राज्य के ठाणे जिले के उल्हासनगर कैम्प क्र.1 में रहने वाले लखी उर्फ कारी मखिजा(52) को ता. 8 फरवरी 2020 को उल्हासनगर के एक व्यापारी राजेश इदनानी उर्फ राजू शेरा से रु.30 हजार हफ्ता मांगने के इल्ज़ाम में ठाणे हफ्ता विरोधी पथक के वरिष्ठ निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे व उनकी टीम ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दौरान कारी मखिजा 42 दिनों तक जेल में रहे। तत्पश्चात कल्याण कोर्ट ने रु.15000 की जमानत लेकर उन्हें जेल से राहत दे दिया। कारी मखिजा ने जेल से ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ ही मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को एक 6 पन्नों का पत्र लिख कर बताया कि एक साजिश के तहत हफ्ता विरोधी पथक के वरिष्ठ निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे और उल्हासनगर के कुछ बदनाम समाज सेवक, राजनीतिज्ञ, भवन निर्माता और ठेकेदार द्वारा झूंठे हफ्ता उगाही के मामले में फंसाया गया है।
हफ्ता विरोधी पथक के व.नि.राजकुमार कोथमिरे
पत्र की एक प्रति अग्नि पर्व टाइम्स समाचार पत्र के पास है।
पत्र में लिखे अनुसार कारी माखीजा समय-समय पर सरकारी जमीन हड़पने वाले भू-माफियाओं, पुलिस, भ्रष्ट ठेकेदार जो नगरपालिकाओं और महानगरपालिका को ठगते हैं। अवैध निर्माणकर्ताओं के साथ ही उल्हासनगर की नामचीन कंपनी कोणार्क और ईगल कंपनी के भ्रष्टाचार को उल्हासनगर ही नहीं गोवा और कर्नाटक में भी उजागर किया है। जिसमें उनको केंद्र सरकार द्वारा रु. 4,11,176 का इनाम भी मिला है।
कारी माखीजा का आरोप है राजकुमार कोथमिरे ने उनसे 25 लाख रुपये की मांग की थी। जिसमें से 8 लाख रुपये तीन बार में ले चुके हैं। पहली बार जब आफिस में छानबीन करने आये तब वंहा 5 लाख रुपये थे वह रुपये कुछ सामग्री के साथ बोरी में डालकर ले गये। फिर दुसरी बार पैसे मांगे तब माखीजा ने अपने मित्र गुलशन कटारिया से कलमकार के कहे अनुसार बस स्टैंड पर 2 लाख 50 हजार मंगाये, निरिक्षक कलमकार वंहा पैसे लेने गये भी परंतु पैसे लिए नहीं, डोम्बिवली पहुंचाने को कहा और फिर गुलशन को रुपयों के साथ डोम्बिवली स्थित अपने घर ले गये और वंहा रुपये ले लिए। रुपये गिनने के बाद कारी को लाकअप से निकालकर कोथमिरे के कार्यालय लाया गया और वंहा बताया गया इसमें रु.11 हजार कम हैं। बार बार और पैसे मांगने पर गुलशन कटारिया फिर रु. 25 हजार लेकर ठाणे के हफ्ता विरोधी पथक कार्यालय गया। यंहा यह बताना जरूरी है कि यह वही गुलशन कटारिया है जिसको कोथमिरे और उनके साथियों ने अकारण ही होटल में पीटा था जिसमें उसका एक हाथ जख्मी हो गया था। बार बार और पैसों की मांग होती रही और कारी माखीजा कहता रहा अब और पैसे नहीं हैं, फिर कहा गया जो 11 हजार कम निकले वह तो दे दे।
ठाणे पुलिस आयुक्त विवेक फंसालकर
पत्र में आगे लिखा है, निरिक्षक कलमकार कारी माखीजा को छेड़खानी या बलात्कार के झूंठे आरोप में फंसाने की साजिश कर रहे थे जिसके लिए 16 फरवरी 2020 को उन्होंने दो काॅल गर्ल भी बुला लिया था। जिस कार को कल्याण के रास्ते ठाणे जाना चाहिए था वह कार विपरीत दिशा में अंबिवली(टिटवाला के पास) पहुंच गयी। और वंहा निरीक्षक कलमकार ने अपनी बेशर्मी की नुमाइश करते हुए सरेआम लड़की के गले लगे और ढाबे पर खाना खाया और बिल भुगतान के लिए कारी माखीजा से कहा बिल भुगतान न करने पर माखीजा को गालियां दी गई।
अवैध निर्माणकर्ता राजेश इदनानी उर्फ राजु शेरा
अब माखीजा ने पैसा देना बंद कर दिया था और पैसा कहां से आये इसलिए कारी के दुश्मन ढालु नाथानी और अमृत बठिजा का फोन नंबर लेकर उसे बुलाया गया और कारी को कोथमिरे के कार्यालय में ले जाकर दम देकर कहा गया इनके खिलाफ जो मुकदमे दाखिल किये है वह सब वापस ले लो नहीं तो तुमको भारी पड़ेगा और भद्दी भद्दी गालियां दी गई जिसके बदले ढालु नाथानी ने कोथमिरे को 2 लाख दिये। बात यंही नहीं रुकी कारी को बुरी तरह फंसाने के लिए कोथमिरे ने बठिजा और ढालु नाथानी से 16 लाख लिए जिसकी रिकॉर्डिग माखीजा के पास है। एक पुलिस वाले ने तो असभ्यता की हद ही पार कर दी उसने तो सिंधी जाति को अपशब्द कहते हुए उनके भगवान झूलेलाल तक को नहीं छोड़ा उन्हें भी गालियां दी। पुलिस के इस असभ्य रवैये से आहत होकर कारी माखीजा ने 6 पन्नों का एक पत्र पुलिस के उच्च अधिकारियों के साथ ही मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को तथ्यात्मक पत्र लिखा, पत्र के तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए न्यायाधीश ने हफ्ता विरोधी पथक के वरिष्ठ निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे और उनके साथियों के खिलाफ 21 जुलाई 2020 को याचिका में तब्दील कर दिया है।

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