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फिर एक शिकायत हुई है, होगी कार्रवाई या तोड़पानी !!

सासु मां के नक्शे कदम पर बहूरानी, आरक्षित भूखंड बचाने निकली हैं पंचम कालानी, या फिर कुछ और है चाहत !! 
    पंचम कालानी ओमी व पप्पू कालानी के साथ 

उल्हासनगर : ठाणे जिले उल्हासनगर मनपा के उद्यान व निर्वासितों के लिए आरक्षित भूखंड पर अतिक्रमण के विरोध में राष्ट्रवादी पार्टी जिला अध्यक्ष पंचम कलानी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ कोंकण विभाग विभागीय आयुक्त को पत्र लिखकर शिकायत किया है, चार महिने बीत जाने के बाद भी पत्र पर कोई उचित कारवाई न होने से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।
  विधायक कुमार ऐलानी 

उल्हासनगर साईट नं. 31, के 8098 वर्ग फुट का भूखंड जो उद्यान व निर्वासितों के लिए (pool property) के लिए आरक्षित था वह भूखण्ड स्थानिय विधायक के एक रिश्तेदार को वरिष्ठ शासकिय अधिकारियों से सांठगांठ कर, सभी नियम कानून को ताक पर रखकर हस्तांतरित कर दिया है। इस भूखंड का आजका बाजार भाव 80 से 90 करोड़ रुपये होने की जानकारी भी कालानी ने मुख्य मंत्री सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया है। हस्तांतरण बनावटी व बोगस कागज पत्र के आधार पर किया गया है। ऐसा गंभीर आरोप भी कालानी ने अपने 24/1/ 22 को लिखे शिकायती पत्र में लगाया है
    आयुक्त राजा दयानिधी 

इस हस्तांतरण पर स्थगन देने की मांग श्रीमती कलानी ने किया है। प्रकरण में भ्रष्टाचार होने की आशंका भी व्यक्त किया गया है। इसलिए इस प्रकरण की जांच भ्रष्टाचार विरोधी पथक (Anti Corruption) को देकर पूर्णतया जांच होने तक चीफ सेटलमेंट कमिश्नर पंकज देवरे व एसडीओ जयराज कारभारी के आदेश पर अमल न किया जाय, इस प्रकार की विनती व मांग पंचम कालानी ने मुख्यमंत्री व अन्य शासकिय अधिकारियों को दिये गये पत्र में किया है।
    शहर रचनाकार प्रकाश मुले 

उल्हासनगर मनपा में आरक्षित भूखण्ड हड़पे जानेका यह कोई नया मामला नहीं है और न ही शिकायत करने का! उल्हासनगर विधानसभा से विधायिका रही स्व. ज्योति कालानी ने महाराष्ट्र के विधानसभा में शहाड स्टेशन के पास स्थित कोनार्क रेसीडेंसी, सेंचुरीस्कूल के सामने म्हारलगांव स्थित रिजेंसी एंटीलिया व 17 सेक्सन हिल एरिया स्थित दी एम्पायर हिल्स नामक इमारत जो आरक्षित भूखण्ड पर होने के साथ ही फर्जी कागजातों के आधार पर नक्शा पास कर बनाई गयी है। 

ऐसे सैकड़ों अवैध निर्माण हैं जिनकी शिकायत होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है। यह तीन तो उदाहरण मात्र हैं। साथ ही नक्शा पास करते समय भवन निर्माता द्वारा मानी गयी शर्तो को पूर्ण न किए जाने का आक्षेप होने के बावजूद अवैध निर्माण बड़े शान से खड़े ही नहीं हैं बल्कि पूर्णता प्रमाणपत्र दिया जारहा है। उल्हासनगर तीन में सेंट्रल हास्पिटल के सामने पोस्ट व टेलिग्राफ के लिए आरक्षित भूखण्ड पर नीजी इस्तेमाल के लिए बहु मंजिला इमारत का निर्माण हो रहा है। चुने हुए भूखण्डों पर कब्जे की शिकायत क्या दर्शाता है? यह कहने की जरूरत नहीं है। सोने पर सुहागा यह हुआ की कोणार्क रेसीडेंसी में पप्पू कालानी के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले नगरसेवक लासी रहने पहुंच गये। इसलिए शिकायत क्यों की जाती है? उसका परिणाम क्यों नहीं निकलता यह समझना कोई मुश्किल काम नहीं है। शायद इसीलिए कहा जाता है उल्हासनगर में सब कुछ चलता है। 

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