बीच में दिखाई दे रहे हैं प्रभाग अधिकारी अनिल खतुरानी और दोनों तरफ अवैैैध निर्माणकर्ता
उल्हासनगर मनपा में आयुक्त डां. राजा दयानिधि और प्रभाग अधिकारी अजय ऐडके और अनिल खतुरानी के पदभार संभालते ही डबल टियर गाटर, अवैध जमीन हड़पने और जोखिम आधारित प्लान के नामपर 5 मंजिला इमारतोंं का निर्माण निरंतरता से चल रहा है। अवैध निर्माणकर्ता जय लाठी और राजेश अमरानी के साथ प्रभाग दो के प्रभाग अधिकारी अनिल खतुरानी हरदासमल होटल में दिखाई दे रहे हैं। चलचित्र में वह चलचित्र अग्निपर्व टाइम्स के पास है। उल्हासनगर 1 में बस स्टैंड की जमीन पर बन रहा अवैध निर्माण
उल्हासनगर महानगर पालिका के उपमहापौर भगवान भालेराव का चहेता जय राठी या लाठी आयुक्त, उपायुक्त और सहायक उपायुक्त के साथ सांठगांठ कर उल्हासनगर एक के बस स्टैंड की जमीन हड़पकर उसपर रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री रामदास आठवले और उल्हासनगर महानगर पालिका उपमहापौर भगवान भालेराव का चित्र लगाकार अवैध निर्माण कर रहे हैं। इसी तरह का अवैध निर्माण जय, प्रभाग दो की हद, जय दुर्गा नगर में कई हजार वर्ग मीटर की सरकारी जमीन हड़पकर उसपर अवैध निर्माण कर रहे हैं। आज के समय में जय के दर्जन भर से ज्यादा अवैध बांधकाम उल्हासनगर मनपा क्षेत्र में चल रहे हैं। कहा जाता है जय पर उपमहापौर भगवान भालेराव का विशेष आशिर्वाद होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं होती! उसी जय लाठी के साथ प्रभाग दो के प्रभाग अधिकारी अनिल खतुरानी हरदासमल होटल में घंटों क्या सांठगांठ करते हैं यह जांच का विषय है।
इसी तरह राजेश अमरानी भी अवैध बांधकाम करने के लिए बदनाम है। इस समय जसलोक स्कूल के पास 3 नं. ओटी सेक्शन में राजेश का अवैध निर्माण शुरू है। ऐसे दो अवैध निर्माणकर्ता के साथ उल्हासनगर कैम्प क्र.1 के हरदासमल चाय और नाश्ते के होटल में किस प्रकार के शहर विकास की चर्चा करने के लिए अनिल खतुरानी आये थे यह जांच उमनपा आयुक्त को भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते, सी.आय.डी या फिर सीबीआई से कराने की जरूरत है। सरकारी जमीन पर हो रहा है कब्जा आयुक्त और 3 सहायक आयुक्त कमा रहे हैं पैसा।
प्रभाग कार्यालय में अनिल खतुरानी मिलते ही नहीं। पर चाय की दुकानों पर अवैध निर्माणकर्ता के साथ आसानी से मिल जाते हैं। छुट्टि का दिन भी बीवी बच्चों के बदले अवैध निर्माणकर्ताओं के बीच बिताने की चर्चा शहर के हर शहरवासी की जुबान पर है। देश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कई सरकारी विभाग हैं जैसे भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता, सीबीआई, ईडी, लोकायुक्त इसके बाद भी देश में भ्रष्टाचार कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। नगरसेवक, नेता और सरकारी कार्यालयों के चपरासी से लेकर अधिकारी तक करोड़ों का काला धन जमा कर रहे हैं। पर उपरोक्त विभाग और सतर्कता आयोग न जाने क्या कर रहे हैं। यह समझ से परे है।
उल्हासनगर महानगर पालिका के उपमहापौर भगवान भालेराव का चहेता जय राठी या लाठी आयुक्त, उपायुक्त और सहायक उपायुक्त के साथ सांठगांठ कर उल्हासनगर एक के बस स्टैंड की जमीन हड़पकर उसपर रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री रामदास आठवले और उल्हासनगर महानगर पालिका उपमहापौर भगवान भालेराव का चित्र लगाकार अवैध निर्माण कर रहे हैं। इसी तरह का अवैध निर्माण जय, प्रभाग दो की हद, जय दुर्गा नगर में कई हजार वर्ग मीटर की सरकारी जमीन हड़पकर उसपर अवैध निर्माण कर रहे हैं। आज के समय में जय के दर्जन भर से ज्यादा अवैध बांधकाम उल्हासनगर मनपा क्षेत्र में चल रहे हैं। कहा जाता है जय पर उपमहापौर भगवान भालेराव का विशेष आशिर्वाद होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं होती! उसी जय लाठी के साथ प्रभाग दो के प्रभाग अधिकारी अनिल खतुरानी हरदासमल होटल में घंटों क्या सांठगांठ करते हैं यह जांच का विषय है।
इसी तरह राजेश अमरानी भी अवैध बांधकाम करने के लिए बदनाम है। इस समय जसलोक स्कूल के पास 3 नं. ओटी सेक्शन में राजेश का अवैध निर्माण शुरू है। ऐसे दो अवैध निर्माणकर्ता के साथ उल्हासनगर कैम्प क्र.1 के हरदासमल चाय और नाश्ते के होटल में किस प्रकार के शहर विकास की चर्चा करने के लिए अनिल खतुरानी आये थे यह जांच उमनपा आयुक्त को भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते, सी.आय.डी या फिर सीबीआई से कराने की जरूरत है। सरकारी जमीन पर हो रहा है कब्जा आयुक्त और 3 सहायक आयुक्त कमा रहे हैं पैसा।
प्रभाग कार्यालय में अनिल खतुरानी मिलते ही नहीं। पर चाय की दुकानों पर अवैध निर्माणकर्ता के साथ आसानी से मिल जाते हैं। छुट्टि का दिन भी बीवी बच्चों के बदले अवैध निर्माणकर्ताओं के बीच बिताने की चर्चा शहर के हर शहरवासी की जुबान पर है। देश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कई सरकारी विभाग हैं जैसे भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता, सीबीआई, ईडी, लोकायुक्त इसके बाद भी देश में भ्रष्टाचार कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। नगरसेवक, नेता और सरकारी कार्यालयों के चपरासी से लेकर अधिकारी तक करोड़ों का काला धन जमा कर रहे हैं। पर उपरोक्त विभाग और सतर्कता आयोग न जाने क्या कर रहे हैं। यह समझ से परे है।
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