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प्रभाग समिति २ में हड़पी जा रही है सरकारी जमीन,

प्रभाग समिति २ में हड़पी जा रही है सरकारी जमीन, 

सी. सी.पैसेज, शौचालय की जमीन हड़पने में प्रभाग अधिकारी अनिल खतुरानी ठेकेदार की मदद कर रहे हैं। "यह रिश्ता क्या कहलाता है" 

उल्हासनगर शहर का पर्यावरण दिन ब दिन होता जा रहा है, दूषित एक ओर शहर घना होता जा रहा है वंही सबसे ज्यादा प्राणवायु देनेवाले पीपल के पेड़ को काटा जा रहा है। परंतु इस ओर से पर्यावरण विभाग ने आंखें मूंद रखी है। वंही पर्यावरण प्रेमी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। 
 प्रभाग 2 के अधिकारी अनिल खतुरानी 
उल्हासनगर शहर में इस समय अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आई हुई है। जहाँ देखो खाली पड़ी सरकारी जमीन हड़पी जा रही है, सीसी पैसेज और गटर भी नहीं छोड़ रहे हैं, ठेकेदार पीपल व बरगद के पेड़ धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं। शहर के हालात ऐसे हैं कि एक घर की छत से दूसरे घर की छत पर जाया जा सकता है। दो घरों की खिड़कियों से हाथ बाहर निकालकर आदान प्रदान किया जा सकता है। उल्हासनगर शहर में नाली, गटर और सरकारी जमीन पर बने हुए अवैध निर्माणों को तोड़ने का आदेश सरकार व कोर्ट द्वारा दिए गए, परंतु उन अवैध निर्माणों को तोड़कर हटाने की बजाय अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहे हैं। इससे साबित होता है कि महानगर पालिका अधिकारी न्यायालय की भी परवाह नहीं करते। न्यायालयीन आदेश में ८५५ इमारतों को तोड़ने के साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा था कि अब उल्हासनगर में अवैध निर्माण की एक भी ईंट नहीं रखी जानी चाहिए परंतु आदेश को ठेंगा दिखाते हुए आज उल्हासनगर में 17 हजार से ज्यादा टी गाटर और आरसीसी इमारतों का अवैध निर्माण हुआ है। इन अवैध निर्माणों में सरकारी कर्मचारियों और स्थानीय नेतृत्व का भरपूर सहयोग रहता है। लगभग सभी अवैध निर्माणों में स्थानीय नगरसेवक की हिस्सेदारी होती है परंतु आज तक एक भी नगरसेवक, सेविका पर कानूनी कार्रवाई नहीं हुई।
 इसी प्रकार की एक घटना प्रभाग समिति दो के प्रभाग-६ में सामने आई है, इस प्रभाग की नगरसेविका जया प्रकाश माखिजा के देवर बाबू माखिजा अपने दो साथियों डीडी पंजाबी और राजेश छतिजा के साथ मिलकर Bk.No.337-A,के पास भाटिया राशन, उल्हासनगर-२ में रिस्क बेस प्लान शौचालय की जमीन के साथ ही नाली तथा सिमेंट कांक्रीट से बनाया हुआ रास्ते पर दिया गया है। हड़पी हुई जमीन पर कब्जा कर बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया जा रहा है। जबकि उपरोक्त रास्ते पर २०१९ में जया माखिजा के फंड से सार्वजनिक बांधकाम विभाग ने सीसी पैसेज व नाली का निर्माण किया था। उमनपा वही खाते में दर्ज जमीन कहाँ गयी यह वार्ड की जनता जानना चाहती है। 

उपरोक्त अवैध निर्माण की शिकायत वहीं सामने रहनेवाले पुर्व नगरसेवक लखी(कारी)माखिजा ने पहली शिकायत १९ अगस्त २०२० को की थी, तबसे समाचार लिखे जाने तक दो स्मरण पत्र और दे चुके हैं। जिसपर दर्जनों आस पास के रहवासियों के हस्ताक्षर भी है। परंतु अब तक इस अवैध बांधकाम को रोकने की कोई पहल नहीं हुई। यह देख अब कारी माखिजा अवैध निर्माताओं और नगरसेविका जया माखिजा पर झोपड़पट्टी दादा कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग न्यायालय से करेंगे। ऐसा उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया। 

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