सहायक आयुक्त अजय ऐडके और अनिल खतुरानी
अपटा संवाददाता
ठाणे जिले के उल्हासनगर मनपा क्षेत्र में अवैध टी गाटर के चलते शहर बन रहा है अवैध! चार इंच की दिवार पर बन रहा है ग्राउंड +2 का डबल टी जी। कई डबल टी गाटर के खिलाफ शिकायत, कार्यवाही न होने पर करेंगे आंदोलन।
उल्हासनगर मनपा को अग्निपर्व टाइम्स द्वारा एक पत्र देकर उल्हासनगर शहर में चल रहे अवैध बांधकामों को रोकने और तोड़ने के लिए 15 दिनों की मोहलत दी गयी है कार्रवाई न होनेपर आमरण उपोषण का रास्ता अख्तियार किया जायेगा। जब सत्ता और प्रशासन जनता के हितों से समझौता कर अनदेखी करने लगे तो आमजनों को राह दिखाना चाहिए। शहर पहले से ही घना है और घना कर लोगों की हवा पानी भी बंद कर देना चाहते हैं अवैध बांधकामों में लिप्त नगरसेवक और शासन प्रशासन के लोग। एक बार 855 अवैध इमारतों का दंश झेलने के बाद भी जागरूक न होने वालों को कोर्ट का रास्ता दिखाया जायेगा न्यायपालिका की अवमानना किस तरह हो रही है यह न्यायालय को याद दिलाया जायेगा! 855 इमारतों का फैसला सुनाते हुए माननीय न्यायालय ने कहा था अब इसके बाद अवैध बांधकामों की एक भी ईंट नहीं पड़नी चाहिए परंतु फैसले के बाद आज तक हजारों अवैध निर्माण हो चुके हैं। पैसे और सत्ता के लोभियों को उनकी औकात बताने के लिए शहर के कई पत्रकार और समाज सेवी अब मैदान में।
ठाणे जिले के उल्हासनगर मनपा क्षेत्र में अवैध टी गाटर के चलते शहर बन रहा है अवैध! चार इंच की दिवार पर बन रहा है ग्राउंड +2 का डबल टी जी। कई डबल टी गाटर के खिलाफ शिकायत, कार्यवाही न होने पर करेंगे आंदोलन।
उल्हासनगर मनपा को अग्निपर्व टाइम्स द्वारा एक पत्र देकर उल्हासनगर शहर में चल रहे अवैध बांधकामों को रोकने और तोड़ने के लिए 15 दिनों की मोहलत दी गयी है कार्रवाई न होनेपर आमरण उपोषण का रास्ता अख्तियार किया जायेगा। जब सत्ता और प्रशासन जनता के हितों से समझौता कर अनदेखी करने लगे तो आमजनों को राह दिखाना चाहिए। शहर पहले से ही घना है और घना कर लोगों की हवा पानी भी बंद कर देना चाहते हैं अवैध बांधकामों में लिप्त नगरसेवक और शासन प्रशासन के लोग। एक बार 855 अवैध इमारतों का दंश झेलने के बाद भी जागरूक न होने वालों को कोर्ट का रास्ता दिखाया जायेगा न्यायपालिका की अवमानना किस तरह हो रही है यह न्यायालय को याद दिलाया जायेगा! 855 इमारतों का फैसला सुनाते हुए माननीय न्यायालय ने कहा था अब इसके बाद अवैध बांधकामों की एक भी ईंट नहीं पड़नी चाहिए परंतु फैसले के बाद आज तक हजारों अवैध निर्माण हो चुके हैं। पैसे और सत्ता के लोभियों को उनकी औकात बताने के लिए शहर के कई पत्रकार और समाज सेवी अब मैदान में।

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