कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन का अनूठा कारोबार दक्ष नागरिक को करें परेशान, गुटखा विक्रेता को बचाने में व्यस्त।।
वरिष्ठ निरीक्षक एसबी साल्वे मनोज नायक
कल्याण पुर्व के कोलसेवाड़ी पुलिस कर्मियों ने पहले तो दो घंटे खड़ा रखकर परेशान किया जब तबियत खराब होने पर दवा लेने गये, पत्रकार तब फोन पर कहा साहब बुला रहे हैं। साहब का नाम पूछने पर नाम नहीं बताया, पुलिस स्टेशन के नजदीक रहने वालों को न बुलाकर 54 वर्षीय पत्रकार को परेशान करते रहे न आने पर नशे के कारोबारी को 25 हजार लेकर छोड़ दिया। दूसरे दिन फोन पर जानकारी मांगी तो धमकी भरे लहजे में कहा "तुमको तो सब जानकारी फोन पर चाहिए इधर आओ जानकारी देता हूं" नाम पुछने पर सिर्फ उपनाम महाडिक बताया। अब 21 नवंबर 2020 की दोपहर 3 बजे के दरम्यान कौन-से महाडिक पुलिस स्टेशन का फोन ले रहे थे। यह तो पुलिस विभाग के अलावा भगवान को ही पता होगा, पुलिस स्टेशन बुलाकर झूंठे मुकदमे में फसाने के लिए बदनाम है पुलिस विभाग! यह वही पुलिस स्टेशन है जहाँ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे स्थानीय नगरसेवक व भवन निर्माता मनोज राय को हवालात में ठूस दिया गया था। मनोज कैलाश चंद्र नायक 11 टपरियों का मालिक है, सभी पर प्रतिबंधित गुटखे के साथ कई तरह के नशीले पदार्थ बेचे जाते हैं।
महाराष्ट्र गृहमंत्री अनिल देशमुख व पुलिस आयुक्त विवेक फंसालकर, उपायुुक्त वी.एम.पंसारे
कल्याण पुर्व के कोलसेवाड़ी पुलिस कर्मियों ने पहले तो दो घंटे खड़ा रखकर परेशान किया जब तबियत खराब होने पर दवा लेने गये, पत्रकार तब फोन पर कहा साहब बुला रहे हैं। साहब का नाम पूछने पर नाम नहीं बताया, पुलिस स्टेशन के नजदीक रहने वालों को न बुलाकर 54 वर्षीय पत्रकार को परेशान करते रहे न आने पर नशे के कारोबारी को 25 हजार लेकर छोड़ दिया। दूसरे दिन फोन पर जानकारी मांगी तो धमकी भरे लहजे में कहा "तुमको तो सब जानकारी फोन पर चाहिए इधर आओ जानकारी देता हूं" नाम पुछने पर सिर्फ उपनाम महाडिक बताया। अब 21 नवंबर 2020 की दोपहर 3 बजे के दरम्यान कौन-से महाडिक पुलिस स्टेशन का फोन ले रहे थे। यह तो पुलिस विभाग के अलावा भगवान को ही पता होगा, पुलिस स्टेशन बुलाकर झूंठे मुकदमे में फसाने के लिए बदनाम है पुलिस विभाग! यह वही पुलिस स्टेशन है जहाँ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे स्थानीय नगरसेवक व भवन निर्माता मनोज राय को हवालात में ठूस दिया गया था। मनोज कैलाश चंद्र नायक 11 टपरियों का मालिक है, सभी पर प्रतिबंधित गुटखे के साथ कई तरह के नशीले पदार्थ बेचे जाते हैं।
महाराष्ट्र गृहमंत्री अनिल देशमुख व पुलिस आयुक्त विवेक फंसालकर, उपायुुक्त वी.एम.पंसारे
कल्याण पुर्व चिंचपाडा रोड स्थित अतिथि बार के पास सड़क के किनारे, कुणाल पानशाप नामक एक पान की दुकान है। जहाँ सभी प्रकार के गुटखे के साथ ही अनेक प्रकार के नशे का सामान बेचा जाता है। कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन हद में 3 टपरी है जिससे कोलसेवाड़ी पुलिस को हर महिने 30 हजार का हफ्ता मिलता है।