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उल्हासनगर में रिस्कबेस प्लान के नामपर हड़पी जाती है शौचालय की जमीन!

ठाणे पालकमंत्री संभूराज देसाई वचनपूर्ति कर कब करेंगे उमनपा आयुक्त अजीज शेख पर कार्यवाही? शौचालय की जमीन हड़पकर बन रही है इमारत!!





उल्हासनगर :
उल्हासनगर मनपा आयुक्त अजीज शेख के शासनकाल में अवैध निर्माण चरम पर है, शौचालय की खाली पड़ी जमीन हड़प कर बनाई जा रही है, अवैध इमारतें। ऐसी ही एक इमारत कैंप क्र.-2, Bk.No. 543, Room No.8, उल्हासनगर-2 में बनायी जा रही है। और अवैध निर्माण में M.S.E.D. भी खूब साथ दे रहा है। इमारत के जीने में बाधक बन रहे बिजली के खंभे को तत्काल हटाया गया और वह खंभा समाज हाल के सामने लगा दिया गया। क्योंकि भवन निर्माता तो पैसे दे रहा है। समाज हाल तो लोगों के लिए है और लोग तो उसे सरकारी संपत्ति समझते हैं। उसके सामने अगर खंभा लग भी जाता है तो किसी को क्या फर्क पड़ेगा? 

      ठाणे जिला पालक मंत्री संभूरा़ज देसाई 

उल्लेखनीय है कि उल्हासनगर महानगर पालिका में जो भी आयुक्त आता है, वह सिर्फ पैसे कमाने के लिए आता है न कि शहर का विकास करने के लिए यही कारण है कि वर्षों से शहर विकास का कोई भी कार्य नहीं हुआ। बरसों से आयुक्तों के तबादले होते रहे और नये आयुक्त के पदभार संभालने के बाद लगता रहा कि, आये हुए, आयुक्त शहर में चल रहे भ्रष्टाचार पर कुछ अंकुश जरूर लगायेंगे और शहर का कुछ तो विकास होगा। परंतु यह स्वप्न सिर्फ दिव्या स्वप्न ही साबित होता रहा है आज तक, किसी भी आयुक्त ने शहर की स्थिति बदलने का जोखिम नहीं उठाया बल्कि बदलकर गये हुए आयुक्त से आने वाला आयुक्त ज्यादा भ्रष्टाचारी और बेईमान ही साबित हुआ? उल्हासनगर मनपा में आये अजीज शेख अब तक आये हुए सभी आयुक्तों के बाप निकले, भ्रष्टाचार को सौ गुना बढ़ा दिया। आयुक्त एक ओर जहाँ पूर्वकाल में निर्मित धोखादायक इमारतों का दौरा कर निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उन्हीं की छत्र छाया मे अवैध निर्माण गली-गली में पनप रहा है, शहर विद्रुपता की ओर बढ़ता चला जा रहा है! 
अवैध निर्माण प्रेमी उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त अजीज शेख 

ऐसा ही एक अनाधिकृत और गैरकानूनी अवैध इमारत का निर्माण कार्य बैरक नं-543, रुम नं. 8, उल्हासनगर-2, प्रभाग समिति क्र-2, राजेश वधारिया कार्यालय के सामने चल रहा है। इस भवन निर्माता ने पास ही खाली पड़े शौचालय की जमीन तो कब्जा किया ही है साथ ही इमारत निर्माण के लिए बने नियमों व शर्तो की भी अनदेखी किया है। जिसकी शिकायत कर लोग अब थक गये हैं। यही कारण है कि अब आयुक्त/उपायुक्त को बेशर्म व बेगैरत जैसे शब्दों की उपाधि देने लगे हैं। कह रहे हैं अपने कर्तव्यों का थोड़ा भी भान हो अगर तो जल्द से जल्द ऎसे अवैध निर्माणों को रोकें और उनपर सख्त कार्यवाही का आदेश दें व प्रभाग अधिकारी, अभियंता, मुकादम व नोडल आधिकारी जो भुमाफीयाओं की खुलेआम पैरवी कर शहर को विद्रुप व कंगाल बनाने का अभीयान छेड़े हुए हैं। उन सभी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करें। क्योंकि इन्हीं की सय पर ठेकेदारों ने शहर मे कई सरकारी जगहों को हड़पकर उस पर गैरकानूनी व अवैध निर्माण किया है। पुरानी धोकादायक ईमारतों की ऊंचाई बढ़ाकर उसपर अवैध अतिरिक्त मंजिले बनाई है। इसके अलावा न जाने कितने G+2 के टियरगाटर बिना किसी अनुमति के बनाये हैं। परंतु चाहे जितनी खबरें प्रकाशित हों या फिर शोसल मिडिया में खबरें चलें महाराष्ट्र के नगरविकास मंत्री व मंत्रालय के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती! लोग अब कहने लगें हैं कि अवैध कमाई का रुपया नगर विकास मंत्री तथा मंत्रालय तक पहुंच रहा है। अब देखना होगा कि इस खबर के बाद मनपा प्रशासन पर कोई फर्क पड़ता है? या फिर पालकमंत्री संभूराज देसाई द्वारा कही गई बातें फिसड्डी ही साबित होती हैं।

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