उल्हासनगर मनपा में कार्यरत शहर रचनाकार का नया कारनामा, अगर उनके भ्रष्टाचार पर उंगली रखा तो पत्रकारों को वाटशाप पर लिखकर देंगे गालियाँ !!
उल्हासनगर : उल्हासनगर मनपा में तैयार हो रहा है, शहर में बनी रिस्कबेस इमारतों पर कार्रवाई का नोटिस। इस खबर से शहर उपरचनाकार प्रकाश मुले इसकदर अपना आपा खो बैठे कि पत्रकार के वाटशाप चैट पर व समूह में लिखित रूप से दी गालियाँ! उल्हासनगर मनपा ही नहीं ठाणे जिले में जहां तक पालक मंत्री व नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे के हाथ पहुंचे वहां वहां चुने हुए भ्रष्ट आचरण वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति करवायी है। अगर किसी ने प्रकाश मुले को कम रिश्वत दी तो वह खुलेआम बोलता है शिंदे मेरा बाप है।
अग्निपर्व टाइम्स के ब्लॉग पर मैंने एक खबर लिखा था कि दो सौ मीटर के प्लाटों पर रिस्कबेस प्लान पास करवाने की जिम्मेवारी वास्तुविशारद या प्लान बनाने वाले के अलावा प्रभाग अधिकारी की होती है। जल्दी काम शुरू करने की इजाजत देना ही इसका मूल मकसद होता है। परंतु इसका गैरवाजिब फायदा उठाकर प्रभाग अधिकारी से सांठ-गांठ कर भवन निर्माताओं ने G+2 की इजाजत पर 5 और 6 मंजिला इमारतें बना ली हैं। रिस्कबेस प्लान के नामपर कई जगह सरकारी व गैरसरकारी जमीनें भी हड़पी गयी हैं। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि अब लगभग 5/6 सौ इमारतों की करने का और जांच के बाद अवैध होने पर तोड़ने का नोटिस जारी करने की तैयारी में उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त डॉ.राजा दयानिधि और प्रकाश मुले हैं।
इसी तरह सेंचुरी रेयान कंपनी एक प्लांट बना रही है और उसके पास शहर की कुल कीतनी भूमी है और उनके द्वारा निर्मित इमारतों दुकानों, स्कूल, बैंक, मंदिर तथा बंगलों के प्लान पास होने के दस्तावेज मिलने के लिए एक आरटीआई लगाई थी। जिसके जवाब में मुले ने पता कन्फर्म न होने का बहाना बना लिया और जवाब नहीं दिया।
इसी तरह शहाड उड़ान पुल के उतरान पर पैराडाइज कंपनी द्वारा निर्माणाधीन 36 मंजिला इमारत जो एक प्राकृतिक नाले पर बनायी जा रही है, साथ ही इस इमारत का प्लान 20 मंजिलों का ही पास हुआ था बाद में वह 36 मंजिल का हो गया है। यह इमारत मूल रुप से एक इंडस्ट्री पर बनायी जा रही है। अब उको इंडस्ट्रियल जोन से, कॉमर्शियल और फिर रेसीडेंसियल किस आधार पर हुआ उसका खुलासा करने के लिए कहा गया।
ऐसी ही कई खबरों से परेशान होकर प्रकाश मुले ने पहले मिलने के लिए कई संदेश दिया, मिलने न जाने और उनके भ्रष्टाचार को अग्निपर्व टाइम्स संपादक द्वारा उजागर किये जाते रहने से नाराज होकर शहर रचनाकार प्रकाश मुले ने वाटशाप पर धमकी, अपशब्द के साथ गाली तक लिखकर भेजा है। ऐसा पता चला है कि कयी वाटशाप समूह जिन पर अग्निपर्व संपादक नहीं है उनपर भी अपशिष्ट भाषा में बदनामी कारक चैट भेजा गया है। इन धमकियों और गाली-गलौज से अग्निपर्व घबराने वाला नहीं और भ्रष्टाचार पर खुलासा रोकने वाला नहीं। देश की आजादी के लिए लोगों ने बड़ी यातनाएं और अपमान सहे हैं तब यह आजादी मिली है। भ्रष्टाचार और गुंडप्रवृत्ती के लोगों के खिलाफ लिखने और बोलनेपर इस तरह की यातनाएं झेलनी पड़ सकती है इसका ज्ञान मुझे था और है, उसके बावजूद बेधड़क लिखने पर गाली और धमकी देनेवालों को यह सोच लेना चाहिए मेरी कलम की आवाज सिर्फ मेरी मौत ही रोक सकती है।
इसी तरह कोनार्क रेसीडेंसी, रिजेंसी एंटीलिया, सेंट्रल अस्पताल के सामने पोस्ट व टेलिग्राफ के लिए रिजर्व साईट का प्लान पास करने के अलावा कई अवैध इमारतों को रुपये देकर कंपलिसन देने की खबरों के बदले इनाम स्वरूप यह गाली मिली है। इस गाली को मैं एक पारितोषिक मानते हुए अपने सर और माथे से लगाते हुए अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ कि एक भ्रष्टाचारी आज भी कलम से घबराता है।
" भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले पालक मंत्री, भ्रष्ट आयुक्त और शहर रचनाकार को सलाम भेज रहा हूँ कृपया कबूल करें" मैं तो रुकनेवाला नहीं नयी गालियाँ तैयार रखें।
मैं शिवसेना के 80% समाज सेवा और 20% राजनिति व हिन्दूत्व प्रेम की प्रेरणा से प्रेरित होकर शिवसेना से जूड़ा था। परंतु अब मोह भंग हो गया है। एक शिवसैनिक का शिवसेना को जय हिंद!
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