सार्वजनिक बांधकाम कार्यालय से मुख्य अभियंता चव्हाण दिवाली के पर संस्थाओं, राजनीतिक दलों और कुछ चुनिंदा पत्रकारों को बांटता है लाखों रुपये कहाँ से लाता है लाखों रुपये?
कल्याण संवाददाता
ठाणे जिले के कल्याण स्थित महाराष्ट्र राज्य सार्वजनिक बांधकाम विभाग के मुख्य अभियंता चव्हाण दिपावली के उपलक्ष्य में आज तक पत्रकारों, समाजसेवी संस्थाओं के साथ ही राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों को बांटे लाखों रुपये।
कल्याण के सार्वजनिक बांधकाम विभाग में पत्रकारों और कुछ कथित समाज सेवी संस्थाओं के साथ राजनितिक पार्टियों के पदाधिकारियों को पैसे बांटे जाते हैं, यह सुनकर अग्नि पर्व टाइम्स के प्रतिनिधि को सच जानने की जिज्ञासा हुई और ऐन केन प्रकारेण अभियंता चव्हाण का भ्रमण ध्वनि यंत्र क्र. ढूंढ निकाला। एक संस्था के प्रतिनिधि ने भ्रमण ध्वनि क्रमांक दिया संपर्क करने पर चव्हाण ने फोन नहीं उठाया, पता चला संदेश देने पर स्वयं संपर्क करते हैं। संदेश भेजा गया फिर भी उन्होंने संपर्क नहीं किया तब हमने जानकारी देने वाले से संपर्क किया उसने कहा पैसे बटे हैं, बंट रहे हैं। आप वंहा जाइए आपको भी 15/20 हजार मिल जायेगा। एक प्रतिनिधि को इतने पैसे, आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब उसने बताया कि मैने खुद 15 हजार लिए हैं। अग्निपर्व टाइम्स के प्रतिनिधि भी वहां पहुंचे और अपने मोबाइल का कैमरा आन कर लिया, उन्हें बताया गया कि अंदर दो पत्रकार बैठे हैं। आप इंतजार किजिए, इंतजार के बाद नंबर आया अंदर पहुंचने पर कहा गया साप्ताहिक समाचार पत्र अग्निपर्व टाइम्स से आए हैं। इस पर अभियंता चव्हाण ने कहा आप कल अभय भोइर से संपर्क कर लिजिए बांटने का काम वही करता है। उसीके पास लिस्ट है और अभय भोइर का मोबाइल क्रमांक भी दिया। अग्नि पर्व टाइम्स ने दूसरे दिन फोन किया तो भोइर ने नहीं उठाया इस तरह एक सप्ताह बीत गये और फिर चव्हाण के पास मिलने पहुंचे चव्हाण साहब मिले और रुपये दो हजार का आफर दिया, अग्निपर्व के प्रतिनिधि ने कहा लोगों को 15 /20 और हमें दो हजार ही क्यों? उन्होंने कहा यह आप तंय मत किजिए हमने किसको क्या दिया लोग तो कुछ भी कहेंगे, जो मिल रहा है वह ले लिजिए करोना काल है, प्रतिनिधि ने कहा इतने तो हमें नहीं चाहिए तब उन्होंने कहा आप बहुत लेट हो गये अब पैसे नहीं बचे हैं। अग्निपर्व टाइम्स के प्रतिनिधि ने पैसे नहीं लिए, और पैसे लिए बगैर नमस्ते कर बाहर आ गये।
महाराष्ट्र के एक सार्वजनिक बांधकाम विभाग के एक कार्यालय में इतने पैसे बांटे जाते हैं तो और कार्यालयों में भी बांटे जाते होंगे जो हम नहीं बता सकते परंतु यह पैसे कहाँ से आते हैं यह तो जानना जरूरी है। कहा जाता है विभाग में बिना काम किए ही फर्जी भुगतान करवाया जाता है। घटिया दर्जे के सामानों से निर्मिति पर नेताओं और पत्रकारों का मुख बंद रखने के लिए यह दिपावली भेंट दी जाती है। इसीलिये सार्वजनिक बांधकाम मंत्रालय के लिए नेताओं में होड़ लगी रहती है। छगन भुजबल इसी मंत्रालय के मंत्री थे जिनके पास अरबों रुपये की संपत्ति निकली और जेल जाना पड़ा। अजित पवार पर भी घोटाले का आरोप इसी मंत्रालय में लगा था, जो मंत्री पद मिलते ही साफ हो गया।
लोगों से पता चला कि चव्हाण साहब भी 25 लाख देकर ही इस पद पर सुशोभित हुए हैं। इसलिए चव्हाण साहब कि संपत्तियों को जनता के सामने उजागर करना चाहिए। हर वर्ष के अंत में ऐसे भ्रष्ट लोगों कि संपत्ति जांची जानी चाहिए। ताकि जनता के खून पसीने की कमाई पर अय्याशी जमाखोरी करनेवालों पर लगाम लगाया जा सके।
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