुंबई से कल्याण आने-जाने का एक बार का 10 लाख रुपए खर्च पड़ता था। लेकिन दीपक मिश्रा के तर्क तथा कारी माखिजा के वकील अमित सिंह द्वारा लिखित पत्र जो कारी माखिजा द्वारा उच्च न्यायालय, सत्र न्यायालय को जमानत रद्द करने के लिए दिए गए उसके आगे पोंडा की एक भी नहीं चली। अंत में २२ मार्च २०२१ को न्यायाधीश ने तीनों आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी और अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया।
बतादें कि अग्निपर्व टाइम्स ने नरेश चढ्ढी मामले के सबूत ठाणे हफ्ता विरोधी प्रकोष्ठ निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे द्वारा हत्या मामले में आरोपी गोदू कृष्णानी को बेचे जाने की खबर लिखी थी। हफ्ता विरोधी प्रकोष्ठ के वरिष्ठ निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे एक भ्रष्ट और विवादास्पद अधिकारी हैं। कई मामलों में उनपर जांच चल रही है जैसे ठाणे के कार व्यवसायी मनसुख हिरेन हत्या मामला, पालघर के बांधकाम व्यवसायी मयूरेश राऊत की २६ करोड़ की जमीन और दो महंगी कारों के हड़पे जाने के साथ उल्हासनगर के स्वामिनी साड़ी डीपो के मालिक के घर में फर्जी ईडी अफसर बनकर छापा मारकर १५ करोड़ ८० करोड़ लूट कर ले जाने के मामलों की जांच चल रही है। उनसे NIA ने हिरेन हत्या, मामले पूछताछ भी की है। आगे भी पूछताछ किये जाने की संभावना है।
राजकुमार कोथमिरे
कल्याण के मशहूर वकील दीपक मिश्रा ने मामले में प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल किया जिसके बाद मा.न्यायाधीश ने सी समरी रिजेक्ट कर पुनः जांच का आदेश दे दिया, गिरफ्तारी से बचने के लिए तीनो आरोपियों ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करने के लिए मुंबई के नंबर एक वकील हर्षद पोंडा को मुकर्रर किया। जिनका मुंबई से कल्याण आने-जाने का एक बार का 10 लाख रुपए खर्च पड़ता था। लेकिन दीपक मिश्रा के तर्क तथा कारी माखिजा के वकील अमित सिंह द्वारा लिखित पत्र जो कारी माखिजा द्वारा उच्च न्यायालय, सत्र न्यायालय को जमानत रद्द करने के लिए दिए गए उसके आगे पोंडा की एक भी नहीं चली। अंत में २२ मार्च २०२१ को न्यायाधीश ने तीनों आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी और अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया।
बतादें कि अग्निपर्व टाइम्स ने नरेश चढ्ढी मामले के सबूत ठाणे हफ्ता विरोधी प्रकोष्ठ निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे द्वारा हत्या मामले में आरोपी गोदू कृष्णानी को बेचे जाने की खबर लिखी थी। हफ्ता विरोधी प्रकोष्ठ के वरिष्ठ निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे एक भ्रष्ट और विवादास्पद अधिकारी हैं। कई मामलों में उनपर जांच चल रही है जैसे ठाणे के कार व्यवसायी मनसुख हिरेन हत्या मामला, पालघर के बांधकाम व्यवसायी मयूरेश राऊत की २६ करोड़ की जमीन और दो महंगी कारों के हड़पे जाने के साथ उल्हासनगर के स्वामिनी साड़ी डीपो के मालिक के घर में फर्जी ईडी अफसर बनकर छापा मारकर १५ करोड़ ८० करोड़ लूट कर ले जाने के मामलों की जांच चल रही है। उनसे NIA ने हिरेन हत्या, मामले पूछताछ भी की है। आगे भी पूछताछ किये जाने की संभावना है।
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