वर्ष 2022, ठाणे जिले में हुए एक के बाद एक बड़े घोटाले जिनकी चर्चा पूरे महाराष्ट्र में रही।
ठाणे : प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मुंबई–बड़ौदा महामार्ग, समृद्धी महामार्ग, बुलेट ट्रेन मार्ग, इस तरह के अनेकों विकास प्रकल्प सुरु हैं। इन प्रकल्पों का कुछ हिस्सा ठाणे जिले से होकर गुजरता है। इनमें से जो पूरे वर्ष चर्चा में रहा, वह मुंबई-बड़ौदा महामार्ग और कुशिवली डैम में हुआ करोड़ों रुपये का जमीन घोटाला रहा। इसी तरह केडीएमसी में हुआ इमारत घोटाला भी जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस घोटाले में 100 से ज्यादा लोगों पर गुनाह दर्ज हुआ है।
किसानों के नाम फर्जी कागजपत्र तैयार कर घोटाला: भिवंडी तहसील के नंदिठणे गांव में प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मुंबई-बड़ौदा महामार्ग में बाधित हो रहे आठ किसानों के नाम की जमीन के फर्जी कागजात बनाकर ठगो की एक टोली ने 11 करोड़ 66 लाख 64 हजार रुपये ठग लिये। दुख- दाई बात यह है कि जिस टोली ने फर्जी कागजात तैयार किया था उस टोली का मुखिया वहाँ का नायब तहसीलदार और उसकी एक घनिष्ठ महिला मित्र थी। सभी आरोपियों ने मिलकर शासन द्वारा मूल किसानों को दी जाने वाली छतिपूर्ति के 11 करोड़ 66 लाख 64 हजार रूपये निकाल लिया। इस तरह किसानों के साथ-साथ शासन के साथ धोखाधड़ी करने का मामला भिवंडी के शांतीनगर पुलिस थाने में दर्ज किया गया। घोटाले का मुख्य सूत्रधार नायब तहसीलदार विठ्ठल गोसावी फरार हो गया, परंतु पुलिस ने उसको तो गिरफ्तार किया साथ 18 से ज्यादा और लोगों को गिरफ्तार किया।
उसके बाद 'मुंबई बड़ौदा' महामार्ग पर एक अजब घोटाला सामने आया। जिसमें एक आदिवासी मृत महिला को जिवित दिखाकर 58 लाख रुपये दलालों के एक गिरोह द्वारा हड़पे जाने का मामला श्रमजीवी संगठन ने उजागर किया। भूमि अधिग्रहण में एक और घटना सामने आयी जहाँ अधिग्रहण में बाधित होने वाले किसान की जगह फर्जी किसान खड़ाकर लगभग 12 करोड़ रुपये हड़पने की घटना सामने आयी है। इस तरह फिर एकबार भिवंडी उपविभागीय कार्यालय की ओर से एक वयोवृद्ध मृत आदिवासी महिला के नाम की जमीन के बदले मुआवजा लेने के लिए दलालों ने मृत महिला की जगह एक जिवित महिला के नाम फर्जी कागजपत्र तैयार कर उपविभागीय अधिकारी कार्यालय में जिवित दिखाकर 58 लाख रुपये दलालों के गिरोह द्वारा हड़पे जाने की घटना भिवंडी तालुका के दुगाड गांव में सामने आयी। इस प्रकरण के खिलाफ शांतीनगर पुलिस में गुनाह दाखिल होते ही घोटालेबाजों ने हड़प की हुई रकम सरकार के तिजोरी में जमा करा दिया। पुलिस ने अबतक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। और करोड़ों के इस घोटाले की आगे जांच कर रही है।
घोटालों के चलते भिवंडी उपविभागीय कार्यालय विवादों में घिरा : थाने जिले में समृद्धी महामार्ग बुलेट ट्रेन, मुंबई–बड़ौदा महामार्ग जैसे अनेकों विकास प्रकल्पों के काम सुरु हैं।24 फरवरी 2022 के दिन भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के जाल में मुख्य आरोपी नायब तहसीलदार विठ्ठल गोसावी फंसा था इसी तरह तत्कालीन उपविभागीय अधिकारी मोहन नळदकर की कारगुजारी भी विवादास्पद रही थी। इन्हीं के कार्यकाल में समुद्धी महामार्ग के किसानों की जमीन का अधिग्रहण हुआ था। उसमें भी बड़े पैमाने पर घोटाले होने की अनेकों शिकायतें पीड़ित किसानों द्वारा की गई है। परंतु उन शिकायतों का क्या हुआ यह अभी तक पर्दे के पीछे है।
