कौन बचा रहा कृष्णविला को जब अन्य अवैध निर्माण तोड़े जा रहे हैं?
अपटा निज संवाददाता कल्याण
कल्याण : कुछ चुनिंदा अवैध निर्माणों (Illegal Constructions) के खिलाफ महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) सख्त रुख अख्तियार करती है परंतु कुछ अवैध निर्माणों को देख कडोमपा के अधिकारी आंखें मूंद लेते हैं जैसे खंबलपाड़ा में चौधरी बंधुओं द्वारा बनाई जा रही बिना प्लान के चार अवैध इमारतें जबकि कमजोर व छोटी पहुंच वाले लोगों के अनाधिकृत निर्माणों पर लगातार बुल्डोजर (Bulldozer) चलाया जा रहा हैं। दर्जनों अतिक्रमणों को जमीदोज कर दिया गया हैं। जिससे अवैध निर्माण करताओं में हड़कंप मच गया है।
कमिश्नर के निर्देशानुसार महानगरपालिका के आई वार्ड के सहायक आयुक्त संजय साबले द्वारा कल्याण पूर्व में नंदीवली आरटीओ कार्यालय पासिंग ट्रैक के पास अवैध रूप से बनाये गये 54 रूम, 5 दुकान, 7 फाउंडेशन और 3 झोपड़ियों पर तोड़ू कार्रवाई करते हुए धरासायी कर दिया गया। उक्त कार्रवाई अनाधिकृत निर्माण नियंत्रण विभाग के कर्मचारियों और महानगरपालिका के पुलिस कर्मियों, तहसील विभाग के नायब तहसीलदार, कोलसेवाड़ी स्टेशन के पुलिस कर्मियों आर. टी. ओ. विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों और 3 जेसीबी की मदद से की गई।
चौधरी बंधुओं पर किसका आशिर्वाद
कल्याण डोंबिवली नगर निगम अंतर्गत आने वाले 'फ' प्रभाग के ठाकुर्ली, खंबलपाड़ा, कंचनगांव के भोईर वाड़ी के हिस्सा नंबर 29, पर शेषराम चौधरी व सखाराम चौधरी बना रहे हैं कृष्णविला नामक सात मंजिला चार इमारतों का संकुल जो पूर्णतया अवैध हैं। कृष्णाविला संकुल में बन रही अवैध इमारतों पर कडोमपा प्रशासन ने ३० अगस्त २०२१ को तोड़क कार्यवाही कर भवन निर्माता पर डोंबिवली के विष्णुनगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा ३९७ (MRTP) के तहत मामला भी दर्ज करवाया था। कहा जाता है कडोमपा प्रशासन अवैध निर्माणों के सख्त खिलाफ है और उन्होंने कई प्रभागों के दर्जनों अवैध निर्माणों को जमीनदोज भी किया है परंतु शेषराम और सखाराम चौधरी के अवैध निर्माणों पर मेहरबान होने का कारण समझ से परे हैं। क्या कडोमपा आयुक्त अपना पराया चुन-चुन कर अवैध निर्माणों पर कार्यवाही करते हैं! 'फ' प्रभाग अधिकारी संजय जाधव से कृष्णविला पर कब होगी कार्यवाही पूछने पर वे कहते हैं कि पुलिस सुरक्षा नहीं मिल रही है। सुरक्षा मिलने पर तोड़ दिया जायेगा कोई सेटींग नहीं होगी! अब जनता यह जानना चाहती है कि हर प्रभाग में कार्यवाही के लिए पुलिस सुरक्षा मिल जाती है परंतु कृष्णाविला संकुल तोड़ने के लिए पुलिस बंदोबस्त नहीं मिलता क्या कारण है? प्रभाग अधिकारी संजय वामन जाधव पुलिस बंदोबस्त मांगते भी हैं या झूंठ बोलकर पत्रकारों को गुमराह करते हैं यह तो जांच से ही पता चलेगा। इस करोड़ों-अरबों के घोटाले में प्रभाग अधिकारी को अटैची भरकर नोट मिला है शायद यही कारण है कि पुलिस बंदोबस्त नहीं मिल रहा है। हमारा यह ब्लॉग लिखने का उद्देश्य मात्र यह है कि जनता को आगाह किया जा सके कि वे अपने जिवन भर की गाढ़ी कमाई लगाकर ऐसी इमारतों में फ्लैट न खरींदे जो इमारतें एकबार तोड़ी जा चुकी है और जिन इमारतों पर कार्यवाही की तलवार टंगी हुई हो, अधिकारी और भवन निर्माता रुपये कमाकर निकाल जायेंगे अटके रहेंगे खरीददार।
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