कमलेश दुबे
उल्हासनगर : ठाणे जिले की उल्हासनगर महानगरपालिका चुनाव समय पर होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। करोना के चलते चुनाव कराने की प्रक्रिया देरी से शुरू हुई प्रभागों की सीमाएं तय तो हुई परंतु उसमें भारी आपत्ति और सुझाव के कारण ज्यादा समय लग सकता है। जहाँ एक ओर समय पर चुनाव होना मुश्किल लग रहा है। वंही कालानी सवा से डेढ़ करोड़ खर्च करने का वादा लेकर पर्चा भरवा रहे हैं, और वह भी पूरा रुपया कालानियों के पास जमा कराना होगा तब वार्ड के प्रचार-प्रसार का खर्चा कालानी देखेंगे इसलिए पुराने वफादार कार्यकर्ता राकपा से कर रहे हैं किनारा!
उल्हासनगर मनपा चुनाव को देखते हुए महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार ने जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे पप्पू कालानी को करोना के बहाने जेल से बाहर कर दिया। पप्पू कालानी ने बाहर आते ही टीओके को बर्खास्त करवाकर बहू पंचम कालानी को राकपा अध्यक्ष पद दिलवाकर एक तरह से पूरी राकपा को कालानी महल में समेट कर रख दिया है। पप्पू कालानी ने राकपा को कयी बार झटका दिया है। फिर भी राकपा अध्यक्ष शरद पवार का कालानी से मोह भंग नहीं हो रहा है। राकपा के दो मंत्री जेल में होने के बाद, राकपा किस तरह की पार्टी है और इनका उद्देश्य क्या है यह समझने और समझाने की जरूरत नहीं बची है।
शहर के कुछ भू-माफिया और अवैध निर्माणकर्ता, गुनाहगारों को ब्लैकमेल कर अपने आगे-पीछे घुमाकर अपना माहौल बनाने की कोशिश कर रहे, झूंठ फरेब में माहिर कालानी को देखकर लोगों को लगने लगा है, कि राकपा का टिकट अगर, मिल गया तो वह नगरसेवक बन जायेगा। चुनाव की घोषणा हुई नहीं फिर भी दिखावे के लिए कालानी महल में टिकट के फार्म भरे जाने लगे, फार्म भरने वालों से पहला सवाल होता है सवा से डेढ़ करोड़ खर्च करना पड़ेगा? रुपया कालानी महल में जमा कराना पड़ेगा तब सारा खर्च वे देखेंगे!
पप्पू कालानी के नगराध्यक्ष रहते हुए 20 रुपया फुट लेकर अवैध बहुमंजिला इमारतों का निर्माण हुआ, जिनमें से कुछ इमारतें गिरी जिनमें कुछ लोगों की मौत हो गई। बचे हुए लोग घर से बेघर हो गये उनको कोई मुआवजा नहीं मिल सका क्योंकि इमारत अवैध थी। फिर भी उल्हासनगर के लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
इसी तरह उनके सुपुत्र भी मांडवली कराने के लिए जाने जाते हैं। मांडवली में 30 से 40% की कमीशन लेते हैं। बतादें कि कुछ दिनों पूर्व स्वामिनी सारी पर ठाणे गुनाह शाखा के लोगों ने तत्कालीन वरि.निरीक्षक राजकुमार कोथमिरे के नेतृत्व में ठाणे पुलिस द्वारा फर्जी ईडी अफसर बनकर छापा मारा गया था। वह छापा रोकने के लिए ओमी कालानी ने दो करोड़ रुपया लिया था ऐसी चर्चा थी। वह खबर अग्निपर्व टाइम्स और एबीआई ने प्रमुखता से छापा था परंतु उसका कोई जवाब आज तक नहीं आया और न ही पुलिस ने संज्ञान लेकर उस खबर की जांच की। जबकि उस छापे का खबरी आज भी अपने ईनाम के लिए ईडी कार्यालय के साथ पत्राचार कर रहा है। हमारे देश के नेता अधिकारियों को आम जनता की बात पर ध्यान देने के लिए समय ही कहाँ है। इसलिए पप्पू कालानी और ओमी कालानी जैसे गुनाहगार नेता बनकर घूमते हैं और चुनावी खर्च का रुपया अपने पास जमा करवाने के लिए कहते हैं।
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