मंच पर किरन पडवल, कारीमाखीजा कमलेश दुबे बगल में कुर्सी पर दिलिप मालवणकर सामने, राम शर्मा, साबिर शेख, गफ्फार खान और अन्य
ठाणे जिले के उल्हासनगर महानगर पालिका जनसंपर्क अधिकारी युवराज भदाने की जांच कराने को लेकर अन्याय विरोधी संघर्ष समिति पिछले तीन वर्षों से आंदोलन कर रही है। ७ जनवरी २०२१ से आमरण अनशन शुरू किया! अनशनकर्ताओ का समर्थन करने पहुंचे अग्निपर्व टाइम्स संपादक कमलेश दुबे और समाज सेवक कारी माखीजा मंच पर
उल्हासनगर महानगर पालिका और विवादों का चोली दामन का साथ है,कभी कोई ठेकेदार सार्वजनिक बांधकाम विभाग से फाईल चोरी कर ले जाता है,तो कोई अधिकारी इतना मन बढ़ हो जाता है कि छुट्टी पर जाते वक्त अपने कक्ष की चाभी अपने साथ ले जाता है। इसी तरह का एक मामला उजागर हुआ था जब उमनपा जनसंपर्क अधिकारी युवराज भदाने अपने कक्ष की चाभी अपने साथ ले गए हैं। यह पता लगते ही कुछ जागृत पत्रकारों और समाज सेवकों ने आवाज उठाई तब मजबूरन वरिष्ठ अधिकारियों को पत्रकारों के समक्ष भदाने के कक्ष के दरवाजे का ताला तोड़ना पड़ा। दरवाजा खोलने पर आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब देखा गया कि युवराज भदाने के नाम पर बने हुए कई विभागों के परिचय पत्र, कई गोपनीय दस्तावेज जो मुख्यालय में होने चाहिए थे। कुछ धनादेश जिनको लेखा विभाग में होना चाहिए था। इस प्रकार के संदिग्ध क्रिया कलापों को देखते हुए जांच की मांग उठी। परंतु युवराज भदाने के पैसों की पहुँच से जांच की मांग ही नहीं दबी बल्कि पदोन्नति का प्रस्ताव महासभा में पारित किया गया और महाराष्ट्र विधान सभा के छह विधायकों ने पदोन्नति के लिए उमनपा आयुक्त को सिफारिशी पत्र भी दिया। जिसका विरोध अन्याय विरोधी संघर्ष समिति ने किया।
युवराज भदाने का सेवाकाल ही अनुभव के संदिग्ध प्रमाण पत्र से शुरू हुआ जनसंपर्क अधिकारी पद पाने के लिए इन्होंने आनंद पिचस से अनुभव प्रमाणपत्र लिया था जिसको मा. लोकायुक्त ने फर्जी बताते हुए भदाने पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था। भदाने पर तीन करोड़ रुपये की घर पट्टी घोटाले का आरोप है। भदाने के पास दो जन्म दाखिला है। इनके डाक्टरेट की उपाधि पर भी सवालिया निशान हैं, फिर भी युवराज भदाने पद पर विराजमान हैं। अन्याय विरोधी संघर्ष समिति तीन वर्षों से युवराज भदाने को पदच्युत करने के लिए संघर्ष कर रही है। कई बार के धरने प्रदर्शन और लिखा पढ़ी के बावजूद कार्रवाई न होता देख ७ जनवरी २०२१ को पत्रकार व अन्याय विरोधी संघर्ष समिति के कर्ताधर्ता दिलिप मालवणकर व किरन पडवल अनिश्चितकालीन उपोषण पर उल्हासनगर महानगर पालिका के द्वार पर बैठ गए हैं। जिनका समर्थन शहर की कई नामी समाजसेवी संस्थाएँ व समाज सेवक कर रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य के राज्यमंत्री बच्चुभाऊ कडू ने नगरविकास सचिव को पत्र देकर उचित कार्रवाई का निर्देश दिया है। आगे देखना है कि युवराज भदाने पदच्युत होते हैं या फिर किसी आश्वासन व दबाव के तहत अनशन खत्म करना पड़ता है।
युवराज भदाने का सेवाकाल ही अनुभव के संदिग्ध प्रमाण पत्र से शुरू हुआ जनसंपर्क अधिकारी पद पाने के लिए इन्होंने आनंद पिचस से अनुभव प्रमाणपत्र लिया था जिसको मा. लोकायुक्त ने फर्जी बताते हुए भदाने पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था। भदाने पर तीन करोड़ रुपये की घर पट्टी घोटाले का आरोप है। भदाने के पास दो जन्म दाखिला है। इनके डाक्टरेट की उपाधि पर भी सवालिया निशान हैं, फिर भी युवराज भदाने पद पर विराजमान हैं। अन्याय विरोधी संघर्ष समिति तीन वर्षों से युवराज भदाने को पदच्युत करने के लिए संघर्ष कर रही है। कई बार के धरने प्रदर्शन और लिखा पढ़ी के बावजूद कार्रवाई न होता देख ७ जनवरी २०२१ को पत्रकार व अन्याय विरोधी संघर्ष समिति के कर्ताधर्ता दिलिप मालवणकर व किरन पडवल अनिश्चितकालीन उपोषण पर उल्हासनगर महानगर पालिका के द्वार पर बैठ गए हैं। जिनका समर्थन शहर की कई नामी समाजसेवी संस्थाएँ व समाज सेवक कर रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य के राज्यमंत्री बच्चुभाऊ कडू ने नगरविकास सचिव को पत्र देकर उचित कार्रवाई का निर्देश दिया है। आगे देखना है कि युवराज भदाने पदच्युत होते हैं या फिर किसी आश्वासन व दबाव के तहत अनशन खत्म करना पड़ता है।
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