उल्हासनगर : ठाणे जिले उल्हासनगर मनपा का पदपथ (Footpath) विभाग बना हफ्ता वसूली पथक! शहाड उड़ानपुल के निचे फेरीवालों फल सब्ज़ी बेचने वालों से उल्हासनगर महानगरपालिका के कर्मचारी को हर सोमवार चाहिए पांच सौ रुपया नहीं तो धंधा बंद करो का फरमान जारी। उमनपा कर्मचारियों को रुपये दो और फुटपाथ व आने-जाने का रास्ता बंद कर दो चलेगा!
प्रशासक डा. राजा दयानिधी
बतादे शहाड स्टेशन उड़ानपुल के नीचे कई लोग हाथ गाड़ी लगा कर फल व सब्जियां बेचते हैं। इसी कमाई के जरिए अपना व परिवार का गुजारा करते हैं। इन फेरीवालों को सरकारी जगह पर ठेलागाड़ी लगाने के लिए कुछ स्थानीय गुंडों को हर दिन सौ से तीन सौ रुपये देने पड़ते हैं। रेल्वे पुलिस के अलावा टपोरियों को भी कुछ न कुछ देकर सम्भालना पड़ता था, अब उमनपा के पालतू गुंडों को हर हफ्ते रुपये 500/ और देने पड़ेंगे इस तरह अब हर ठेलेवाले को हर दिन 500 - 600 रुपये गुंडाटैक्स देना पड़ेगा।
उमनपा ने पहले ही पदपथ खाली कराने के एवज में प्रतिदन रुपये 40/ की रसीद देना शुरू किया है। जिसका नतीजा यह हुआ कि पदपथ छोड़कर लोगों को सड़कों पर चलना पड़ता है। हर दिन दुर्घटना में कोई न कोई घायल होता है। दुर्घटना से बच जाने पर झगड़े व मारपीट का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह उल्हासनगर महानगरपालिका जनता को सुख-सुविधा देने के लिए न होकर वसूली पथक बनकर रह गया है। वसूलीबाज प्रशासक डा.राजा दयानिधी के रहते उल्हासनगर मनपा की दशा-दिशा बदल नहीं सकती।
शिवसेना की अगुवाई में चल रही महावसुली सरकार के प्रतिनिधि दयानिधी ने हर सप्ताह रु. 500/ फेरीवालों से वसूल करना शुरू कर दिया है। जब मनपा कर्मचारियों से इस बारे में पुछा गया तो उनका जवाब था कि रेल्वे प्रवासीयो की शिकायतों को हम नजर अंदाज करते हैं। पुल के नीचे धंधा लगाने दे रहे हैं। पैसे नहीं तो धंधा नहीं लगाने देंगे पांच सौ रुपये की पावती हर सोमवार को देना ही होगा। वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्रसिंह भुल्लर महाराज के पास शिकायत लेकर पहुंचे ठेलेवाले तो उन्होंने भी कहा मनपा कर्मचारी कुछ भी कर सकते हैं। कितना भी वसुली कर सकते हैं। मैं कुछ नहीं कर सकता। इस तरह की अवैध वसूली पर अंकुश लगानेवाला कौन हो सकता है? उसके इंतजार में जनता!
उमनपा ने पहले ही पदपथ खाली कराने के एवज में प्रतिदन रुपये 40/ की रसीद देना शुरू किया है। जिसका नतीजा यह हुआ कि पदपथ छोड़कर लोगों को सड़कों पर चलना पड़ता है। हर दिन दुर्घटना में कोई न कोई घायल होता है। दुर्घटना से बच जाने पर झगड़े व मारपीट का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह उल्हासनगर महानगरपालिका जनता को सुख-सुविधा देने के लिए न होकर वसूली पथक बनकर रह गया है। वसूलीबाज प्रशासक डा.राजा दयानिधी के रहते उल्हासनगर मनपा की दशा-दिशा बदल नहीं सकती।
शिवसेना की अगुवाई में चल रही महावसुली सरकार के प्रतिनिधि दयानिधी ने हर सप्ताह रु. 500/ फेरीवालों से वसूल करना शुरू कर दिया है। जब मनपा कर्मचारियों से इस बारे में पुछा गया तो उनका जवाब था कि रेल्वे प्रवासीयो की शिकायतों को हम नजर अंदाज करते हैं। पुल के नीचे धंधा लगाने दे रहे हैं। पैसे नहीं तो धंधा नहीं लगाने देंगे पांच सौ रुपये की पावती हर सोमवार को देना ही होगा। वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्रसिंह भुल्लर महाराज के पास शिकायत लेकर पहुंचे ठेलेवाले तो उन्होंने भी कहा मनपा कर्मचारी कुछ भी कर सकते हैं। कितना भी वसुली कर सकते हैं। मैं कुछ नहीं कर सकता। इस तरह की अवैध वसूली पर अंकुश लगानेवाला कौन हो सकता है? उसके इंतजार में जनता!
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