ठाणे जिले के उल्हासनगर शहर स्थित मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन की हद में शास्त्रीनगर गोपाळ समाज विठ्ठलवाडी स्टेशन रोड के पास उल्हासनगर-३ मेें गोपाळ समाज में गांजा चरस का धंदा बहुत जोर सेे चल रहा है। बतादें उल्हासनगर पुलिस प्रशासन अवैध धंधो को बढ़ावा देकर उनसे अवैध कमाई का जरिया तैयार करती हैं और उन अवैध धंधो सेे पैसे कमाकर ऐसोआराम की जिंंदगी तैैयार करती है। हमने इसके पहले आपको बताया था किस तरह विठ्ठलवाड़ी पुलिस केे कुुछ पुलिसकर्मियों ने और वंहा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक नेे पैसों की लालच में पुलिस मित्र और पत्रकारों पर डकैती और वसूली का झूंठा मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया जबकि वह लोग पुलिस स्टेशन पर अक्सर देखे जाते थे। इसी तरह इन चरस, गांजा विक्रेताओं सेे पुलिस केे छोटे से बडे पोलिस अधिकारी और कर्मचारी हफ्ता ले जाते हैं।.
शिवसेना शहर जिला प्रमुख राजेेंद्र चौधरी इन गांजा चरस विक्रेताओंं की शिकायत उल्हासनगर शहर जिला शिवसेना प्रमुख, नगर सेवक /सभागृह नेता राजेन्द्र चौधरी ने २०११ से लेकर अब तक कई बार पोलिस प्रशासन को पत्र देकर की है। परंंतु कोई कार्यवाही नहीं होती, कभी कभार एक दो दिन के लिए यह अवैध धंदे बंद होतेे हैैं और फिर यथावत शुुरू हो जातेे हैैं। आज करोना महामारी के दौर में भी इनका धंधा बंद नहीं हुआ है। जबकि रोग प्ररतिरोध क्षमता विकसित करने के लिए हर तरह का नशा वर्जित है। सरकार का शख्त आदेश है तंबाकू जनित सभी चीजों की विक्री बंद होनी चाहिए परन्तु हमारे उल्हासनगर शहर के पुलिस कर्मियों को आम जनता से कोई सरोकार नहीं इन्हें तो सिर्फ अवैध हफ्ते चाहिए ,इसीलिए इन्होंने १) सय्यद शेख और उसकी पत्नी २)मुन्नी सय्यद शेख ३)मुमताज हनिफ शेख और उसकी बेटी ४) साईनाथ हफिन शेख ५) अजित शेख और उसकी पत्नी ६)हलिमा अजित शेख उर्फ बुटकी, ७)सकवार बिरमल, इन लोगों को खुलेआम गांजा और चरस का अवैध धंदा करने का मौखिक आदेश दिया हुआ है। पुलिस यंहा आती है और हफ्ता लेकर चली जाती है। मध्यवर्ती पोलिस स्टेशन में मुश्किल से ऐसा कोई पुलिस कर्मचारी बचा होगा जो यहाँ हफ्ता लेने नही आता, जिन महिला पुलिस कर्मियों को हम ईमानदार की संज्ञा देते हैं वह महिला पुलिस कर्मचारी भी यहां हफ्ता लेते दिखाई दे जाती हैं। अब तो यंहा के लोग शहर प्रमुख राजेंद्र चौधरी का पीठ पीछे मखौल करते हैं, और कहते हैं सत्ता में होकर एक अवैध धंंधा बंद नहीं करा सकते तो सत्ता में रहकर क्या फायदा वंही विरोधी कहते हैं शिवसेना और कांग्रेस के शासन में आते ही अवैध धंंधे बढ़ जाते हैं।
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