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सिंगलयुज पन्नियां बंद कराने में योगी सरकार नाकाम।

सिंगलयूज पन्नी कोशांबी जिले की हर दुकान पर मौजूद, धड़ल्ले से दुकानदार कर रहे हैं उपयोग!! 

सी.एल.तिवारी 
कोशांबी : कोशांबी जिले के सराय अकील क्षेत्र में धड़ल्ले से दुकानों पर सामान देने के लिए उपयोग में लायी जा रही है 50 माइक्रोन से कम की पन्नियां। दुकानदारों ने सरकारी फरमान को चढ़ाया ठेंगे पर। 

एक ओर जहाँ देश के प्रधानमंत्री एक ही बार उपयोग में आने वाली प्लास्टिक पन्नी बंद करने की घोषणा करते हैं। सख्ती से कानून का पालन करवाने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी भी कोशांबी के सराय अकील में 50 माइक्रोन और उससे कम की पन्नियां बंद कराने में नाकाम नजर आ रहे हैं। सब्जी, दूध, किराना दुकान व परचून की दुकानों पर धड़ल्ले से एक ही बार उपयोगी पन्नियों में सामान तौलकर दिया जा रहा है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली पन्नी क्या सरकार बंद करा पायेगी? बतादें यह एक बार उपयोग में आने वाली पन्नी नदी, नाले व समुद्र के लिए अभिशाप होने के साथ ही धरती को बंजर भी बना रही है। इन पन्नियों में घर में बची हुई खाने पीने की चीजों को भरकर फेंक दिया जाता है, चीजों के साथ जानवर पन्नी भी खा जाते हैं। जिससे गाय, भैंस, बकरी आदि पालतू जानवरों की जान पर बन आती है। कई बार जानवरों के पेट से कई किलो पन्नी निकली है फिर भी लोग इन पन्नियों के प्रति लापरवाह हैं। इन फेकी हुई पन्नियों को अपने आप खत्म होने में सैकड़ों वर्ष लग जाते हैं। इसीलिए मानव जीवन के लिए घातक है पन्नियां, पर्यावरण की दुश्मन हैं यह पन्नियां। अब देखनेवाली बात यह है की सरकार कब पन्नीमुक्त बना पाती है भारत को।

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