विक्की भुल्लर के जन्मदिन पर उमड़ी भीड़ ने उड़ाई विधायक कुमार आयलानी की नींद।
विक्की भाई
उल्हासनगर : ठाणे की राजनीति तंय करेगी महाराष्ट्र का चुनाव वैसे तो राजनीति की थोड़ी भी समझ रखनेवालो को यह तो पता ही होगा कि शिवसेना और भाजपा में ठाणे जिले में रिश्ते ठीक नहीं चल रहा हैं। ठाणे संसदीय सीट को लेकर इनमें तनातनी है तो वहीं कल्याण में भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ को शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ गाहे बगाहे परेशान करते रहते हैं। अब शिवसेना युवा नेता विकी भुल्लर के जन्मदिन पर लगे बैनर पर "भावी आमदार" लिखे जाने से उल्हासनगर भाजपा विधायक कुमार आयलानी को खासी टेंशन हो गयी है तो वहीं भाजपा नेताओं की भौहें चढ़ गई हैं।
उल्हासनगर के अपराजित नगरसेवक राजेंद्रसिंह भुल्लर महाराज अब आप कहेंगे मैं इन्हें अपराजित क्यों कह रहा हूँ, तो इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि जिस भी प्रभाग से वे चुनाव लड़े कभी हारे नहीं और अपने प्रभाग में जिसको भी खड़ा किया उसको चुनकर ही लाये। शहर में चर्चा है कि सिंधी समुदाय शिवसेना को मतदान नहीं करता उस वार्ड से भी भुल्लर चुनाव जीतकर आये हैं।
अब उनसे भी एक कदम आगे हरजिंदर सिंह भुल्लर जो विक्की भुल्लर उर्फ़ विकी भाई के नामों से मशहूर हैं। मृदुभाषी, मिलनसार, हर समय मुस्कुराते रहनेवाले शिवसेना वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्रसिंह भुल्लर महाराज के सुपुत्र विक्की भाई जो शिवसेना की युवा इकाई कल्याण जिला सचिव हैं। उनका मंगलवार, 12 दिसम्बर 2023 को जन्मदिन था। जन्मदिन पर उनके दोस्तों और समर्थकों ने बवेला काट दिया बवेला यह कि समर्थकों ने उनके बैनर पर भावी आमदार लिख दिया। और उनके निजी आवास पर दोस्तों, समर्थकों, शुभचिंतकों और कार्यकर्ताओं की इतनी भीड़ लग गयी कि लोगों को अपना रास्ता बदलकर जाना पड़ा। भीड़ ने-विकी भाई आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं के नारे लगा रहे थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था। लोगों ने मान ही लिया हो कि विक्की भाई इस बार शिवसेना के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
विक्की भाई के जन्मदिन पर हुए इस हंगामे से वर्तमान विधायक कुमार आयलानी की चिंता बढ़ गई है तो वहीं भाजपा नेताओं की भौंहें चढ़ गई हैं। आयलानी को शहर में विधायक कम बिजनेसमैन अधिक समझा जाता है। उनका दायरा सपना गार्डन और गोल मैदान के कुछ गीने चुने दुकानदारों व वरिष्ठ नागरिकों का विधायक कहा जाता है। अब सवाल यह होगा कि जनता ने उन्हें विधायक कैसे चुना। जवाब है कि तब के विधायक सुरेश उर्फ़ पप्पू कालानी के आतंक से उल्हासनगर के लोग तंग आ गए थे। पप्पू कालानी की बांटो और लूटो की राजनीति को लोग भली-भति समझ गए थे। वे बदलाव चाहते थे। जिसका फायदा कुमार आयलानी को मिला। ऊपर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लहर थी। उस समय तो अयरु गयरु नत्थू गैरु भी चुन गए थे। ऐसे में कुमार आयलानी भी चौदह सौ वोटों से चुनकर विधायक बन गए। दो बार विधायक रहे कुमार आयलानी की पॉपुलैरिटी एक नगरसेवक जितनी भी नहीं है। उधर नगरसेवक होकर भी भुल्लर महाराज के कार्यक्रम में म्हारल, वरप, कांबा धोबीघाट या युं कंहे पूरे विधानसभा के सर्व जाति सर्व समाज के लोग जन्मदिन में पहुंचे थे।
ऐसे में यह कहा जा सकता है भुल्लर महाराज उल्हासनगर विधानसभा क्षेत्र में काफी मशहूर हैं और अगर शिवसेना और भाजपा की युति नहीं होती है और विक्की भुल्लर को टिकट मिलता है तो शहर की राजनीति का परिदृश्य कुछ और ही होगा।
0 टिप्पणियाँ