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उल्हासनगर शहर रचनाकार ने साई होम्स "THE GIRI GALAXY" का बांधकाम रोका!!

       टाउन प्लानर प्रकाश मुले द्वारा गिरि ग्लैक्सी का बांधकाम रोकने का आदेश। 

उल्हासनगर : उल्हासनगर उपविभागीय कार्यालय का अनोखा कारोबार एक जगह की सनद दो लोगों को, दे दिया, दबंगों ने किया कब्जा! शुरू हुआ बहु-मंजिला इमारत का निर्माण। अब मोहन सुगनोमल दर दर भटक रहे हैं न्याय के लिए कौन सुनेगा उनकी फरियाद जब बेदर्द हाकिम है और भ्रष्टाचारी सरकार। खबर का हुआ असर उल्हासनगर महानगरपालिका शहर रचनाकार ने बांधकाम रोकने का निकाला आदेश। 
उल्हासनगर में फर्जी सनद मामलों में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है। कोई जगह खाली पड़ी है तो उस जगह पर शहर कथित नेताओं और दलालों की गिद्ध दृष्टी उसी पर टिकी रहती हैं। इसी तरह का एक मामला अग्निपर्व टाइम्स के संज्ञान में आया है। उल्हासनगर-4, देवसमाज रोड, ब्लाक नं. A- 212/ 424, जगह सुगनोमल कारिरा ने जनवरी 1981 में श्री बलवंत रामचंद मनुजा से तहसील कार्यालय में पंजिकृत कराकर खरीदा था। इसी तरह सुगनोमल के पुत्र मोहन सुगनोमल ने A-212/423, भागी भाटिया से फरवरी 1999 में नोटरी द्वारा खरीदा था। सुगनोमल और मोहन के नाम रजिस्ट्री नोटरी के बावजूद उस जगह की सनद 2021 में उल्हासनगर उपविभागीय कार्यालय द्वारा प्रमोद विचार गिरि को दे दिया गया। जांच-पड़ताल के बगैर उल्हासनगर शहररचनाकार ने प्लान भी पास कर दिया। और वहाँ इमारत निर्माणकार्य जोरशोर से चल रहा है।अग्निपर्व टाइम्स की खबर का हुआ असर रचनाकार प्रकाश मुले ने "गिरी ग्लैक्सी" का बांधकाम रोकने का दिया आदेश। 
पुराने कागजातों को खंगालने पर दिखाई देता है कि उपरोक्त जगह पर निर्माण था। उस निर्माण को गिराकर जमीन खाली करके ली गयी सनद। वैसे भी ऐसे कार्य में सतपाल जयमल सिंह चावला और उनके पुत्र करनसिंह और अनमोल सिंह चावला काफी माहिर हैं। जमीन कब्जे के चक्कर में जेल जा चुके हैं। यह पिता पुत्र इन पिता पुत्रों ने ही पुराना स्ट्रक्चर गिरा दिया था। जिसकी शिकायत मोहन सुगनोमल ने लिखित रुप में किया है। उसकी एक प्रति अग्निपर्व टाइम्स के पास सुरक्षित है। 
महादेव गिर के कागजातों को देखकर साफ प्रतीत होता है, कर्मचारियों से सांठगांठ कर 2021 में पहले विचार गिरी के नाम मुख्तियारनामा बनाया गया और बाद में प्रमोद गिरी के नाम नोटरी दिखा कर सनद दे दिया गया। प्रमोदगिरी ने सीटीएस नं. 23605, ब्लाक नं. ए-212, रुम नं. 423/424, उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-4 की वह जमीन साई होम्स के प्रोपराइटर अब्दुल मोनाफ जफरुल्ला खान को इमारत निर्माण के लिए दे दिया और उल्हासनगर महापालिका के शहररचनाकार ने गुलाबी नोटों की पट्टी आंखों पर बांधकर इमारत का प्लान बिना किसी जांच पड़ताल के ही पास कर दिया। किए गए हस्ताक्षरों में फर्क उनको दिखाई नहीं दिया। गिर को गिरी बना दिया गया है। परंतु सनद व प्लान पास करने वाले अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया नोटों के बंडल की पट्टी जो आंखो पर बंधी थी। 

नोटरी ग्रेटर बाम्बे, जी.के.वाधवा, हिमालया हाऊस पलटन रोड बाम्बे से 2009 में कराया गया है। जब कथित प्रमोद गिरि से फोन पर संपर्क कर पूछा गया की आप कहां रहते हैं। तब उन्होंने बताया मेरे बाप दादा हिन्दूस्तान, पाकिस्तान बंटवारे के समय उल्हासनगर कैम्प क्र.-४, के इस स्थान पर आये थे और तबसे हम यहीं रहते हैं। लेकिन उनका स्कूल दाखिला बताता है कि 15 जून 1989 को शेतकरी जागृत मंडल के सखाराम शेठ स्कूल में दाखिला दिलाया गया था। जो काटई नाके के पास कोलेगांव में है। यह स्कूल उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-4, से काफी दूरी पर है। यही नहीं प्रमोद गिरी का ड्राइविंग लाइसेंस (LMV 28-09-2020) गैस कनेक्शन 10 दिसंबर 2016, आधार कार्ड 2016 में बना और बैंक अकाउंट भी 2016 में ही खोला गया। बिजली बिल भी 2016 का ही है। यह क्या दर्शाता है? प्रमोद के अनुसार उनके पूर्वज बंटवारे के दौरान अब के पाकिस्तान से उल्हासनगर आये और यहीं बस गये, परंतु उनकी हिंदी बोली राजस्थानी हिन्दी से ज्यादा मेल खाती है। इस तरह से उल्हासनगर महानगरपालिका और उपविभागीय कार्यालय में कारोबार चलता है।

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