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अय्याश डा. ने किया युवती का शील भंग, उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज, २ घंटे चार्ज शीट!

              मुस्लिम डा. द्वारा हिन्दू लड़की के अपमान पर बजरंग दल मैदान में !! 

               गोल घेरे में डा. मोहम्मद शहाबुद्दीन 

उल्हासनगर : उल्हासनगर शहर के सी ब्लाक स्थित लाईफ केअर अस्पताल के मालिक डा. सहाबुदीन ने फिर एक युवती से किया छेड़ छाड़, उल्हासनगर पुलिस में धारा 74 के तहत मुकदमा दर्ज किया और दो घंटे के भीतर एफआईआर, जांच और चार्जशीट सारा कार्य संपन्न। पुलिस की इस तत्परता से सारा शहर आश्चर्यचकित है! कहते हैं शहाबुद्दीन एक मालदार आसामी हैं शायद यही कारण है कि जमानत का रास्ता साफ करने के लिए पुलिस ने तत्परता दिखाया है। 

बतादें २६ जून २०२५ की दोपहर २.३६ बजे पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया और पांच बजने से पहले ही आरोपी को गिरफ्तार कर जांच कर लिया और चार्जशीट बनाकर न्यायालय में पेश कर जमानत का रास्ता साफ कर दिया। पुलिस की इस तत्परता की जितनी तारीफ की जाय उतनी कम है परंतु यह तत्परता अन्य मामलो में नहीं दिखाई देती। है न आश्चर्य की बात।

    आपको यह जानकर बड़ा दुख होगा की पीड़ित बालिका के पिता अपनी भरी जवानी में दोनों किडनी के खराबी के कारण बिस्तर पर चले गये लेकिन दादाजी घर की गाड़ी को खींच रहे थे मटेरियल सप्लाई का अच्छा खासा कारोबार है। परंतु कुछ उम्र का तकाजा और उसपर बिमारी ने उनको भी बिस्तर पर लिटा दिया इस तरह पिता और दादा की सारी जवाबदेही पीड़िता और उसके भाई के कंधे पर आ गयीं। जो अभी उम्र में बहुत कम हैं यानी पूरी तरह से जवान भी नहीं हुए हैं शायद यही कारण रहा होगा कि पिता और दादा दोनों के डायलिसिस में लगने वाले खर्च के बदले संबंध बनाने (घुमाने) का आफर दिया परंतु युवती जब बातों से नहीं मानी तब डाक्टर हाथापाई पर ऊतर आया और लड़की भागकर पुलिस थाने पहुंच गई। 

    डा. सहाबुदीन पर १० अप्रैल २०२२ को उल्हासनगर के मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन में इसी तरह का एक मामला दर्ज हुआ था। उसमें भी पिड़िता एक हिंदू लड़की थी, जो लाइफकेयर अस्पताल में ही काम करती थी। उस मामले में भी सबूत नष्ट करने के लिए सुपारी देकर एक मुस्लिम लड़के से मोबाइल छिनवा लिया था। उस मामले में कुछ दिन जेल में रहकर आया डाक्टर सहाबुदीन। परंतु इस मामले में पुरा पुलिस महकमा ही बचाने में लगा रहा और शायद जज साहब भी मौके का फायदा उठा रहे हैं वर्ना एफआईआर दाखिल होने के दो घंटे के भीतर गिरफ्तारी, जांच और फिर चार्जशीट सारी कहानी खुद बयां कर रही है। मजे की बात यह है कि डाक्टर अकेले कोर्ट आया उसके साथ पुलिस नहीं थी। जो विडियो में साफ दिख रहा है। पुलिस की इस कारगुजारी से नाराज बजरंग दल सड़कों पर ऊतर आया और खूब हंगामा किया। यहाँ वह गाना चरितार्थ हो गया कि "पैसा बोलता है"। ऐसे में अब गरीबों मजलुमों को न्याय के लिए सिर्फ भगवान का ही सहारा बचा है। 

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