भ्रष्टाचारी आयुक्त डॉ.राजा दयानिधि को हटाओ।
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
युवाधिकारी शिवसेना
प्रभाग समिति २, बैरेक नंबर ३३७ के पास जोखिम आधारित प्लान के नाम पर महिला शौचालय, नाली, सीसी पैसेज रास्ता हड़पकर भाजपा नगरसेवक जया माखिजा का देवर बाबू माखिजा बना रहा है, बहुमंजिली इमारत शिवसेना युवा अधिकारी, रिपब्लिकन आठवले गट का राठी इसी तरह उल्हासनगर की टीओके के कई। लोग अवैध निर्माण कर रहे हैं। जिनका साथ आयुक्त और प्रभाग अधिकारी दे रहे हैं। उमनपा की तिजोरी के साथ ही शहर वासियों के अधिकारों पर डाल रहे हैं डाका अब मुख्यमंत्री ही उल्हासनगर को बचा सकते हैं।
सीसी पैसेज, शौचालय की जमीन पर खड़े हरे पीपल और बरगद के पेड़ों को काटकर हड़पी जा रही है जमीन, प्रभाग अधिकारी अनिल खतुरानी की हो गई जेब गरम कहते हैं, प्लान पास है! जब तक इमारत का निर्माण पूरा नहीं होता तब तक रहता है, प्लान निर्माण पूरा होने के बाद जानकारी मांगने पर जानकारी दी जाती है। प्लान रिकार्ड में है ही नहीं कहाँ गायब हो जाता है प्लान? आयुक्त डॉ राजा दयानिधि
सीसी पैसेज, शौचालय की जमीन पर खड़े हरे पीपल और बरगद के पेड़ों को काटकर हड़पी जा रही है जमीन, प्रभाग अधिकारी अनिल खतुरानी की हो गई जेब गरम कहते हैं, प्लान पास है! जब तक इमारत का निर्माण पूरा नहीं होता तब तक रहता है, प्लान निर्माण पूरा होने के बाद जानकारी मांगने पर जानकारी दी जाती है। प्लान रिकार्ड में है ही नहीं कहाँ गायब हो जाता है प्लान? आयुक्त डॉ राजा दयानिधि
जया माखिजा और प्रकाश माखिजा
इसी तरह शिवसेना युवाअधिकारी ने शहर में दर्जनों जोखिम आधारित प्लान पर पांच मंजिला इमारतों का अवैध निर्माण किया है, और आज भी शुरू है। जल्द ही टिओके में शामिल हुए नगरसेवक हरेश जग्यासी के वार्ड में भी डबल टियर गाटर इमारत का अवैध निर्माण शुरू है। जिसके लिए पत्रकार शिवकुमार मिश्रा ने आत्मदहन का नोटिस जारी किया था पुलिस और प्रभाग अधिकारी अजय ऐडके के आश्वासित करने पर आत्मदहन का नोटिस वापस ले लिया गया परंतु पैसे ले चुके प्रभाग अधिकारी अवैध इमारत तोड़ने में नाकाम साबित हो रहे हैं। एक ओर जहां प्रभाग अधिकारी पर वादा खिलाफी का इल्ज़ाम लग रहा है तो वंही शिवकुमार मिश्रा को भी लोग सक की निगाह से देख रहे हैं। नगरसेवक हरेश जग्याशी
प्रभाग २ अधिकारी अनिल खतुरानी
इसी तरह प्रभाग दो में अनगिनत अवैध डबल टियर गाटर और जोखिम आधारित अनेकों बहुमंजिला अवैध इमारतों का निर्माण प्रभाग अधिकारी अनिल खतुरानी के सहयोग से चल रहा है। जबसे अनिल खतुरानी को प्रभाग २ का प्रभाग अधिकारी बनाया गया है तबसे वे सिर्फ अवैध निर्माणों को बढ़ावा दे रहे हैं। व अपने कार्यालय में मिलते ही नहीं ताकि किसी को जवाब न देना पड़े। कार्यालय का कारोबार अस्तव्यस्त हो गया है। अनिल खतुरानी के प्रभाग में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण शुरू है। इसी तरह प्रभाग तीन में उल्हासनगर स्टेशन उड़ान पुल के पास बिना प्लान अवैध बहुमंजिला इमारत का निर्माण हो रहा है। उल्हासनगर शहर में इस समय अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आई हुई है। जहाँ देखो खाली पड़ी सरकारी जमीन हड़पी जा रही है। सी.सी पैसेज व नाली, रास्ता और छोटी-छोटी जगह भी नहीं छोड़ रहे हैं ठेकेदार।जगह हड़पने के लिए ठेकेदार पीपल बरगद के पेड़ धड़ल्ले से काट दे रहे हैं। जिससे हमें प्राणवायु मिलती है। शहर के हालात ऐसे हैं कि एक घर की छत से दूसरे घर की छत पर जाया जा सकता है। दो घरों की खिड़कियों से हाथ बाहर निकालकर सब्जी की कटोरी दी जा सकती है। शहर के लोग शुद्ध हवा और पानी के लिए परेशान हैं फिर भी अवैध निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। उल्हासनगर शहर में उच्च न्यायालय ने नाली, गटर और सरकारी जमीन पर बने हुए अवैध निर्माणों को तोड़ने का आदेश दिया था। परंतु उन अवैध निर्माणों को तोड़ने की बजाय अब भी नाली गटर रास्ते शौचालय हड़पकर अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहे हैं। अनिल खतुरानी
१७ अगस्त २०२० को अधिनियम ३९७(अ) कलम २६०,२६१,२६४,२६७ के अलावा ४७८ के तहत वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्र सिंह भुल्लर महाराज ने महासभा में प्रस्ताव लाया था। जिसमें ५० अवैध बांधकाम दर्शाया गया था। परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई बल्कि अवैध बांधकामों में और तेजी आ गई। इससे यह साबित होता है कि महानगर पालिका अधिकारी महासभा, न्यायालय की भी परवाह नहीं करते। इन अवैध निर्माणों में सरकारी कर्मचारियों और स्थानीय नेतृत्व का भरपूर सहयोग रहता है। लगभग सभी अवैध निर्माणों में स्थानीय नगरसेवक की हिस्सेदारी होती है परंतु आज तक एक भी नगरसेवक, सेविका पर कानूनी कार्रवाई नहीं हुई। अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उल्हासनगर के अवैध बांधकामों को रोकने के लिए कुछ करें तो शायद इन भ्रष्टाचारियों से शहर को मुक्ति मिल सकती है।
१७ अगस्त २०२० को अधिनियम ३९७(अ) कलम २६०,२६१,२६४,२६७ के अलावा ४७८ के तहत वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्र सिंह भुल्लर महाराज ने महासभा में प्रस्ताव लाया था। जिसमें ५० अवैध बांधकाम दर्शाया गया था। परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई बल्कि अवैध बांधकामों में और तेजी आ गई। इससे यह साबित होता है कि महानगर पालिका अधिकारी महासभा, न्यायालय की भी परवाह नहीं करते। इन अवैध निर्माणों में सरकारी कर्मचारियों और स्थानीय नेतृत्व का भरपूर सहयोग रहता है। लगभग सभी अवैध निर्माणों में स्थानीय नगरसेवक की हिस्सेदारी होती है परंतु आज तक एक भी नगरसेवक, सेविका पर कानूनी कार्रवाई नहीं हुई। अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उल्हासनगर के अवैध बांधकामों को रोकने के लिए कुछ करें तो शायद इन भ्रष्टाचारियों से शहर को मुक्ति मिल सकती है।
0 टिप्पणियाँ