इस तरह होता है उल्हासनगर में सीमेंट कांक्रीट सड़कों का कार्य इसीलिए पड़ती हैं दरारे और गड्ढे।
निज संवाददाता
उल्हासनगर : ठाणे जिले के उल्हासनगर महानगरपालिका हद में उल्हासनगर विधानसभा विधायक कुमार आयलानी के कार्यालय के सामने बन रही सीमेंट कांक्रीट सड़क में हो रहा है घोटाला, एक फुट कांक्रीट की जगह 7- 8 इंच ही भरा जा रहा है।
उल्हासनगर महानगरपालिका भ्रष्टाचार के मामले में अव्वल है यह बात किसी से छिपा नहीं है। हर दिन समाचारपत्र, सोसल मिडिया पर किसी न किसी घोटाले की चर्चा रहती है। उमपा का सार्वजनिक बांधकाम (PWD) विभाग तो भ्रष्टाचार के मामले में सबसे आगे है। निर्माणाधीन सड़कों में दरारे पड़ जाती है। सी सी पैसेज हर वर्ष बनते हैं और उखड़ जाते हैं। इनके अलावा नापजोख में चोरी जो कार्य नहीं हुआ उसके भुगतान के अलावा बिना कार्य के भुगतान बनाकर बांटने जैसे कार्य संपादन के लिए मशहूर है। ऐसा ही एक मामला सरेआम देखने को मिला। उल्हासनगर 141 विधानसभा विधायक कुमार आयलानी के कार्यालय के सामने से होकर गुजरने वाली एक सड़क का कंक्रीटिकरण कार्य शुरू है। सड़क निर्माण में एक फुट पक्का कांक्रीट भरने का रुपया मिलता है। परंतु ठेकेदार दोनों किनारों पर लगने वाले चैनल को तीन से चार इंच जमीन में गाड़कर किनारे पर एक फुट कांक्रीट दिखाकर बीच में छह सात इंच ही कांक्रीट कर रहे हैं। यही कारण है कि सड़कों में दरारें और गड्ढे हो जाते हैं। और जिस सड़क को 20 - 25 वर्ष टिकना चाहिए वह सड़क चार पांच वर्षों में ही दम तोड़ देती हैं।
सीमेंट कांक्रीट की टेस्टिंग का जो पैमाना बना हुआ है उसको नजरअंदाज कर मुख्य अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता और मुकदम सभी ठेकेदार से सांठ-गांठ कर रुपये कमाते हैं। और जनता की गाढ़ी कमाई के रूपयों में सेंध लगाते हैं। यही कारण है कि हर वर्ष गड्ढे भरने में करोड़ों खर्च होता है फिर भी जनता गड्ढों में गिरकर जान गंवाती है।
उल्हासनगर : ठाणे जिले के उल्हासनगर महानगरपालिका हद में उल्हासनगर विधानसभा विधायक कुमार आयलानी के कार्यालय के सामने बन रही सीमेंट कांक्रीट सड़क में हो रहा है घोटाला, एक फुट कांक्रीट की जगह 7- 8 इंच ही भरा जा रहा है।
उल्हासनगर महानगरपालिका भ्रष्टाचार के मामले में अव्वल है यह बात किसी से छिपा नहीं है। हर दिन समाचारपत्र, सोसल मिडिया पर किसी न किसी घोटाले की चर्चा रहती है। उमपा का सार्वजनिक बांधकाम (PWD) विभाग तो भ्रष्टाचार के मामले में सबसे आगे है। निर्माणाधीन सड़कों में दरारे पड़ जाती है। सी सी पैसेज हर वर्ष बनते हैं और उखड़ जाते हैं। इनके अलावा नापजोख में चोरी जो कार्य नहीं हुआ उसके भुगतान के अलावा बिना कार्य के भुगतान बनाकर बांटने जैसे कार्य संपादन के लिए मशहूर है। ऐसा ही एक मामला सरेआम देखने को मिला। उल्हासनगर 141 विधानसभा विधायक कुमार आयलानी के कार्यालय के सामने से होकर गुजरने वाली एक सड़क का कंक्रीटिकरण कार्य शुरू है। सड़क निर्माण में एक फुट पक्का कांक्रीट भरने का रुपया मिलता है। परंतु ठेकेदार दोनों किनारों पर लगने वाले चैनल को तीन से चार इंच जमीन में गाड़कर किनारे पर एक फुट कांक्रीट दिखाकर बीच में छह सात इंच ही कांक्रीट कर रहे हैं। यही कारण है कि सड़कों में दरारें और गड्ढे हो जाते हैं। और जिस सड़क को 20 - 25 वर्ष टिकना चाहिए वह सड़क चार पांच वर्षों में ही दम तोड़ देती हैं।
सीमेंट कांक्रीट की टेस्टिंग का जो पैमाना बना हुआ है उसको नजरअंदाज कर मुख्य अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता और मुकदम सभी ठेकेदार से सांठ-गांठ कर रुपये कमाते हैं। और जनता की गाढ़ी कमाई के रूपयों में सेंध लगाते हैं। यही कारण है कि हर वर्ष गड्ढे भरने में करोड़ों खर्च होता है फिर भी जनता गड्ढों में गिरकर जान गंवाती है।
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