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तुम्हारा प्यारा पापा

एक मध्यम वर्गीय पिता जो अपना सारा जीवन अपने परिवार और बच्चों के लिए न्यौछावर कर देता है। वही पिता अपने आखिरी समय में अपने आप को एकांत का शिकार होने पर अपने बच्चों को अपने पुराने दिनों की याद दिलाता हुआ। उसे लगता है उसके चेहरे पर आई हुई झुर्रियों से बच्चे डर रहे हैं। 
चेहरे की झुर्रियाँ देख न घबराओ
आओ मेरे करीब आओ
यह वही चेहरा है जिसे चूमकर
खिलखिलाया करते थे मेरी बांहों
में झूम जाया करते थे।
देख हाथों में फल की थैली बिस्कुट
झूम जाया करते थे लेकर थैली
बार बार कहते नहीं थकते थे
पापा मेरे लिए क्या लाए
हां मै वही पापा हूँ जो अब तुमको
कंधो पर नहीं उठा सकता हूं।
तुम्हें बांहों का झूला नंही झूला सकता हूं।
बेटा मैं वही पापा हूँ जो तुम्हारे खिलौनों
के लिए अपने सपने छोड़ देता था।
तुम्हारे जुतों के लिए अपनी 
चप्पल सीकर पहनता था।
क्या करुं दिल में अबभी तुम्हें देने
का अरमान है पर क्या करूँ
कांपते हाथों और छूटती सांसो
से परेशान हूँ। ये खुदा थोड़ी सी
मोहलत जो और दे देता तो मैं
अपने बेटे-बेटियों के कुछ और
अरमान पूरे कर देता।
मेरे चेहरे के झुर्रियों से मत घबराओ
आओ मेरे करीब आओ ।
मैं तुम्हारी खुशियों मे खुश हो लूंगा
मैं अब भी तेरे चेहरे की बलायें लुंगा
मेरे कांपते हाथों से न घबराओ
आओ मेरे करीब आओ ।
तुम्हारे कपड़ों का मोल समझता हूं 
मुझसे मत घबराओ आओ मेरे
पास आओ मैं वही तुम्हारा पापा
मुझसे न घबराओ आओ मेरे
पास आओ। 

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