ऐसी सूचना मिलने पर अग्नि पर्व टाइम्स के संपादक साथियों के साथ वहाँ पहुँचे और अपने एक साथी को ग्राहक बनाकर विमल गुटखे की पुड़िया खरीदने के लिए भेजा जिसकी विडियोग्राफी अग्नि पर्व टाइम्स के पास सुरक्षित है। दोपहर 4 बजकर 10 मिनट पर कल्याण पुलिस कंट्रोल रूम को फोन पर सूचित कर पुलिस सहायता मांंगी गई। आधा घंटा बीत जाने के बाद पुलिस जब नहीं आयी तब फिर से कंट्रोल को फोन किया, जब फिर भी पुलिस नहीं मिली तो ठाणे कंट्रोल रूम को फोन किया और ठाणे आयुक्त के वाटशाप पर संदेश भेजने के बाद बड़ी मशक्कत के बाद शाम 6 बजे के दरम्यान दो पुलिस सिपाही वहां पहुंचे, उनको हमने लाख बताया गुटखे का गोदाम हैै। पर पुलिस ने वह गोदाम नहीं खुलवाया और न ही टपरी में घुसकर तलाशी ली सामने दिखाई दे रही विमल गुटखे की 50/60 पुड़िया पान शाप चला रहे सुर्यनारायण बेहरा से एक झोले में रखवाकर, उसको अपने साथ मोटर साइकिल पर बैठाकर पुलिस स्टेशन लेकर आ गये। आगे की कार्रवाई के लिए पत्रकार भी अपने दो साथियों के साथ पुलिस स्टेशन पहुंचे गुटखा बेचने वाले को पुलिस ने कुर्सी पर बैठा दिया जबकि पत्रकार और दक्ष नागरिकों से कहा डीबी वाले आपकी शिकायत देखेंगे जबकि डीबी रुम बंद था। इस तरह पत्रकार अपने साथियों के साथ करीब दो घंटा खड़े रहे और टेबल पर जाकर अगली कार्यवाही की सिफारिश करते रहे परंतु हर बार टालते रहे पुलिसकर्मी। थकान और पसीने से तर बतर हो जाने के कारण तबियत बिगड़ गयी। तबीयत खराब होने की वजह से दवाखाने जाना पड़ा दवाखाना पहुंचते ही पुलिस स्टेशन से फोन आया साहब बुला रहे हैं। पूछा गया कौन साहब, तो जवाब मिला बड़े साहब, उनसे कहा गया 4 घंटे खड़ा रहने से तबियत बिगड़ गयी है। मैं दवा ले रहा हूं। आप पुलिस स्टेशन के नजदीक ही रहने वाले मेरे साथियों को बुला लो मैं सुबह दस बजे आता हूँ। परंतु पुलिस ने उन्हें नहीं बुलाया जबकि उनका फोन नंबर और पता लिख रखा था। पुलिस को तो बहाना चाहिए था सो पकड़ कर लाये गये आरोपी को पुलिस हवलदार एस एन नावड़े बक्कल क्रमांक 2485 ने रुपये 25 हजार लेकर छोड़ दिया। ऐसी जान - कारी पुलिस सुत्रों से मिली है। यह एकलौता मामला नहीं पहले भी कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन पर ऐसे आरोप लगते रहे हैं। पर वरििष्ठ अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया, यही कारण है कि कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है।
कुछ दिनों पहले कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक एस बी साल्वे एक समाचार पत्र के संपादक को नशे की हालत में भद्दी-भद्दी गालियां देते हुुए, आडियो रिकॉर्डिंग सोसल मिडिया पर वायरल(प्रसाारित) हुआ था परंतु सरकार व पुलिस महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संज्ञान में नहीं लिया गया और न ही कोई कार्यवाही हुई।
एक ओर जहाँ योगी सरकार की नजर सोसल मिडिया पर रहती है। देखते ही संज्ञान में लेकर कार्रवाई करने का आदेश होता है। वंही महाराष्ट्र सरकार का पुलिस पर तो प्यार उमड़ता है। परंतु जनता के साथ सौतेला व्यवहार कर जुर्म सहने के लिए छोड़ दिया जाता है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री कब सुनेंगे जनता की गुहार और ऐसे भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को पुलिस दल से बाहर का रास्ता दिखायेंगे। इंतजार में कल्याण की आम जनता।
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