उल्हासनगर: ठाणे पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में कई जगह विन गेम शुरू है पर पुलिस कहती शुरु नहीं है। राजश्री जैसी कंप्यूटरीकृत विन गेम या फिर लाटरी की दुकानें उल्हासनगर पुलिस स्टेशन हद में, शहाड स्टेशन के पास व अन्य जगहों पर शुरू है। शिकायत पर पहले कहा कोर्ट से परमिशन है, जीएसटी भरते हैं। क्या डकैती के माल पर जीएसटी भरने पर उसको मान्यता देगी पुलिस? जुआ चलाने का परमीशन कोर्ट देने लगा है? अब जनसूचना के तहत पुलिस ने कहा विनगेम यानी झटपट लाटरी शुरु ही नहीं है। आखिर पुलिस बहाने क्यों बना रही है, रहस्य से पर्दा कौन उठायेगा या फिर जनता जुए के गर्त में डूबती रहेगी और संचालक और पुलिस धनवान बनते रहेंगे?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नशे कारोबारियों को सपोर्ट करने वाले पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की बात कही है तो मोबाइल व कंप्यूटर पर तरह तरह के ऐप बनाकर जुआ खेलवाने वालों पर कार्रवाई कब करेंगे? अब उल्हासनगर पुलिस जनसूचना के तहत झूंठी जानकारी देती है ऐसे भ्रष्ट पुलिस वालों पर कार्रवाई कब होगी? पुलिस सूत्रों द्वारा कहा जा रहा है कि इस बार आन लाइन लॉटरी के धंधे को कोर्ट की परमीशन है, और जीएसटी भी भरते हैं इसलिए हम इस अवैध धंधे पर कार्यवाही नहीं कर सकते। अब कौन बतायेगा कि विनगेम लॉटरी की दुकानों को इतने बड़े पैमाने पर परमीशन कोर्ट ने किस आधार पर दिया है? देशवासियों को लाटरी से क्या लाभ है? हो सकता है कोर्ट व पुलिस अधिकारियों को कुछ लाभ हुआ हो! या फिर कोर्ट का नाम लेकर यह गोरखधंधा चलाया जा रहा है। इस बात का संज्ञान मुख्य न्यायाधीश को लेना चाहिए। वर्ना जनमानस का विश्वास न्यायालय पर से पूरा उठ जायेगा! बाकी पुलिस पर से तो जनता का विश्वास हर दिन घट ही रहा है। देखना होगा कि खबर लिखे जाने पर न्यायालय, पुलिस व सरकार क्या संज्ञान लेती है। आज के जमाने में बारह तेरह वर्षीय बच्चों के पास एनरायड मोबाइल होते हैं और उनमें जुए सट्टेबाजी के साफ्टवेयर हों तो भारत की युवा पीढ़ी को बर्बादी से कौन बचायेगा? युवक मोबाइल और कंप्यूटर साफ्टवेयरों द्वारा मटका, रम्मी, झटपट लाटरी आदि खेल रहे हैं।
0 टिप्पणियाँ