पुलिस सब-इंस्पेक्टर संग्राम मालकर
उल्हासनगर : ठाणे पुलिस आयुक्तालय परिमंडल के चार उल्हासनगर के हिललाइन पुलिस स्टेशन के कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों ने बिना किसी एफआईआर और कोर्ट के आदेश के ही ऋषिकेश भास्कर फुलोरे का रिमांड ले लिया, रिमांड में पुछताछ ही नहीं किया बल्कि, आतंकवादियों की तरह चक्की के पट्टे और लातों घूसों से पीटकर, थर्ड डीग्री जैसा व्यवहार किया गया। अब उन्होंने पुलिस उपायुक्त को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।
उल्हासनगर : ठाणे पुलिस आयुक्तालय परिमंडल के चार उल्हासनगर के हिललाइन पुलिस स्टेशन के कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों ने बिना किसी एफआईआर और कोर्ट के आदेश के ही ऋषिकेश भास्कर फुलोरे का रिमांड ले लिया, रिमांड में पुछताछ ही नहीं किया बल्कि, आतंकवादियों की तरह चक्की के पट्टे और लातों घूसों से पीटकर, थर्ड डीग्री जैसा व्यवहार किया गया। अब उन्होंने पुलिस उपायुक्त को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।
संदीप रामचंद्र बर्वे
पत्र में, ऋषिकेश भास्कर फुलोरे, सह्याद्रि नगर, गणेश मंदिर के पीछे, माणेरेगांव, उल्हासनगर-४, निवासी ने लिखा है कि 26/09/2025 की रात को, 00:30 बजे के बीच, हिललाइन पुलिस स्टेशन के 4 पुलिस वाले एक निजी वाहन, जिसका क्र. MH-14, KJ-0498, पर सवार होकर निवास पर पहुंचे। और उन्होंने फुलोरे को जबरदस्ती कार में बैठा लिया और पूछा कि शिवा कहाँ मिलेगा? उसने क्या किया? फुलोरे ने कहा कि मुझे कुछ नहीं पता। पुलिस वालों ने फुलोरे के फोन से शिवा को कॉल करवाया, उसने फोन उठाया तब उसे आशेलेगांव गावदेवी मंदिर के पास बुलवाया गया। मौजूद 3 पुलिसकर्मियों ने शिवा को करीब से देख लिया। परंतु बहादुर पुलिस वाले उसको पकड़ नहीं पाये, वह वहां से भाग निकला। गुस्साए पुलिसकर्मियों ने फुलोरे को मंदिर के पीछे ले जाकर पीटना शुरू कर दिया। और भद्दी भद्दी गालियां देने लगे। पीटने और गाली देने के बाद जिस रास्ते शिवा भागा था उस उस रास्ते पर फुलोरे को पैदल आरोपी की तरह घुमाया गया। उसे उल्हासनगर स्टेशन ले गये, बादमें हिललाइन पुलिस स्टेशन ले जाया गया। फुलोरे ने कहा अगर मुझे पुलिस स्टेशन ले जा रहे हैं तो मुझे अपने घरवालों को एक फोन कर लेने दो, मेरे माता-पिता को पता हो कि मैं कहाँ हूँ? परंतु फुलोरे की एक न सुनी और उसे पुलिस स्टेशन के पीछे रुम में ले जाकर गालियां देते हुए मारना शुरू कर दिया उस मारपीट में API - बेनकुले, PSI-मालकर, तड़वी, संदीप बर्वे, नितिन पादिर, हेलिंगे, काले,
अमीन तड़वी
सातपुते यह सभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी वहाँ मौजूद थे। जिन्होंने मुझे बेल्ट व थप्पड़ मारे, लातों से मारा, और पैरों पर जुतों सहित खड़े होकर रौंदा, गाल पर थप्पड़ मारते हुए कहा कि इसे इस अपराध में फंसाऊंगा, जो होगा वह देख लूँगा। इस तरह पुलिस स्टेशन में अमानवीय तरीके से पीटा। इसके बाद फिर सुबह 10:30 से 11:00 बजे के बीच उनमें से 4 पुलिस वाले फिर से फुलोरे के घर गये। और धमकाते हुए बोले, जल्दी से नहा लो, तैयार हो जाओ और जैकी प्लाजा के सामने मिलो। ऐसा बोलकर चले गए। एक घंटे बाद जब मैं उनसे जैकी प्लाजा पर मिला तब उन्होंने नेताजी चौक बुलाया और डेढ़ घंटे तक न्यू इंग्लिश कॉलेज के सामने खड़ा रखा। अगले दिन 27/09/2025 को दोपहर 1:45 बजे के दरम्यान अपराध शाखा के पुलिस वाले ऋषिकेश (पिंटया) के घर गए और उसके भाई से कहा कि पिंटया को फोन करने को कहो, भाई ने संदेशा तो दिया लेकिन उसने फोन नहीं किया। क्योंकि पहले पुलिसकर्मी मीठी-मीठी बातें कहकर थाने ले गए और अवैध रूप से रिमांड लिया। आरोपियों की तलाश करते समय फुलोरे का फोटो भी हर जगह दिखाया गया, जबकि उसका कोई अपराध नहीं था। फुलोरे ने अपने पत्र में संभावना जताई है कि उसे किसी गंभीर अपराध में फँसाया जा सकता है। इस तरह बिना FIR और बिना न्यायालयीन आदेश के भी ठाणे पुलिस आयुक्तालय परिमंडल चार की पुलिस, रिमांड भी ले लेती है। क्या ऐसे भ्रष्टाचारी और कानून को ताख पर रखकर काम करने वाले पुलिस वालों की जाँच कर उनपर उचित कार्यवाही सरकार और वरिष्ठ अधिकारी करेंगे? यह सवाल आज आम जनता का है।
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