कुमार आयलानी
उल्हासनगर : उल्हासनगर विधानसभा १४१ विधायक कुमार आयलानी स्वभाव से एक बिजनेसमैन हैं। वे दूसरे टर्म में भी एक बढ़िया राजनितिज्ञ नहीं बन पाये। आज भी सिर्फ कमाई का जरिया ही ढूंढते नजर आते हैं! 2019 विधानसभा चुनाव में जीत के वोटों का अंतर मात्र 18 सौ ही था। जबकि मोदी लहर थी, उस समय भाजपा चुनाव चिन्ह पर गधे घोड़े भी खड़े किए जाते तो वह भी जीत जाते? इस बार गुटबाजी एंटी-इनकंबेंसी के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की नाराजगी और सार्वजनिक निर्माण मंत्री रविंद्र चौहान के घातों का भी सामना करना पड़ेगा।
अब आप यह जरूर जानना चाहते होंगे कि कुमार आयलानी से वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी क्यों है? तो बता दें आयलानी के कार्यालय में नियुक्त उनके पीए और लिपिक इसका कारण हैं। भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सम्मान विधायक कार्यालय में नहीं मिल रहा है। जबकि अगर कुछेक को छोड़ दें तो भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जिसके कार्यकर्ता बिना मानधन लिए ही पार्टी विचार धारा के साथ ही जनहित में चुनाव में अपनी जेबों से खर्च कर चुनाव कार्य करते हैं। और विधायक जी ने अपने कार्यालय में कांग्रेसी कल्चर के लोगों को बैठा रखा है, जो आने वालों के कपड़े और जेबों को देखते हैं। कुछ न मिलने पर समय नहीं है, कल आना जैसे शब्दों का प्रयोग कर परेशान करते हैं। साहब तो अपने खास लोगों के साथ व्यस्त और मस्त रहते हैं। पाँच वर्ष सिर्फ अपनी कमाई में व्यस्त रहे साहब लोगों से पूछ रहे हैं कार्य क्या करना है। पांच वर्ष तो अपना उद्देश्य साधने में व्यस्त रहे चाहे वह मोनार्च कंपनी द्वारा निर्माणाकृत इमारत संकुल हो या फिर हरमन मोहता कंपनी का प्लाट हो। इसके अलावा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपने रिश्तेदारों के होटल पिंटो पार्क के पास उल्हासनगर-3 में वालधुनी नदी के किनारे की जमीन के कागजात तैयार कर सनद निकालना हो। इसी तरह म्हारल, वरप व कांबा के विकास पर ज्यादा जोर दिया जा रहा था। आप जानते हैं क्यों? क्योंकि विधायक जी निर्माण कार्य से जुड़े हुए हैं और उनके व मित्रों के निर्माणकार्य म्हारल वरप व कांबा में चल रहे हैं, उनके सपोर्ट के लिए विकास की आवश्यकता तो होगी ही।
केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा लाई गई योजनाएं आम जनता तो छोड़िए कई भाजपा कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंच रही हैं। उल्लेखनीय है कि पुलिस प्रशासन हो या फिर उल्हासनगर महानगर पालिका कुमार साहब की कहीं नहीं चलती, शहरहित में कुमार साहब द्वारा दी गई शिकायतों व सुझावों को उमनपा अधिकारी कर्मचारी कचरे की टोकरी में डाल देते हैं। यही कारण है कि उल्हासनगर शहर समस्याओं का सहर बना हुआ है। पार्टी आधार पर काम का न होना और वरिष्ठों से सामंजस्य में कमी बन सकती है, वर्तमान विधायक कुमार आयलानी की हार का कारण और इस तरह हार कर पार्टी की थू थू करायेंगे वर्तमान विधायक।.......... क्रमशः
उल्हासनगर : उल्हासनगर विधानसभा १४१ विधायक कुमार आयलानी स्वभाव से एक बिजनेसमैन हैं। वे दूसरे टर्म में भी एक बढ़िया राजनितिज्ञ नहीं बन पाये। आज भी सिर्फ कमाई का जरिया ही ढूंढते नजर आते हैं! 2019 विधानसभा चुनाव में जीत के वोटों का अंतर मात्र 18 सौ ही था। जबकि मोदी लहर थी, उस समय भाजपा चुनाव चिन्ह पर गधे घोड़े भी खड़े किए जाते तो वह भी जीत जाते? इस बार गुटबाजी एंटी-इनकंबेंसी के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की नाराजगी और सार्वजनिक निर्माण मंत्री रविंद्र चौहान के घातों का भी सामना करना पड़ेगा।
अब आप यह जरूर जानना चाहते होंगे कि कुमार आयलानी से वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी क्यों है? तो बता दें आयलानी के कार्यालय में नियुक्त उनके पीए और लिपिक इसका कारण हैं। भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सम्मान विधायक कार्यालय में नहीं मिल रहा है। जबकि अगर कुछेक को छोड़ दें तो भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जिसके कार्यकर्ता बिना मानधन लिए ही पार्टी विचार धारा के साथ ही जनहित में चुनाव में अपनी जेबों से खर्च कर चुनाव कार्य करते हैं। और विधायक जी ने अपने कार्यालय में कांग्रेसी कल्चर के लोगों को बैठा रखा है, जो आने वालों के कपड़े और जेबों को देखते हैं। कुछ न मिलने पर समय नहीं है, कल आना जैसे शब्दों का प्रयोग कर परेशान करते हैं। साहब तो अपने खास लोगों के साथ व्यस्त और मस्त रहते हैं। पाँच वर्ष सिर्फ अपनी कमाई में व्यस्त रहे साहब लोगों से पूछ रहे हैं कार्य क्या करना है। पांच वर्ष तो अपना उद्देश्य साधने में व्यस्त रहे चाहे वह मोनार्च कंपनी द्वारा निर्माणाकृत इमारत संकुल हो या फिर हरमन मोहता कंपनी का प्लाट हो। इसके अलावा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपने रिश्तेदारों के होटल पिंटो पार्क के पास उल्हासनगर-3 में वालधुनी नदी के किनारे की जमीन के कागजात तैयार कर सनद निकालना हो। इसी तरह म्हारल, वरप व कांबा के विकास पर ज्यादा जोर दिया जा रहा था। आप जानते हैं क्यों? क्योंकि विधायक जी निर्माण कार्य से जुड़े हुए हैं और उनके व मित्रों के निर्माणकार्य म्हारल वरप व कांबा में चल रहे हैं, उनके सपोर्ट के लिए विकास की आवश्यकता तो होगी ही।
केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा लाई गई योजनाएं आम जनता तो छोड़िए कई भाजपा कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंच रही हैं। उल्लेखनीय है कि पुलिस प्रशासन हो या फिर उल्हासनगर महानगर पालिका कुमार साहब की कहीं नहीं चलती, शहरहित में कुमार साहब द्वारा दी गई शिकायतों व सुझावों को उमनपा अधिकारी कर्मचारी कचरे की टोकरी में डाल देते हैं। यही कारण है कि उल्हासनगर शहर समस्याओं का सहर बना हुआ है। पार्टी आधार पर काम का न होना और वरिष्ठों से सामंजस्य में कमी बन सकती है, वर्तमान विधायक कुमार आयलानी की हार का कारण और इस तरह हार कर पार्टी की थू थू करायेंगे वर्तमान विधायक।.......... क्रमशः
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