भाजपा नगरसेवक के वार्ड में हड़पा जा रहा है उ.म.पा.विद्याल विधायक कुमार आयलानी सवालों के घेरे में
ठाणे जिले की उल्हासनगर महानगर पालिका अगर देखा जाय तो हर समय विवादों में घिरी रहती है। चाहे वह जनसंपर्क अधिकारी युवराज भदाने की भर्ती, पदोन्नति या भ्रष्टाचार का मामला हो या निविदा घोटाला हो या फिर अवैध बांधकाम, शौचालय हो या फिर उमनपा क्षेत्र में खाली पड़ी जमीन हड़पने का मामला हो, और अब उल्हासनगर-2 के बेवस चौक के पास विद्यालय और विद्यालय के लिये आरक्षित जमीन हड़पने का मामला सामने आया है।
उल्हासनगर-2 में वेवस चौक के पास सिंधी माध्यम का विद्यालय क्रमांक 3 है, जिसका नाम रानी लक्ष्मी बाई विद्यालय है। यह विद्यालय दो भागों में विभक्त है। आधा सड़क के इस ओर और दूसरा, दूसरी ओर है। एक तरफ कक्षा पहली से सातवीं तक कक्षाएं चलती है वंही दूसरी ओर बालवाड़ी और स्कूल कार्यालय था बालवाड़ी बच्चों की कमी की वजह से बंद हो गयी और कार्यालय भी बंद पड़ा था। वैसे भी कोवीड-19 की वजह से स्कूल बंद चल रहे हैं।जिसका फायदा उठाकर भू-माफिया स्कूल की जमीन हड़पकर अपने कब्जे में लेकर घेराबंदी कर वहां अवैध निर्माण भी शुरू कर दिया था। जिसको मनसे विद्यार्थी परिषद अध्यक्ष मनोज शेलार ने बंद करवा दिया और मनपा आयुक्त डॉ राजा दयानिधि से सुरक्षा दिवार बनाकर मनपा के कब्जे में लेने के साथ ही अवैध निर्माणकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। भाजपा नगरसेवक हरेश जग्यासी और जया माखीजा हैं वंही नगर सेविका जया के पती प्रकाश माखीजा भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हैं। जिनके नाक के नीचे यह राष्ट्रीय संपत्ति अर्थात विद्यालय को तोड़कर हड़पा जा रहा है। विद्यालय का अधुरा टूटा हुआ सूचना फलक गवाही दे रहा है कि यंहा विद्यालय था। एक ओर भाजपा अपने आपको एक ईमानदार छवि वाली पार्टी कहती है, वंही भाजपा नगरसेवक व पदाधिकारी के वार्ड में इस तरह घृणित कार्य हो रहा है। कथित तौर पर प्रकाश माखीजा मनपा शौचालय हड़पने और अवैध बांधकाम के मामले में कुख्यात होने के बावजूद भाजपा नेता व पदाधिकारी हैं। क्या यही है भाजपाईयों का चाल चरित्र और चेहरा। स्थानीय प्रशासन से सांठ-गांठ कर यह अवैध काम हो रहा था। इसी कारण 15 अगस्त को दीवार तोड़ी गयी और दूसरे दिन रविवार को बन कर तैयार हो जाएगा इसी सोच के तहत काम शुरू किया गया था। जैसे आज तक उल्हासनगर मनपा क्षेत्र में शौचालय और खाली पड़ी जमीन को शहर के भू-माफियाओं ने हड़पी हैं।
उल्हासनगर में यह व्यापार बन गया है कि दिन भर गली गली जाकर खाली जगह, सरकारी शौचालय देखना और प्रशासन से सांठ-गांठ कर रात दिन में दुकान-मकान बनाना, बनाकर बेंच देना। इसी तर्ज पर उल्हासनगर के विद्यालय, खेल के मैदान आदि तमाम जगह को हड़पकर बेंचते जा रहे और राजनीतिक दल, नगरसेवक और प्रशासन बिल्ली की तरह आंखें बंद कर मलाई काट रहे है।
बेबस चौक के एक विद्यालय की खिड़की के पास मटन, चिकन की अवैध दुकान लगाकर कुछ पार्टी पदाधिकारियों द्वारा मटन बेचा जा रहा है। जिसके बदबू और मच्छर मक्खियों से विद्यार्थी परेशान हैं। कई बार स्कूल प्रबंधन की शिकायत के साथ ही समाचार पत्रों में छपने के बाद भी आश्चर्य की बात तो यह है, की मांस बेचने वाले ने टैक्स पावती बनवाने का दावा किया हैं।इस सरकारी विद्यालय की परेशानियों को देखते हुए इसकी शिकायत मानव सेवा मंडल ने आयुक्त, महापौर, उपायुक्त मदन गोडसे, प्राभाग अधिकारियों , सभागृह नेता, अतिक्रमण विभाग के गणेश शिंपी, विरोधी पक्ष नेता आदि तमाम नेताओ व उमपा के आला अधिकारियों को लिखित शिकायत दी गयी है।
शर्म तो यहाँ तब आती हैं जब भाजपा जैसी पार्टी के ईमानदार नगरसेवक हरेश जगयासी पता नही किस मोह में मांस बेचने वाले लोगो की वकालत करते है। इतना ही नही भाजपा के ही विधायक कुमार आयलानी होने के बावजूद यदि उल्हासनगर में भाजपा की गरिमा खराब हो रही हैं तो भाजपा के सिद्धांतों पर कही न कही कालिमा लगने जैसी बात है।

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