कुशीवली बांध भूमि अधिग्रहण घोटाला : अंबरनाथ तहसील में प्रस्तावित कुशिवली बांध भूमि अधिग्रहण में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में अब तक लगभग 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। धक्कादायक घटना यह रही कि इस घोटाले में शिवसेना पक्ष के अंबरनाथ पंचायत समिति की भूतपूर्व सभापति के पती प्रवीण भोईर गिरफ्तार हुए जिससे शिवसेना पक्ष में हलचल मच गई। इस घोटाले में भी मुख्य सूत्रधार शासकीय बड़े अधिकारियों के होने की शक्यता जांच अधिकारियों ने व्यक्त की है। इस प्रकरण के गुनाह उल्हासनगर मध्यवर्ती पुलिस थाने में दर्ज हैं। आरोपियों की संख्या में इजाफा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इस प्रकरण में निवृत्त नायब तहसिलदर मोहन किस्मतराव को गिरफ्तार किया गया है, तो वहीं अंबरनाथ तहसील के कई राजकीय नेताओं के सहभागिता की संका जताई जा रही है। इस घोटाले में संलिप्त लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार से घोटालेबाजों की पूर्ण चौकसी की मांग की जा रही है।
जलसंपदा विभाग को फंसाया : जल संपदा संरक्षण योजनाअंतर्गत बांध बनाने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण करने का काम अंबरनाथ जलसंपदा विभाग के स्तर पर सुरु है। जिसका लाभ उठाकर बांध निर्माण में चार मृत किसानों की जमीन चले जाने के नामपर अज्ञात चौकड़ी ने बनावट कागजात तैयार कर अंबरनाथ जल संपदा विभाग से 47 लाख 24 हजार 944 रुपये निकालकर पौबारा करने की घटना सामने आयी है। इस प्रकरण में उल्हासनगर मध्यवर्ती पुलिसस्टेशन में अज्ञात चौकड़ी के विरोध में विविध कलमानुसार गुनाह दाखिल कर पुलिस ने जांच सुरु किया है।
कल्याण डोंबिवली महापालिका के पूर्व पांच आयुक्तों पर गुनाह दर्ज : कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका के पूर्व पांच आयुक्तों के साथ 18 अधिकारियों पर गुनाह दाखिल होने से पालिका परिसर में खलबली मची हुई है। थानाध्यक्ष ने बताया कि बाजारपेठ पुलिस थाने में धोखाधड़ी एवं अनियमितता एवं भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। पूर्व निर्दलीय पार्षद अरुण गीध की शिकायत के बाद प्रथम दृष्टया जनवरी 2022 को मामला दर्ज किया गया था। नगर निगम के तत्कालीन 5 आयुक्तों ने टाउन प्लानर और अन्य अधिकारियों के साथ 2004 में कल्याण पश्चिम में अहिल्याबाई चौक पर माणिक कॉलोनी को ध्वस्त करने के लिए इस स्थान पर टोलेजंग भवन का निर्माण करने के लिए डेवलपर के साथ सांठगांठ की। लेकिन अनुमति देते हुए इन अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन किया। जिसके कारण अवैध निर्माण घोटाले में 65 लोगों को गिरफ्तार किया गया। कल्याण ग्रामीण क्षेत्र में केडीएमसी व महारेरा कार्यालय की फर्जी अनुमति दिखाकर सदनिका बेचकर, मकान खरीदने वाले आम नागरिकों को व सरकार को आरोपितों द्वारा ठगा जा रहा है। इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। डोंबिवली में 65 भू-माफियाओं के खिलाफ आर्किटेक्ट याचिकाकर्ता संदीप पाटिल की शिकायत पर महानगरपालिका ने रामनगर थाने में मानपाड़ा के 65 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।अपराधों की व्यापकता को देखते हुए ठाणे पुलिस आयुक्त ने एक विशेष जांच दल का गठन किया है। ईडी भी नगरनिगम के अधिकारियों से पूछताछ कर रही है।
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