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भ्रष्टाचार रुके बगैर विकास का नारा थोथा है, रोकने में श्रीकान्त शिंदे रहे नाकाम, बढ़ावा ही दिया है?

      ऐसा सिर्फ उल्हासनगर में होता है,नियम उलंघन पर प्लान रद्द कार्यवाही नहीं !! 

कब्जाया नाला खुलवाने में नाकाम, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में नाकाम फिर भी विकास ! 

 उल्हासनगर: उल्हासनगर स्टेशन के पास, गुरुद्वारे के सामने 'रामायण नगर में बॅरेक नं.1060, रुम नं.14/15/16 ' CTS नं.16644,16649, 30591, सीट नं.12, कैम्प क्र. 3 'प्रभाग समिति 3, में बनी इमारत 'खुशबु महल' के रूम नं.14 की सनद रद्द होने के बावजूद उस पर उक्त इमारत का निर्माण किया गया और मनपा के शहर रचनाकार, वार्ड अफसर व आयुक्त अजिजशेख आंखे मूंदे रहे यह भी नहीं देखा की इमारत के निर्माणकर्ताओं ने अगल-बगल आगे-पीछे नीयमानुसार जो जगह छोड़नी चाहिए वह जगह छोड़ी है कि नहीं? बावजूद इसके विकासक को प्लींथ सर्टिफिकेट के साथ स्लैब पर स्लैब लगाने की अनुमति देते रहे अब शायद सीसी और ओसी भी दे दी जायेगी! 




उल्हासनगर शहर महानगरपालिका नगररचना विभाग अपनी आंखों पर नोटों के बंडल की पट्टी बांध कर प्लान पास करता है यही कारण है कि शहर अनियमितताओं से भरा पड़ा है। आयुक्त अजीज शेख को शायद नगरविकास मंत्रालय ने लक्ष्य देकर भेजा है कि हर महीने कमसे कम 100 करोड़ तो कमाकर दो। शेख ने जबसे प्रशासक/आयुक्त का पदभार संभाला है,तबसे जाने कितने भ्रष्टाचारों का खुलासा हुआ न जाने कितनी अवैध इमारतों का निर्माण हुआ जिनकी शिकायतें हुई परंतु कार्यवाही के नामपर जीरो, शिकायतें नगरविकास मंत्रालय तक गंयी परंतु वहाँ भी सन्नाटा ही रहा इस तरह यह कयास लगाया जाने लगा है कि यह सारी अनियमितताएं मंत्रालय व मंत्री के इशारे पर ही हो रही हैं। यही कारण है कि अवैध निर्माणों के प्रोत्साहनकर्ता गणेश शिंपी पर कार्यवाही नहीं हो रही है। शिंपी की जांच और उनपर कार्यवाही के लिए उल्हासनगर के रहवासी राजेश नागदेव व कमलेश खतुरानी दिल्ली प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन ही नहीं दिया अपितु सांकेतिक धरना भी दिया। सबूतों के साथ नौ महीने तक मुंबई के आजाद मैदान में धरने पर बैठे रहे फिर भी नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ ही मनपा शासन प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी, यह कैसा लोकतंत्र है जिसमें लोगों के हितों को दरकिनार कर दिया गया है। आज अपने बेटे श्रीकान्त शिंदे को जिताने के लिए माता-पिता के साथ सारा कुनबा मैदान में है। हर तरह के हथकंडे अपना रहा है। मुख्यमंत्री के साथ ही एकनाथ शिंदे नगर विकास मंत्री भी हैं। उनके रहते उल्हासनगर मनपा में इतना भ्रष्टाचार है और फिर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए भाजपा, राकपा, रिपाई और टिओके, एक ही रथ पर एक साथ घूम रहे हैं। ओमी कालानी तो सरेआम कह रहे हैं कि हम दोस्ताना निभा रहे हैं, दोस्ताने की नींव में भ्रष्टाचार का गारा-पानी है। फैसला अब जनता के हाथ है, यह समय पांच वर्ष में एक ही बार आता है भ्रष्टाचारियों को पहचानों और आमने-सामने सवाल करो। बाकी जनता आजकल समझदार है पढ़ी लिखी है, अपना भला-बुरा समझ सकती है। भ्रष्टाचार रुके बगैर विकास नामुमकिन है। 

                                   जयहिंद,,,,,,, जयहिंद,,,,,,, जयहिंद,,,,,,, 

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