अंबरनाथ संवाददाता
थाने परिमंडल के अंबरनाथ से शिलफाटा जाने वाले महामार्ग पर जहां यातायात (ट्रॉफिक) वार्डन की कोई आवश्यकता नहीं ऐसी जगह पर 2 यातायात हवलदार और दो वार्डन खड़े होकर आने वाले साथ वाहनों को महामार्ग पर रुकने की सवारी के कागजात और ड्राइविंग लाइसेंस चेक कर रहे हैं। धार्मिके की बात तो यह है कि आनलाइन फोटो खिंचकर विज्ञापन काटने वाली मशीन भी वार्डन के हाथों में है और कागजात भी वार्डन ही जांच कर रहे हैं। हवलदार सिर्फ खड़े हैं। शहर में डायल को सुचारू रूप से चलाने के लिए नगरपालिका द्वारा वार्डन दिया गया है। यह वार्डन अब यातायात पुलिस के लिए सिर्फ वसूली का साधन बनकर रह गए हैं। चाहे उल्हासनगर हो अंबरनाथ, उल्टा, कल डोंबिवली या फिर भिवंडी हर जगह यही हाल है।आज सोसल मिडिया का जमाना है कोई भी पैसे लेते हुए हवलदारों की तस्वीर खींच कर सोसल मिडिया पर डाल उनकी डीयुटी टोन में डाल सकती है इसलिए पैसे में जेब में रखने का जिम्मा अब वार्डन को दे दिया गया है ड्युटी खत्म होने के बाद पैसों का बटवारा होता है जिसमें से एक छोटा हिस्सा वार्डन को देकर बाकि पैसा पुलिस हवलदार ले लेता हैवार्डन से चर्चा करने वालों ने बताया कि एक वार्डन हर रोज हजार से 12 सौ लेकर घर जाता है।
यह अंबरनाथ डंपिंग ग्राउंड के पास का विडियो है यह भले ही एक विडियो है पर इस तरह की वसूली सारे ठाणे जिले में शुरू है।
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