ब्रेकींग न्युज....
जुआघर और अवैध निर्माणों के शिकायतकर्ता पर हुआ जानलेवा हमला।
उल्हासनगर : उल्हासनगर कैम्प क्रमांक-1 के रहवासी पूर्व नगरसेविका लखी माखीजा के पति और राकांपा कार्यकर्ता कारी माखिजा को जुआघर और अवैध निर्माणों की शिकायत करना पड़ा भारी, न्यु लिंक रोड स्थित कोनार्क बैंक के समाने हुआ जानलेवा हमला। दुकानों में बैठे दुकानदार देखते रहे तमाशा कोई बचाने नहीं दौड़ा लोग फुटेज देने को भी तैयार नहीं।
कारीमाखीजा जुआघर, रोलेट और अवैध निर्माण के बारे में वाटशाप समूहों पर मुखर होकर लिखा करते थे जिसका परिणाम यह हुआ कि आज यानी 29 अक्टूबर 2022 को जब कारी माखीजा अमन टाकीज के पास, सत्यनारायण मंदिर के सामने स्थित सुमित चक्रवर्ती से दिवाली मिलने के लिए गये थे, मिलकर अपनी अक्टिवा स्कूटर पर सहयोगी के साथ वापस अपने घर जाने के लिए निकले थे। जैसे ही न्यु लिंक रोड स्थित कोनार्क बैंक के समाने पहुंचे पीछे से आ रही सफेद रंग की वर्गमैन स्कूटर पर सवार दो लोगों ने कारी माखिजा की अक्टिवा के सामने लगाकर अड़ा दिया और माखिजा और उनके सारथी की आंखों में लाल मिर्च का पावडर झोंक दिया। हरे रंग की टी शर्ट पहना हुआ युवक जिसके हाथ में बांस का एक मोटा डंडा था वह उस डंडे से मारने लगा तब कारी माखिजा भागकर एक दुकान में घुस गये तब जाकर कहीं उनकी जान बची तब तक काफी घायल हो चुके थे। इसी तरह उनके साथी ने भी किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी। माखीजा को चोटीवाला अस्पताल में दाखिल कराया गया है। जहाँ उनका इलाज चल रहा है।
बतादें की 28 अक्टूबर 2022 को माखिजा ने कई वाटशाप समूह में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी में पदाधिकारी सुनिल सिंह उर्फ कलवा द्वारा चलाए जा रहे उल्हासनगर स्टेशन के पास 24×7 चल रहे रोलेट नामक कम्प्यूटर जुआघर के बारे में लिखा था। जिसपर कुछ दिनों पहले छापा भी पड़ा था। उस छापे में दर्ज एफआईआर की फोटो कापी भी प्रकाशित किया था। जिसमें सुनील सिंह उर्फ कलवा का नाम दर्ज था। इसी तरह इंदिरा गांधी सब्जी मंडी में चल रहे मटका जुआ से भी कलवा का नाम जोड़ा था। यही नहीं कलवा द्वारा किए गए अवैध निर्माणों के बारे में भी लिखा था। यही कारण हो सकता है मेरे ऊपर हमला होने का ऐसा सक कारी माखिजा ने जाहिर किया है।
उल्हासनगर पुलिस स्टेशन की हद में उल्हासनगर दो नेहरू चौक स्थित सनम चाय के पीछे वाली गली में भी रालेट नामक जुआघर चलता है। इस तरह से चल रहे अवैध जुआघरों को स्थानीय पुलिस का संरक्षण प्राप्त होता है। यही कारण है कि कितनी ही शिकायत की जाय यह जुआघर बंद नहीं होते। और शिकायतों से परेशान जुआचालक पुलिस से सांठगांठ कर शिकायतकर्ताओं पर हमला कर देते हैं। पिछले दिनों भी इस तरह के हमले होते रहे हैं। पर उसका निष्कर्ष कुछ नहीं निकला। शायद ही इस हमले में भी कोई साजिशकर्ता सामने आये। अब देखना यह है कि पुलिस ईमानदारी से जांच कर साजिशकर्ता पर 120 बी के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजती है या फिर किसी अलते भलते को गिरफ्तार कर साजिशकर्ता को बचा लेती है। अग्निपर्व टाइम्स की मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से मांग है कि इस तरह की घटनाओं को हल्के में न लिया जाय और जिस पुलिस स्टेशन की हद में यह जुआघर चल रहा है। उस पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक और सहायक पुलिस आयुक्त को दोषी मानते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाय और किसी सक्षम अधिकारी से जांच कराया जाय। तब जाकर इस तरह के गुनाह बंद होंगे।
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