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ठाणे जोन-4 शिवाजी नगर पुलिस थाने के DB कर्मी संभाजी काले ने पकड़ा एमडी और मामला खुद ही किया रफा-दफा!!

पुलिस ने पकड़ा MD ड्रग पर मामला नहीं हुआ दर्ज। संभाजी काले है कलेक्टर इसलिए उसका सारा गुनाह हुआ माफ ! 

अम्बरनाथ : ठाणे परिमंडल चार अंबरनाथ छत्रपति शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन के खोजी दस्ते (DB) में कार्यरत संभाजी काले को सूचना मिली अंबरनाथ शिवमंदिर के पीछे एक बहुमंजिला इमारत की पार्किंग में खड़ी मोटरसाइकिल की डिग्गी में एमडी ड्रग जैसा खतरनाक नशीला पदार्थ मिला पर पुलिस ने नहीं दर्ज किया मामला। खबर लिखे जाने के बाद भी नहीं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान क्योंकि काले वरि.निरीक्षक का करता है कलेक्शन। 

अंबरनाथ के छत्रपति शिवाजी पुलिसस्टेशन से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। मुखबिर विजय सावंत के मुताबिक, उसे एक बंदे ने खबर दी की करन जुमानी नामक व्यक्ति मोटरसाइकिल की डिग्गी में एमडी पावडर की कुछ पुड़िया छिपाकर ले जा रहा है। मैं उसके पीछे लगा हूँ। सावंत ने उससे कहा पीछा मत छोड़ना "मैं पुलिस लेकर आता हूँ" इस तरह पीछा करने वाला व्यक्ति अंबरनाथ मंदिर के पीछे "फ्लोरा" नामक बहुमंजिला इमारत में पहुंच गया। जहाँ मोटर साइकिल खड़ी कर तस्कर ग्यारहवीं मंजिल के अपने फ्लैट में चला गया था। थोड़ी ही देर बाद शिवाजी नगर पुलिस थाने से संभाजी काले अपने पुलिस दस्ते के साथ वहाँ पहुंच गये और हाल जानने के बाद फ्लोरा इमारत की ग्यारहवीं मंजिल के उस फ्लैट पर पहुंच गये। माँ और बीवी की थोड़ी ना नुकुर के बाद करन बाहर आया और नीचे पार्किंग में खड़ी मोटरसाइकिल की डिग्गी खोली गयी। जिसमें से सफेद रंग के पावडर से भरी कुछ पुड़िया निकली पुलिस ने देखते ही कहा यह एमडी पावडर ही है। जो विडियो में सुनाई दे रहा है। करन जुमानी से पुछने पर वह पुलिस पर ही आरोप लगाने लगा, मैने नहीं रखा आप लोगों ने ही रखा होगा,"मेरे गाड़ी की एक चाभी भी गुमी हुई है" घटना शनिवार 10 जून 2023 की रात 11 बजे के दरम्यान का है। संभाजी काले माल व आरोपी पकड़कर अपने साथ पुलिस थाने लाये और भोर के तीन बजे तक सोचने के बाद मुखबिर से कहा कल सुबह जब वरिष्ठ निरीक्षक आयेंगे तब रिपोर्ट दर्ज किया जायेगा।ऐसा बोलकर सावंत को रात तीन बजे घर भेज दिया।आजतक मामला दर्ज नहीं हुआ है। और एमडी पावडर हजम करने वाले पुलिसकर्मियों और उनके लीडर संभाजी काले की जांच नहीं हुई। और न ही खुलासा हुआ कि कितना रुपया लेकर मामले को रफा दफा किया गया। अब इस तरह से शहर में गुनाहगारी नहीं बढेगी तो क्या होगा? ठाणे पुलिस आयुक्तालय व जोन चार के उपायुक्त तक रुपया पहुंच गया है इसीलिए मामले को दबा दिया गया। सारी कहानी विडियो में साफ साफ दिखाई दे रही है। पर वरिष्ठ अधिकारियों की आंखों पर रुपयों की मोटी पट्टी बंधी हुई है। क्या गृहमंत्री और न्यायपालिका ऐसी खबरों पर संज्ञान लेंगे या फिर पुलिस प्रशासन इसी तरह अपनी मनमानी करता रहेगा? यह प्रश्न अब जनता के दिमाग में घर कर रहा है।

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