नाला कब्जाने वालों और अवैध धंधों पर कब दिखायेंगे दबंगई? अवैध बांधकामों पर खड़े होकर कब करवायेंगे कार्यवाई?
निलम कदम बोडारे
उल्हासनगर: उल्हासनगर भाजपा नेता व पूर्व स्थायी समिति सभापती राजेश वदरिया ने शहाड स्थित सेंचुरी कंपनी को मनपा कर विभाग ने कर में दी गई राहत को घोटाला करार दिया। वैसे सेंचुरी अपने बनाये गये बंगलों व क्लब हाऊस मे उल्हासनगर में तैनात होने वाले पुलिस अधिकारियों के साथ ही मनपा आयुक्त को आश्रय देती है तो बदले में कुछ न कुछ तो लेगी ही, कंपनी प्रबंधन प्लांट के फेर-बदल के लिए कोई परमिशन नहीं लेता और मनपा रहवासी कर अधिकारी खुले जमीनी भूखण्डों व अधिकारियों, कामगारों के लिए बने रहवासी मकानों के क्षेत्र को कम दिखाकर भ्रष्टाचार करने का सिलसिला तो कई दशकों से चला आ रहा? इस बार मनपा द्वारा दी गई छूटों पर भाजपा नेता ने उठाया प्रश्न। मनपा अधिकारियों को रहने के लिए दिये जाने वाले मकानों के एवज में दी जा रही छूट के कुछ अंश से ही कई मकान बन जाते?
सवाल :- विधायक कुमार आयलानी को वीट मुकादम की तरह फुटपाथ पर खड़े रहकर फेरीवालों के सामान उठवाना और अतिक्रमण को तुड़वाना चाहिए?
जवाब :- आयलानी ने अपने विधायकी के दस वर्ष ऐसे ही गंवाये हैं, सड़क पर उतरकर काम करना होगा, कुछ लोगों को बुरा लगेगा परंतु वह तात्कालिक होगा, जब लोगों खुले पदपथ और रास्ते मिलेंगे तो अच्छा लगेगा और लोग खुश होंगे। मनपा में नगरसेवक,चेयरमैन,महापौर तो हैं नहीं, विधायक पर ही सारा दारोमदार है, उल्हासनगर मनपा अधिकारीयों और कर्मचारियों के कारनामें व भ्रष्टाचार तो जगजाहिर हैं उनके भरोसे कैसे चलेगा।
सवाल :- विधायक आयलानी अपने साथ दिपक छितलानी को लेकर घूमते हैं, जिनपर प्रतिबंधित पन्नियों के कारखानों और विक्रेताओं को संरक्षण देने और हफ्ता बांटने का आरोप है।
जवाब :- यह विधायक को सोचना चाहिए! मैं उनको सलाह देने के लिए कोई बड़ा नेता नहीं हूँ, एक कार्यकर्ता हूँ।
सवाल:- सेंचुरी कंपनी को तो हमेशा से छूट दिया जाता रहा है। जब आप स्थायी समिति सभापति रहे थे तब भी जारी था आपने तब ध्यान नहीं दिया आज आपको कैसे याद आया?
जवाब :- तब मुझे पता नहीं था। 2 तारीख को किसीने जानकारी दी उस आधार पर मैने चार तारीख को पत्र बनाया, परंतु मेरे पार्टनर के बेटे की शादी थी मैं उसमें चला गया था। अब जब मैं वापस लौटा हूँ तब मैने आयुक्त को मिलकर पत्र दिया है।
सवाल:- मौजूदा आयुक्त कैसे हैं? अजीज शेख जैसे!
जवाब:- उनसे बहुत अच्छे हैं, अब तक कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। उन्होंने तो भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार कर दिया था।
सवाल:- आयुक्त जिस रास्ते से आते जाते हैं वह भी नहीं देखते तो शहर को कैसे देखते होंगे?
जवाब:- कार का चालक होशियार होगा या फिर मोबाइल पर बिजी रहते होंगे इसलिए ध्यान नहीं जाता होगा!
सवाल:- क्या आयुक्त समाचारपत्र नहीं पढ़ते और देखते? हर दिन अवैध निर्माणों और भ्रष्टाचार की खबरों से भरा रहता है। आयुक्त विकास ढाकणे और विधायक आयलानी अवैध निर्माणों और ठेकों में हो रहे भ्रष्टाचारों पर कुछ नहीं बोलते और करते हैं?
जवाब:- नहीं पढ़ते होंगे, मैं भी नहीं पढ़ता। कौन-सा नेता अवैध निर्माण, ठेकों के कमीशनखोरी में लिप्त नहीं है?
सवाल:- आप भी तो नेता हैं?
जवाब:- मैं उल्हासनगर के छक्के पंजों से दूर रहता हू। मैं उन नेताओं में नहीं हूँ जो अवैध निर्माण करते हैं और संरक्षण देते हैं। मेरा सारा विजनेस व्हाइट है। मैं हाऊस टैक्स,जीएसटी,इन्कम टैक्स समय पर भरता हूँ। इसीलिए मैं पुलिस या अन्य विभाग के अधिकारियों से नहीं डरता और भ्रष्टाचार के खिलाफ निडर होकर बोलता हूँ। वर्ना मनपा से ज्यादा ताकतवर सेंचुरी रेयान कंपनी है, जिसके खिलाफ मैने आवाज उठाया है।
वैसे रहवासी कर संकलन विभाग की मुखिया निलम कदम बोडारे हैं जिनपर शिक्षण विभाग में कई बड़े घोटालों का आरोप लगा था। परंतु सब सेटलमेंट हो गया और बात आयी गयी हो गई, जैसा उल्हासनगर मनपा में हर भ्रष्टाचार के मामले में होता आया है। इसलिए घोटाले से इंकार किया नहीं जा सकता, बाकी तो गहन जांच में ही पता चल पायेगा।
इस तरह से पूर्व स्थायी समिति सभापति और भाजपा नेता राजेश वदरिया से मुलाकात के कुछ अंश आपके सामने पेश है। अगर आपके कोई सवाल हैं तो जरुर भेजिए हम उनसे जरुर पूछेंगे।
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