शहर की संरचना क्या G+2, के अवैध टियर गाटर नहीं बिगाड़ते, उनकी जांच कब?
जिन सहायक आयुक्तों ने रुपये लेकर अवैध निर्माण होने दिया उनको नोटिस कब?
उल्हासनगर : उल्हासनगर मनपा नगर रचनाकार ने जोखिम (Risk Base) आधारित भवन निर्माताओं में दहशत! 63 भवन निर्माताओं को जारी हुआ नोटिस।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पिछले 3 वर्षों में उल्हासनगर मनपा क्षेत्र में लगभग 5 से 6 सौ इमारतों का निर्माण रिस्कबेस प्लान के आधार पर हुआ है, जबकि सैकड़ों G+2, के अवैध टियर गाटर, उनमें से 63 भवन निर्माताओं को जांच हेतु सूचना जारी की गई है। क्या इसमें भी नगर रचनाकार, आयुक्त व उपायुक्त की कोई चाल है?
ज्ञात हो कि रिस्कबेस प्लान, संबंधित मंत्रालय द्वारा जारी अनुदेशानुसार दो सौ मीटर के प्लाट पर अधिकृत वास्तुविशारद द्वारा रचित प्लान पर मंजिला सुचकांक एक के तहत निर्माण हेतु प्रावधान है, अधिकतम सुचकांक 1.90 तक ही निर्माण किया जा सकता है, जिसमें मूल सुचकांक 1 तथा 0.40 प्रिमियम व 0.50 टीडीआर (स्थानांतरित सुचकांक) निर्माण कार्य हेतु उपयुक्त हो सकता है। लेकिन शहर में देखने को मिल रहा है कि इमारतें साईट मार्जिन का ख्याल न रखते हुए 7 व 8 मंजिला बन गयीं हैं। जब भवन की वास्तुरचना की एक प्रति वास्तुविशारद द्वारा प्रभाग कार्यालय में प्रस्तुत की जाती है ताकि प्रभाग अधिकारी प्लान और उक्त निर्माण का मिलान कर सकें पर ऐसा आमतौर पर होता नहीं, प्लान कुछ और होता है और निर्माण कुछ और क्या उस समय प्रभाग अधिकारी व नगर नियोजन विभाग की जवाबदेही नहीं की उसका निरिक्षण कर पुष्टि करें कि रिस्कबेस प्लान पर ही निर्भर है या उक्त प्लान की अवहेलना कर वायलेसन किया जा रहा है। अब जब बिल्डिंग बनकर पूरी हो चुकी है तो केवल 63 इमारतों को ही निरीक्षण नोटिस क्यों? अन्य बाकी इमारतों को नोटिस न देने के पीछे क्या राज छिपा है।
जिन इमारतों को जांच हेतु नोटिस जारी किया गया है क्या उन इमारतों के बारे में समाचारपत्रो या अन्य किसी सूचना माध्यम से आम नागरिकों को इमारत की साईट, सीटीएस नंबर व सीट नंबर के साथ जनसूचना जाहिर किया गया है अगर नहीं तो इसके पीछे का कारण क्या है? क्या इमारत के अवैध होने के बाद मनपा द्वारा तोड़ू कार्यवाही के बाद खरीददारों की छतिपूर्ति की जवाबदारी कौन लेगा? क्या मनपा आयुक्त संबंधित नगररचना विभाग कर्मचारियों व प्रभाग अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही के तहत एमआरटीपी अक्ट दाखिल कर उचित कार्यवाही करेगी?
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