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उल्हासनगर मनपा आयुक्त और शहर रचनाकार में अनबन, शहर विकास की जगह शहर का हो रहा है विनाश!!

उल्हासनगर मनपा आयुक्त और शहर रचनाकार में अनबन,
 विकास की जगह शहर का हो रहा है विनाश!!      इस अवैध निर्माण का जिम्मेदार कौन 

अपटा संवाददाता उल्हासनगर
उमनपा आयुक्त सभी प्लान पास फाइलें चाहते हैं। अपने टेबल पर
शहर रचनाकार सहमत नहीं इसलिए शहर में वैध इमारतों का निर्माण ठप्प पड़ा है और अवैध इमारतों का निर्माण जोरों पर है।     उमनपा आयुक्त राजा दयानिधि

उल्हासनगर महानगर पालिका क्षेत्र में इस समय सैकड़ों बहुमंजिली इमारतों का बांधकाम जोरों पर है। यहां यह जानना जरूरी है कि जब पिछले नौ महीने से एक भी प्लान पास ही नहीं हुआ तो इन इमारतों के सामने लगा प्लान पास का बोर्ड सही कैसे हो सकता है। इस समय वह विकासक या भवन निर्माता जिनको प्लान पास के साथ बांधकाम करने की आदत है वे घर बैठ गये हैं। क्योंकि पिछले नौ(9) महिनों से उल्हासनगर महानगर पालिका के शहर रचना कार्यालय से एक भी प्लान पास नहीं हुआ। कई भवन निर्माणकर्ताओं ने बताया कि आयुक्त और शहर रचनाकार में अनबन होने के कारण नक्शा पास नहीं हो रहा है। क्योंकि आयुक्त शहर रचनाकार के पर कतरना चाहते हैं। शायद इसीलिए सभी प्लानो कि फाइलें अपने टेबल पर चाहते हैं। इसी कारण पिछले 9 महिनों से एक भी प्लान पास नहीं हुआ। जबकि करीब 15 प्लान पास होने का इंतजार कर रहे हैं। और इन भवन निर्माताओं का मानना है कि हमें डीसी रुल से कोई फायदा नहीं होने वाला, हमें तो आज आदेश मिले तो हम आज निर्माण शुरू कर देंगे और हमारे प्लान पास होने से उमनपा की तिजोरी में तो पैसे जायेंगे ही और साहब लोग भी खुश होंगे क्योंकि बिना खुश किये काम होने वाला नहीं। लेन देन करने के बाद भी हमें चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। और फिर भी काम नहीं हो रहा है।
हमारे संवाददाता ने जब शहर रचनाकार से इस विषय में बात की तो उन्होंने बताया मुझे चार्ज लिए लगभग डेढ़ से दो महीने हुए। जबकि आखिरी प्लान नौ से दस महिने पहले पास हुआ था। आयुक्त से अनबन की बात को सिरे से खारिज दिया और अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमारे पास, प्लान पास कराने कोई आ ही नहीं रहा, सबको नये डीसी रुल का इंतजार है। डीसी रुल पास हो गया है परंतु कुछ त्रुटियाँ थी जिनके सुधार के लिए गया है। इस महीने के अंत तक या फिर दिसंबर में आ जाने की पूरी संभावना है। डिसी रुल में डेढ से पौने दो एफ एस आई मिलेगी जब की उल्हासनगर में लोगों ने पहले ही दो एफ एस आई का इस्तेमाल कर लिया है। उनसे अवैध इमारतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा डीएमसी और प्रभाग अधिकारी की जिम्मेदारी, है मेरे हाथ में कुछ नहीं है। इस तरह जिस आयुक्त से शहर सुधार की अपेक्षा होती है वही आयुक्त उल्हासनगर शहर के विनाश के कारण बनते दिखाई दे रहे हैं। 

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