कमलेश खतुरानी और राजेश नागदेव
उल्हासनगर : महाराष्ट्र ठाणे जिले के उल्हासनगर मनपा में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए और भ्रष्ट आचरण के सहा.आयुक्त गणेश शिंपी को पदच्युत करने के लिए, इससे पहले भी कमलेश खतुरानी और राजेश नागदेव मुंबई के आजाद मैदान पर 45 दिनों तक उपोषण के अलावा लगभग महाराष्ट्र और दिल्ली के सभी अधिकारियों से लिखा-पढ़ी करने के बाद भी न्याय न मिलता देख, अब राष्ट्रपति भवन के सामने बैठे हैं उपोषण पर देखना है क्या होता है।
बतादें उल्हासनगर महानगरपालिका में कार्यरत सहायक आयुक्त गणेश अरविंद शिंपी को उल्हासनगर महानगर पालिका में दिनांक 10 मई 1999 के दिन लघुलेखक (निम्नश्रेणी) के पद पर महाराष्ट्र शासकीय नागरी सेवा नियमानुसार नियमित किया गया। मई 2013 में रिश्वत प्रतिबंधक विभाग द्वारा रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गये और 8 मई 2013 को न्यायालय ने 13 मई 2013 तक के लिए पुलिस कोठरी का आदेश सुनाया और शिंपी को लघुलेखक महाराष्ट्र नागरी सेवा (अनुशासन व अपील) की धारा 1979 के नियम 4 अनुसार अगले आदेश तक के लिए महापालिका सेवासे निलंबित कर दिया गया था। तत्पश्चात 16 जुलाई 2014 को निलंबन समीक्षा समिति द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार 6/9/2014 को लघु लेखक के रूप में अकार्यकारी पद पर बहाल करने का निर्णय लिया गया।
गणेश शिंपी के नामपर मध्यवर्ती पोलीस स्टेशन में गु.रजि.नं. १४८/२०११, भा.द.सं. की धारा ३०६,३४ और गु.रजि.नं.||१७७/२०११ भा.द.सं. की धारा ३५४,५०९,५०४,५०६/३४ सह.अ.जा. ज. अधि.१९८९ के कलम ३ (१)(१०)(११)(१२), २(७) के अनुसार विठ्ठलवाडी पुलिस स्टेशन गु.रजि.नं. ||१५ /२०१३, भ्रष्टाचार प्रतिबंधक नियम सन १९८८ की कलम ७,१३(१)(ड)(२) अनुसार इसी तरह हिल लाईन पुलिस स्टेशन में ६८९/२०१५, ४३८/२०१६, ११९९/२०१७ भा.द.सं. की धारा ३२३,५०४,५०६ जैसे 3 अनसुलझे गंभीर अपराधों का रिकॉर्ड होने के बावजूद गणेश शिम्पी को प्रभाग समिती 3, 4 और 1 के प्रभारी सहायक आयुक्त के रूप नियुक्त किया गया जो कानून का उल्लंघन ही नहीं अवैध भी है। अवैध निर्माण में सहायता के लिए रिश्वत लेते समय भ्रष्टाचार विरोधी विभाग द्वारा पकड़े जाने के बावजूद, इस भ्रष्ट अधिकारी को अनधिकृत निर्माण नियंत्रण विभाग के अधिकारी पद पर नियुक्ति किए जाने के विरोध में कमलेश खतुरानी और राजेश नागदेव ने आजाद मैदान पर 45 दिनों तक उपोषण किया गया परंतु आज भी गणेश शिंपी सहा. आयुक्त बने हुए हैं। आयुक्त राजा दयानिधी व महापौर लिलाबाई आसान
इसी तरह अपने फायदे के लिए आयुक्त डा. राजा दयानिधी ने मनोज गोकलानी, जिसने 10 वीं भी नहीं पढ़ा उसे कर निर्धारक पद दिया गया है। जेठानंद ताराचंद करमचंदानी जो 12 वीं भी नहीं पढ़ा उसे कर निर्धारक का पद दिया गया है। सिर्फ अपने नीजी फायदे के लिए, इन लोगों ने उमनपा का करोड़ों का नुकसान किया है और अपने लिए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। इसी तरह राजा बुलानी रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया है उसे न्याय विभाग में नियुक्त किया गया है। मनीष हिवरे 12 वीं पास जिसे सन 2003 में बागवानी के लिए भर्ती किया गया था, उसे आरोग्य विभाग के योग्य कर्मचारियों को दरकिनार कर आरोग्य विभाग में पदोन्नति दी गई है। उपरोक्त सभी बातों की शिकायत स्थानीय उमनपा आयुक्त और असंवेदनशील महाराष्ट्र सरकार से करने के बाद भी सुनवाई न होने पर कमलेश खतुरानी और राजेश नागदेव भारत के राष्ट्रपति के दरबार में पहुंचे हैं। अब देखना यह है कि महाराष्ट्र की महाभ्रष्ट शिवसेना राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी की आघाड़ी सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रपति दंडित करते हैं या नहीं।
इसी तरह अपने फायदे के लिए आयुक्त डा. राजा दयानिधी ने मनोज गोकलानी, जिसने 10 वीं भी नहीं पढ़ा उसे कर निर्धारक पद दिया गया है। जेठानंद ताराचंद करमचंदानी जो 12 वीं भी नहीं पढ़ा उसे कर निर्धारक का पद दिया गया है। सिर्फ अपने नीजी फायदे के लिए, इन लोगों ने उमनपा का करोड़ों का नुकसान किया है और अपने लिए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। इसी तरह राजा बुलानी रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया है उसे न्याय विभाग में नियुक्त किया गया है। मनीष हिवरे 12 वीं पास जिसे सन 2003 में बागवानी के लिए भर्ती किया गया था, उसे आरोग्य विभाग के योग्य कर्मचारियों को दरकिनार कर आरोग्य विभाग में पदोन्नति दी गई है। उपरोक्त सभी बातों की शिकायत स्थानीय उमनपा आयुक्त और असंवेदनशील महाराष्ट्र सरकार से करने के बाद भी सुनवाई न होने पर कमलेश खतुरानी और राजेश नागदेव भारत के राष्ट्रपति के दरबार में पहुंचे हैं। अब देखना यह है कि महाराष्ट्र की महाभ्रष्ट शिवसेना राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी की आघाड़ी सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रपति दंडित करते हैं या नहीं।
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