कुमार आयलानी. पप्पू कालानी
उल्हासनगर : उल्हासनगर मनपा प्रभाग समिति क्रमांम-2 के पैनलफायदा-10, बैरक नंबर -1190 रूम नं.27/28/29, मेघा अपार्टमेंट के सामने शिव मंदिर के बगल पवाई चौक उल्हासनगर-3 में लगभग 3000 फुट का तीन रूम टियर गाटर का धोखेदाय अवैध निर्माण हो रहा है। प्रभाग समिति- 2, अधिकारी मनीष हिवरे व मुकादम भगवान खंबालकर का इस धोखादायक अवैध निर्माण पर वरदहस्त है।
कुमार आयलानी की गरीब चिंता
उल्हासनगर मनपा में अवैध निर्माणों का कहर जारी है। एक साछात्कार में उल्हासनगर के विधायक कुमार आयलानी ने कहा था कि टियर गाटर का अवैध निर्माण गरीब लोग करते हैं, इसलिए देखकर अनदेखा करना पड़ता है। परंतु ऐसा है नहीं, उल्टे गरीब लोग ऐसे अवैध निर्माणों के जरिए ठगे जाते हैं। घटिया दर्जे के सामान से रातो रात टियर गाटर बनकर तैयार हो जाते हैं, चार गुना किमत पर, इस लूट में ठेकेदारों के साथ पूर्व नगरसेवक, वार्ड अफसर, उपायुक्त, आयुक्त व बीट मुकादम शामिल होते हैं। जिस वार्ड में काम शुरू होता है वहाँ का पूर्व नगरसेवक अपने किसी बंदे को ठेकेदारी देने को कहता है, साथ ही शिकायत न करने की एवज में 35 से 50 हजार रुपये लेता है। इसी तरह वार्ड आफिसर से लेकर उपायुक्त, आयुक्त व नोडल अधिकारी को हिस्सा देना होता है। इस तरह अवैध टियर गाटर बनाने का खर्च मूल लागत से 4/5 गुना बढ़ जाती है। अब MLA कुमार आयलानी साहब बतायें कि इसमें गरीबों का भला हो रहा है या दलाल नगर सेवकों और गुंडों मवालियों का? हमारे शहर के नेताओं का मुख कभी भ्रष्टाचार पर नहीं खुलता न ही धरना प्रदर्शन होता है। विधायक रहते हुए दिवंगत ज्योती कालानी ने कोनार्क रेसीडेंसी, रिजेंसी एंटिलिया की शिकायत की थी क्या हूआ इसी तरह कुमार आयलानी ने गणेश शिंपी की शिकायत की तो उसको प्रमोशन देकर नोडल अधिकारी बना दिया गया। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि शिकायतें लेनदेन के लिए की जाती हैं।
पप्पू कालानी के समय अवैध निर्माण
एक समय 20 रुपये फुट कमाने के लिए, तबके नगराध्यक्ष बाद में विधायक बने पप्पू कालानी के जमाने में इसी तरह गुणवत्ता रहित ईंट, रेती, सिमेंट के इस्तेमाल से जल्दबाजी में, नाले, गटर खेल के मैदान, गार्डन व शौचालय की जमीन हड़पकर जहाँ देखो वहीं अवैध बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया गया। उसका दंश आज भी उल्हासनगर की जनता भुगत रही है। उससे गरीबों का भला हुआ था? या फिर झोलाछाप नेता भवननिर्माता बन बैठे थे। परिणाम स्वरूप तमाम इमारतें या तो गिर गई या गिराई जा रही हैं। गिरी इमारतों में कई लोगों को अपने परिवार के सदस्यों से हाथ धोना पड़ा। इमारतों के गिरने से खाली हुई जमीन को नेता व अभिनेता सांठ-गांठ कर हजम कर लिया और लेंगे। इस तरह अवैध निर्माण जनता के लिए नासूर बन गया है। परंतु इसे रोकने के लिए कोई नेता, समाज सेवक सामने नहीं आ रहा है। शहर में लूट के महानायक इसी तरह राज करते रहेंगे या फिर सभ्य समाज भी आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगा? यह सवाल अब शहर के हर उस शहरवासी से है जिसको अपने शहर से जरा सा भी प्रेम है।
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