राम नंद वाधवा
उल्हासनगर : उल्हासनगर शहर के विवादित राम नंद वाधवा जिसपर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में विभिन्न पुलिस थानों में करीब दो दर्जन मामले दर्ज हैं। मामलों में कुछ संज्ञेय हैं तो कुछ असंज्ञेय अपराध दर्ज हैं कई बार जेल यात्रा कर चुके राम वाधवा की परमानन्द नारायणदास माखिजा जमीन हड़पने के मामले में, 16 जिलाजज 3 और अतिरिक्त न्यायाधीश कल्याण सत्र न्यायाधीश ने अग्रिम जमानत याचिका 10 मई 2022 को खारिज कर दिया है।
बैरेक नं 491,उल्हासनगर-2, रहवासी परमानंद माखिजा उम्र 56, जिनकी उल्हासनगर-2, में कपड़े की दुकान है, उन्होंने, उल्हासनगर-4 के ओटी सेक्सन बैरेक नं. 1298 रुम नंबर 03 के पास, 770 वर्गफुट जमीन श्रीमती लिलिता सरदारमल सुराणा से वर्ष 2009 में खरीदा था। 15 जनवरी 2022 को उनके परिचित राजेश तलरेजा ने बताया कि भरत रोहरा, अजीज शेख, राम वाधवा, ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नगर न्युज दैनिक समाचार पत्र में विनोद बलराज पंजवानी को फर्जी दस्तावेज दिखाकर जाहिर सूचना छपवाकर वर्ष 2019 में जमीन राजेश तलरेजा को बेच दी गई। जिसमें बयाने के रूप में 50,000/- रुपये लिए गये थे और उस जगह का बयाना समझौता किया गया। राजेश तलरेजा ने जब जानकारी जुटानी शुरू की तो पता चला की वह जमीन कारी माखिजा के भाई परमानंद की है। कारी के कार्यालय जाकर पुछताछ करने पर उन्होंने कहा हमारी जमीन है हमने किसीको अबतक बेची नहीं है। जमीन के सौदे का पता लगने पर परमानंद ने विठ्ठलवाडी पुलिस स्टेशन जाकर अपराध दर्ज कराया। पुलिस ने 1860 की भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465,468 / 34 के तहत दर्ज कर लिया था। तबसे राम वाधवा फरार होकर अग्रीम जमानत याचिका दाखिल की थी जो कल्याण सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है। अब राम वाधवा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
बैरेक नं 491,उल्हासनगर-2, रहवासी परमानंद माखिजा उम्र 56, जिनकी उल्हासनगर-2, में कपड़े की दुकान है, उन्होंने, उल्हासनगर-4 के ओटी सेक्सन बैरेक नं. 1298 रुम नंबर 03 के पास, 770 वर्गफुट जमीन श्रीमती लिलिता सरदारमल सुराणा से वर्ष 2009 में खरीदा था। 15 जनवरी 2022 को उनके परिचित राजेश तलरेजा ने बताया कि भरत रोहरा, अजीज शेख, राम वाधवा, ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नगर न्युज दैनिक समाचार पत्र में विनोद बलराज पंजवानी को फर्जी दस्तावेज दिखाकर जाहिर सूचना छपवाकर वर्ष 2019 में जमीन राजेश तलरेजा को बेच दी गई। जिसमें बयाने के रूप में 50,000/- रुपये लिए गये थे और उस जगह का बयाना समझौता किया गया। राजेश तलरेजा ने जब जानकारी जुटानी शुरू की तो पता चला की वह जमीन कारी माखिजा के भाई परमानंद की है। कारी के कार्यालय जाकर पुछताछ करने पर उन्होंने कहा हमारी जमीन है हमने किसीको अबतक बेची नहीं है। जमीन के सौदे का पता लगने पर परमानंद ने विठ्ठलवाडी पुलिस स्टेशन जाकर अपराध दर्ज कराया। पुलिस ने 1860 की भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465,468 / 34 के तहत दर्ज कर लिया था। तबसे राम वाधवा फरार होकर अग्रीम जमानत याचिका दाखिल की थी जो कल्याण सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है। अब राम वाधवा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
2 टिप्पणियाँ
ये राम वाधवा ओर नंदवाथवा दोनो बडे हरामी कीस्म के हे मेरी धोबीघाट मे जमिन हे ये मुझसे जबरदस्ती खरिदना चाहते थे मेने बेचने से मना कीया था तो मुझे झुठे केस मे फसाना चाहते थे हुआ यु था 2014कोऐक आदमी को कुछ रुपये देकर मुझे कलम 307 मे अंदर करा कर मेरी जमीन हडपना चाहते थे, मगर उस समय 1नं,पो,,चौकी मे सिनियर पी आय श्री किशोर जाधव साहेब ने योग्य निर्देश दीया व सब इन्स्पेक्टर शिंदे साहेब ने योग्य जाच करके यह झूठ केस हे यह निर्णय दीया था मेने इन बाप बेटे पर उल्हासनगर कोर्ट मे केस भी दाखिल किया हु केस नं 207/2009ये हे फीर रामवाधवा ने
जवाब देंहटाएंमहानगरपालिका मे मेरे खीलाफ झुठी रिपोर्टर कर के मेरि टेक्स पावती कंसल कराने की साजीस की महानगरपालिका मे अपनी पोहच व पैसे खिलाकर ये काम करवाया मैने इनके नाम से गर्ह मंत्री साहेब व डीसीपी साहेब को लिखित कंप्लेंट भी दाखील किया हु
मगर ये कमीने नही सुधरे हे आज भी लोगो की जमीन नकली कागजात बनाकर हडप रहे हे
मुझे जब भी बुलाईये मे आकर ईनके खिलाफ बयान देने के लिए आऊगा
मेरा नाम दिनकर लक्ष्मण फुंदे हे मो, नं 9673643242
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