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कैसे कैसे जुगाड़ से पैसे कमाता है उमनपा का प्रभाग अधिकारी।. ACB, CBI, Ed पर अधिकारी है भारी, शासन की कैसी लाचारी।

 कैसे पैसे कमाता है उमनपा का प्रभाग अधिकारी।
ACB और CBI पर अधिकारी है भारी यह कैसी लाचारी।
अपटा संवाददाता उल्हासनगर
ठाणे जिले की उल्हासनगर महानगरपालिका भ्रष्टाचार की दल दल में इस कदर डूबी हुई है कि कर्मचारी अवैध कमाई के नायाब नायाब तरीके निकाल लेते हैं। पिछले दिनों एक अवैध बांधकाम को तोड़ने का नाटक उमनपा प्रशासन द्वारा किया गया। जिसमें उमनपा के कई छोटे बड़े कर्मचारी पुलिस बल और हथौड़ा चलाने वाले आठ दस मजदूरों के साथ अवैध निर्माण तोड़ने पहुंचे लोगों ने बमुश्किल पचास ईंटें निकाली और दिवार में एक छोटा सा छेद बना कर चले गये। इस नाटक में मनपा के हजारों खर्च हुए और अवैध निर्माणकर्ता का हुआ सिर्फ ५ सौ से हजार रुपये का नुक - सान जबकि बीट मुकादम और प्रभाग अधिकारी को मिले ५० हजार। छेद बंद कर अवैध निर्माणाधीन इमारत बनकर हुई पूरी ऐसे लोगों पर कार्रवाई में उमनपा आयुक्त की क्या है मजबूरी। 
उल्हासनगर महानगर पालिका हमेशा भ्रष्टाचार की चर्चा में रहती है। सफाई घोटाला तो कभी डस्टबीन घोटाला, सड़क घोटाला, परिवहन घोटाला, प्लान मंजूरी घोटाला आदि आदि परंतु हम आज आपको अवैध निर्माण के तोड़फोड़ में हुए घोटाले के बारे में बताने जा रहे हैं। उल्हासनगर कैम्प क्रमांक २ सिरूचौक स्थित बाबा रेस्टोरेंट के पीछे एक अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने गये प्रभाग समिति दो के प्रभाग अधिकारी भगवान कुमावत और उनके बीट मुकादम दिलिप भोईर ने सिर्फ दिखावा किया कहेंं या कहें डराकर ज्यादा वसुली के लिए की गई कार्रवाई। इस कार्यवाही में अवैध निर्माणकर्ता का सिर्फ ५ सौ से हजार का नुकसान हुआ परंतु उमनपा के खर्च हुए हजारों। और मजे की बात यह है कि वह अवैध निर्माण बनकर तैयार भी हो गया। मनपा गलियारे में चर्चा है, की, मांडवली रुपये 50 हजार में हुई और वह पैसे दिलिप भोईर ने लाकर भगवान कुमावत को दिए। यहां यह जानना जरूरी है कि दिलिप भोईर उमनपा में मजदूर के पद पर कार्यरत थे। परंतु अब उनसे बीट मुकादम का कार्य करवाया जा रहा है।प्रभाग अधिकारी ने सिर्फ वसुली के लिए ही उन्हें बीट मुकादम बनाया है या वाकई भोईर पदोन्नति की गयी है।भगवान कुमावत कुछ ही महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इसीलिये कमाई पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। इन्होंने कल्याण अंबरनाथ रोड के विस्तारीकरण के समय बहुत अवैध इमारतों का निर्माण होने दिया और पैसे बटोरे। 
यही नहीं इनके कार्यकाल में एक प्लान पर दो बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया गया जिसकी लिखित शिकायत फोटो के साथ अग्निपर्व टाइम्स ने किया था। खबर भी छापी थी, परंतु कार्यवाही कहाँ होती है उल्हासनगर मनपा में। अक्सर कुमावत की चर्चा से समाचारपत्र और सोसल मिडिया भरा रहता है। परंतु इनकी जांच कभी नहीं हुई और न ही कोई कार्रवाई हुई कहने को हमारे देश में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो है। सी बी आई है और ED भी है। परंतु यह संस्थान हमारी समझ से भ्रष्टाचार रोकने के लिए नहीं बनाये गये क्योंकि भ्रष्टाचार दिन दूनी रात चौगुना बढ़ रहा है। क्या कभी भगवान कुमावत जैसे भ्रष्ट अधिकारियों की जांच होगी? क्या कोई कार्रवाई होगी? और ऐसे लोग सलाखों के पीछे जायेंगे? या फिर लाखो करोड़ों कमा कर मौज मस्ती करेंगे और इनको देखकर और भ्रष्टाचारी पैदा होंगे! क्या कभी राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने पर विचार करेगी? यह एक प्रश्न है जिसके उत्तर की राह उल्हासनगर के सभी सभ्य नागरिक देख रहे हैं। 

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