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इंस्पेक्टर राजकुमार कोथमिरे ने उगाहे 5 करोड़ 80 लाख, ईडी अफसर बनकर मारा छापा!

इंस्पेक्टर राजकुमार कोथमिरे ने उल्हासनगर के साड़ी व्यापारी से उगाहे 15 करोड़ 80 लाख रुपये, ईडी अफसर बनकर की कार्रवाई   वरिष्ठ निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे 

ठाणे पुलिस के हफ्ता विरोधी प्रकोष्ठ के वरिष्ठ निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे ने अपने साथियों के साथ उल्हासनगर कैम्प नं-1 पुलिस स्टेशन की हद में गोल मैदान के पास देवी महल नामक इमारत में स्वामिनी साड़ी के मालिक के घर पर ईडी अफसर बनकर मारा छापा और ले गये 15 करोड़ 80 लाख!
उल्हासनगर के रहने वाले एक पुलिस इनफॉर्मर को पता चला स्वामिनी साड़ी के मालिक ने अपने घर में करोड़ों रुपये का काला धन जमा कर रखा है। पूरा भरोसा हो जाने पर सावंत ने अपने मित्र छावा संगठना के अध्यक्ष निखिल गोले को बताया और कहा ईडी से मिलकर छापा डलवाने पर 22% ईनाम मिलेगा और काला धन सरकारी खजाने में पहुंचने पर देश के विकास में काम आयेगा। निखिल गोले अपने परिचित नासिक पुलिस में कार्यरत पुलिस कर्मी शरद पाटिल से ईडी तक पहुंचने का रास्ता पूछा तो शरद ने मुंबई के राजू से सावंत को मिलवाया।
राजू ठाणे हफ्ता विरोधी प्रकोष्ठ के निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे के लिए काम करता था। उसने ईडी से मिलाने का वादा तो किया परंतु ईडी के बदले राजकुमार कोथमिरे को बता दिया। कोथमिरे ने पैसों को हथियाने के लिए अपने मातहत काम करने वालों की एक टोली बनाकर 9 जून 2020 को दिन के 11 बजे के दरम्यान उल्हासनगर भेज दिया और राजू से कह दिया कि इनफॉर्मर को ईडी वाले आये हैं ऐसा बोलकर बुला लेना। राजू ने वैसा ही किया। राजू ने उल्हासनगर पहुंचने पर इनफॉर्मर को फोन कर जगह बताने के लिए बुलाया। दोनों स्वामिनी साड़ी मालिक के घर गये तो पता चला मालिक दुकान पर हैं। मालिक को बैंक आफ बड़ौदा के सामने स्थित सड़क के स्वामिनी साड़ी डिपो से पुलिस की गाड़ी में दुकान से घर लाया गया और घर की तलाशी शुरू हुई। छह पुलिस कर्मियों के साथ ही  इनफॉर्मर और उनका मित्र बंटी गायकवाड छठी मंजिल के फ्लैट में दाखिल हुए जहाँ एक लकड़ी के कपाट में 5 करोड़ 80 लाख मिले। रुपये इनफॉर्मर के सामने गिनती हुए। गिनती पूरी नहीं हुई थी कि कोथमिरे का फोन आया और तलाशी बंद हो गई। इनफॉर्मर कहता रह गया कि अभी दो फ्लैट बाकी हैं और ज्यादा पैसा वहीं है। परंतु पुलिस वाले टाल मटोल कर वहां से 5 करोड़ 80 लाख अपने साथ लेकर चले गये। बाद में पता चला कि और 10 करोड़ देने के वादे के चलते तलाशी बंद हुई थी। राजकुमार कोथमिरे और उनके साथी पीएसआय शिंदे, करमरकर, हेमंत महाले, संदीप भांगरे व अन्य दो को 15 करोड़ 80 लाख मिल गये और इनफॉर्मर और उसके साथी अपने ईनाम के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।

पिछले हफ्ते कोथमिरे ने इनफॉर्मर से गुस्से में कह दिया कि इनाम मैं नहीं दूंगा। ईडी ऑफिस मुंबई से मिलेगा। अब इनफॉर्मर ने ईडी को पत्र लिखकर अपने ईनाम की मांग की है। उस पत्र की एक प्रति अग्निपर्व टाइम्स के पास है।

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