उल्हासनगर : उल्हासनगर "जय सांईश्रद्धा क्लिनिक" तिर्थ प्रसाद अपार्टमेंट, विनस सिनेमा के सामने उल्हासनगर-4, ठाणे के डी.एच एम.एस.डाक्टर डी.बी.पाटिल रुपये कमाने की लालच में गलत दवा देकर, 23 वर्षीय युवती की ले ली जान, कुमार आयलानी के पत्र के बावजूद, परिमंडल-4, विठ्ठलवाड़ी पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक अनिल पडवल ने कहा गुनाह निरीक्षक गोड़ छुट्टी पर हैं, जब वे आयेंगे तब दर्ज होगी FIR इस तरह पीड़ितों को परेशान कर वसूली का धंधा करता है पुलिस प्रशासन हफ्तों से पीड़ित परिवार थाने का चक्कर लगा रहा है। रुपया देने पर झूंठी FIR भी तुरंत दर्ज हो जाती है।
उल्हासनगर मनपा हद में सैकड़ों झोलाछाप डाक्टर हैं जो हर दिन किसी न किसी पीड़ित की जान ले रहे हैं, या उनको किसी अन्य बिमारी की जद में ढकेल रहे हैं। इसी तरह का एक मामला उल्हासनगर -4, विनस सिनेमा के सामने से आया है।जहाँ एक DHMS (डिप्लोमा इन होमिओपैथी मेडिसिन एण्ड सर्जरी) डाक्टर ने पीड़ित युवती का मेडिकल परिक्षण कराकर दवा देने की बजाय पैरासिटामोल की सुई, गोली देकर चार दिनों तक करता रहा इलाज। जब मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ गयी तब उसे डा.बालानी के संजीवनी अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दिया उन्होंने एक दिन गुजारा परंतु मामला इतना ज्यादा बिगड़ गया था कि उनसे भी नहीं संभला और उन्होंने बीमार युवती को 23/11 की रात 12.15 बजे कल्याण के फोर्टिस अस्पताल जाने की सलाह दिया, वहाँ भर्ती न होने पर परिवार हताश होकर सीधा मुंबई के धर्मदाय अस्पताल नायर पहुंच गया जहाँ 23/11 की सुबह 8.34 भर्ती लिया गया। और 25 दिसंबर 2022 की दोपहर 1.40 बजे 23 वर्षीय पीड़ित युवती ने दम तोड़ दिया।
विधायक कुमार आयलानी
अब यहाँ समझने की बात यह है कि होमिओपैथी डाक्टर ने न जानते हुए एलोपैथी की पैरासिटामोल इंजेक्शन गोली दोनों दे दिया। इस तरह बुखार की दवा लेने गयी पीड़िता की किडनी में जख्म हो गया किडनी पर जख्म और तेज बुखार के कारण युवती की हुई मृत्यु, ऐसा नायर अस्पताल के डाक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है। महाराष्ट्र शासन आरोग्य विभाग के आदेश पर उल्हासनगर मनपा आरोग्य विभाग ने जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित किया था। उसके निष्कर्ष में भी डा. डी बी पाटिल को एलोपैथी की जानकारी न होने पर एलोपैथी दवा दिया, वह भी किसी तरह के परिक्षण के बैगैर दवा देते रहे। इस तरह लापरवाही के चलते ही पीड़िता की मौत हो गई है।
आयुक्त आशुतोष डुंबरे. अनिता पडवल
उल्हासनगर में सैकड़ों झोलाछाप डाक्टर हैं जो लोगों की जान से खेल रहे हैं परंतु उल्हासनगर मनपा विभाग आंखों पर हर महीने मिलने वाले नोटों की गड्डी बांधकर मजे कर रही है। वहीं पुलिस प्रशासन जांच की रिपोर्ट देखकर भी FIR लिखने में टाल-मटोल कर रहा है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन से छुट्टी पर गये गुनाह शाखा निरीक्षक गौड़ जब तक आ नहीं जाते तब तक कोई FIR दर्ज नहीं होगी यानी तबतक पुलिस थाना बंद के समान होगा। क्योंकि वरिष्ठ निरीक्षक अनिल पडवल व सेवा में उपस्थित अधिकारीयों कर्मचारियों को नहीं पता की किस धारा में FIR लिखा जाना है। उल्हासनगर विधानसभा विधायक कुमार आयलानी के क्या कहने वे पत्र देकर छूट जाते हैं चाहे उनके पत्र को कोई तव्वजो दे या न दे भले ही कचरे की टोकरी में ही क्यों न डाल दे! विधायक पुलिस कमेटी का सदस्य होता है कलेक्टर के समकक्ष होता है फिर भी अनिल पडवल का जिगर तो देखिए उनके पत्र के बावजूद पीड़ित परिवार को दस दिनों से एफआईआर लिखने के लिए घूमा रहे हैं। यही कारण है कि उल्हासनगर में गुनाहगारों की चलती है और शरीफ लोग परेशान हैं।
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