उल्हासनगर : उल्हासनगर के मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन की हद में अनेकों जुआघर चल रहा है, जिसमें अयप्पा मंदिर और बालकनजी बारी के पास रम्मी क्लब दिन-रात चल रहा है, जिससे आसपास के लोग परेशान हैं। घरों के कमाने वाले दिन-रात रम्मी खेल रहे हैं परिवार की हालत खराब हो रही है। परंतु पुलिस को तो हर महीने मिलनेवाले अपने हफ्ते से मतलब है, उसे भला लोगों को होने वाली असुविधा से भला क्या लेना देना। मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन के वसूलीबाज योगेश शिंदे का दावा है कि जिस जुआघर को उन्होंने परमिशन दे दिया उसकी शिकायत आयुक्त, उपायुक्त या फिर डीजी से ही क्यों न की जाय वह बंद नहीं हो सकता?
. संजय ठाकुर का अवैध रम्मी क्लब
उल्हासनगर मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन हद में चल रहे विडियो गेमपार्लर, अयप्पा मंदिर के पास व बालकनजी बारी के पास संजय ठाकुर के रम्मी क्लब, डांसबार, व लाज के अलावा अनेकों तरह के अवैध धंधे चल रहे हैं। मध्यवर्ती पुलिस के वसूलीबाज (कलेक्टर) योगेश शिंदे हर अवैध धंधे से हर महीने तय हफ्ता वसूली करते हैं। यहाँ यह जानना जरूरी है कि योगेश शिंदे अवैध धंधे वालों से वसूली व परमिशन दिलाने के अलावा पुलिस विभाग से संबंधित और दूसरा कोई काम नहीं करते, यह साहब कभी पुलिस की वर्दी नहीं पहनते। सूत्र बताते हैं, रुपये देकर वरिष्ठ निरीक्षक मधूकर कड़ को वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रालय से खरीद कर शिंदे ही लाये हैं और नियुक्ति करवाई है। इसलिए शिंदे पुलिसस्टेशन के सुपर वरिष्ठ निरीक्षक बने हुए हैं! इस तरह की चर्चा पुलिस स्टेशन के कुछ इमानदार पुलिसकर्मी करते हैं। अपने खर्च किये हुए रुपये का दोगुना वसूल करने के लिए मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन अवैध धंधे वालों के हवाले कर दिया है, बिना रुपया लिए एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की जाती और पुलिस स्टेशन में आये किसी भी निपटारे के लिए योगेश शिंदे से इजाजत लेकर व दाम तय कर किया जाता है।
ट्रेनिंग पर जाने से पहले उपायुक्त प्रशांत मोहिते अवैध धंधों से रुपये नहीं लेते थे इसलिए अवैध धंधे छुपछूपा कर किए जाते थे, परंतु मोहिते के ट्रेनिंग से लौटकर आने के बाद से ही सभी अवैध धंधे खुलेआम शुरू हो गये हैं। धंधो का खुलेआम चलना यह साबित करता है कि उपायुक्त भी शिंदे के कारोबार में सम्मिलित हो गये हैं? इस तरह का घोड़े बाजार उल्हासनगर के मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन में चल रहा है। इस तरह रामभरोसे हो गई है, अब आम जनता।
"झन झन की सुनो झनकार यह दुनिया है कालाबाजार पैसा बोलता है"
ट्रेनिंग पर जाने से पहले उपायुक्त प्रशांत मोहिते अवैध धंधों से रुपये नहीं लेते थे इसलिए अवैध धंधे छुपछूपा कर किए जाते थे, परंतु मोहिते के ट्रेनिंग से लौटकर आने के बाद से ही सभी अवैध धंधे खुलेआम शुरू हो गये हैं। धंधो का खुलेआम चलना यह साबित करता है कि उपायुक्त भी शिंदे के कारोबार में सम्मिलित हो गये हैं? इस तरह का घोड़े बाजार उल्हासनगर के मध्यवर्ती पुलिस स्टेशन में चल रहा है। इस तरह रामभरोसे हो गई है, अब आम जनता।
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