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जिमखाना, मंदिर में लाकडाऊन और जुआघर, शराब घर, हुक्का बार चालू! लोगों को क्या बनाना चाहती है सरकार??

जीम, मंदिर में लाकडाऊन हुक्का बार, जुआघर और बियरबार सुरु, लोगों को क्या बनाना चाहती है सरकार? 
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख और ठाणे पुलिस आयुक्त विवेक फंसालकर ।

उल्हासनगर अपटा संवाददाता
ठाणे जिले के उल्हासनगर शहर में जगह जगह अवैध जुआघर सुरु है। शराबखोरी के अड्डे के साथ ही हुक्का बार रात भर चल रहे हैं। दुकानें सात बजे बंद होनी चाहिए और मंदिर, जिमखाने तो खुलने ही नहीं चाहिए, यह है हमारी सरकार, जुआघर और हुक्का बार भले ही आधी रात तक या पूरी रात चले।वरिष्ठ निरीक्षक आर बी कदम   और   कलेेक्टर वसंत डोले 

उल्हासनगर शहर में जगह जगह मटका जुगार, अंदर बाहर, काठी घोड़ी पींगपांग जैसे अनेकों प्रकार के जुए चल रहे हैं, उल्हासनगर १ नं. से ५ नंबर तक जिनकी शिकायत लोग समय समय पर करते रहते हैं। परंतु स्थानीय पुलिस इन शिकायतों को हर बार नजरअंदाज कर देती है। इसी तरह शहाड स्टेशन के सामने जोया अपार्टमेंट के पीछे सुलभ शौचालय की गली में छोटू सावंत नामक जुआरी जुआ चलाता है। जिसकी शिकायत स्थानीय वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्र सिंह भुल्लर महाराज ने उल्हासनगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक को पत्र देकर की है। पत्र देने के बाद दो चार दिन अड्डा बंद रहा उसके बाद आज तक चल रहा है। इसी तरह धोबीघाट के फक्कड़ मंडली के पास शंकर कुकरेजा मटका जुआ और अन्य कयी तरह के जुए चलाता है। जिसका चलचित्र भी हमने यूट्यूब पर प्रसारित किया था। शहीद दुनीचंद कालेज के ठीक सामने यानी रोड के उस पार हुक्का बार चल रहा है। जिसमें बालिग नाबालिग सभी तरह के लोग नसे का आनंद लेते हैं। सोनवणे गणपति कारखाने के पीछे भंगारवाली गली में हर प्रकार का जुआ चलता है। नेहरू चौक के पास सनम चायवाले के पीछे यह कुछ पते हैं जो हमें लोगों ने बताये हैं जिनका जिक्र किया गया है। इस तरह के न जाने कितने जुआघर चल रहे हैं। जिसकी जान- कारी हमारे पास नहीं है। इन अड्डों पर लोग मास्क का इस्ते- माल नहीं करते न ही शारीरिक दूरी वाले नियम का पालन करते हैं। फिर भी पुलिस प्रशासन इन पर कार्रवाई नहीं करता, क्यों नहीं करता इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं।
जब जुआघर और शराबखोरी करवाने से परहेज नहीं तो जो लोग अपनी सेहत सुधारने के साथ ही शरीर को हर्ष्टपुष्ट बनाना चाहते हैं। उनके लिए जीम और व्यायामशाला क्यों बंद है? यह एक सवाल है। इसी तरह लोगों की श्रद्धा में बाधक बनकर मंदिरों को बंद रखने का क्या औचित्य है। सरकार कानून तो बनाती है पर पालन करवाने की जिम्मेदारी जिस पुलिस विभाग पर है वह इसे कमाई का जरिया बना लेती है, सरकार उससे शक्ति से पेश नहीं आ पाती।

हमारी जानकारी अनुसार उल्हासनगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक आर बी कदम ने दो वसुलीबाज (कलेक्टर) नियुक्त किये हैं। जिनके नाम बसंत डोले और सोनार है। यह दोनों तनख्वाह तो सरकार से लेते हैं, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए परंतु इनका काम है नये नये अवैध जुआघर खुलवाना और उनसे पैसे जमा करना।

हुक्का बार के अलावा जो भी कानून के विरुध्द जाकर काम करे उससे वसुली कर अपने साहब तक पहुंचाना। कलेक्टर का मतलब आप लोग जिला कलेक्टर मत समझ लेना यह अंग्रेजी उपाधि है। जिसका मतलब है अवैध कारोबारियों से पैसे जमा करना जो लगभग हर पुलिस स्टेशन में मिलती है। और जिसको यह उपाधि मिल जाती है। वह एक दो वर्ष में ही एक सफल व्यापारी कि तरह लाखों का वारा न्यारा कर लेता है। इसीलिये हर पुलिस थाने में यह पदवी पाने की होड़ लगी रहती है। 

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