इसके साथ-साथ - 3, नंबर में चलते हैं, बहुत सारे अवैध वीडियो गेम पार्लर, गुटका बिक्री की दुकाने, अवैध डांसबार, वैश्यावृति के धंधे हाथभट्टी, शराब के अड्डे और न जाने क्या क्या? इसीलिये उल्हासनगर में क्राइम ग्राफ दिन ब दिन तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण है, भ्रष्टाचारी पुलिस, अगर पुलिस ईमानदार हो तो मंदिर के बाहर से एक जोड़ी चप्पल भी चोरी नहीं हो सकती मगर बड़े अफ़सोस के साथ कहना पड़ता है पुलिस बिलकुल ईमानदार नहीं है। वह चाहती है अवैध धंधे बढ़े और उनको हफ्ता ज्यादा और ज्यादा मिले। क्योंकि शंकर अवतड़े को सरकार जो तनख्वाह देती है वह उनको पूरी नहीं पड़ती है, इसीलिये उन्होंने जो कसम वर्दी पहनते समय खाई थी वो कसम भूलकर अब ये कसम खाई है के हम जब तक मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक रहेंगे तब तक गैरकानूनी धंधे वालों से हफ्ता लेकर उन्हें संरक्षण देते रहेंगे! इसके साथ साथ जोन 4 के डीसीपी भी अपनी एक लाल डायरी बनाए बैठे हैं जिसमें वसूली की इंट्री जोर शोर से हो रही है। इस तरह बढ़ रहा है उल्हासनगर में पुलिस की मिलीभगत से अवैध धंदों का साम्राज्य, अगर ऐसा ही हाल रहा तो आशुतोष डुंबरे जनता को मुंह दिखाने के लायक नहीं बचेंगे! अब देखना ये है कि ये सभी गैरकानूनी धंधे बंद होते हैं या फिर हमेशा की तरह पुलिस प्रशासन बिल्लियों की तरह अपनी आंखें मूंदकर बेशर्मो की तरह सिर्फ मलाई खाने में व्यस्त रहेगी? अगली खबर में होंगे शंकर अवातड़े से जुड़े हुए और भी कई सारे खुलासे ।
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